।। दक्षा वैदकर।।
जब भी कंप्यूटर हैंग हो जाता है, स्लो काम करता है, कोई प्रोग्राम अटक जाता है, कोई चीज अपलोड नहीं हो रही होती है या हम जो काम करना चाहते हैं वह नहीं हो रहा हो, तो ऐसे में हम एक ही काम करते हैं ‘कंट्रोल, अल्ट, डिलीट’ बटन दबा देते हैं. ऐसा करने से सिस्टम रिबूट हो जाता है और चंद सेकेंड में ही बिल्कुल ठीक काम करने लगता है.
कंप्यूटर को हैंग करनेवाली सारी गड़बड़ चीजें बंद हो जाती हैं. दोस्तों, हमारा दिमाग भी कुछ ऐसा ही है. कई बार वह काम करना बंद कर देता है. पुरानी यादों में खो जाता है, समझ ही नहीं आता कि हम क्या करें. ऐसे में हमें भी अपने दिमाग को हैंग होने से बचाने के लिए कंट्रोल, आल्ट और डिलीट बटन को दबाना चाहिए. ताकि आपका दिमाग पिछले सारी गड़बड़ चीजों को हटा दे और बिल्कुल फ्रैश माइंड के साथ आप काम पर दोबारा लग जायें.
आपको बता दें कि इन तीन बटनों में ही सफलता की चाबी छिपी है. यहां कंट्रोल बटन का मतलब है, खुद पर नियंत्रण बनाये रखना. कोई कुछ भी कहे, खुद को शांत रखना. बुरा नहीं मानना और न दुखी होना. कुल मिला कर अपनी खुशियों का रिमोट किसी और के हाथ में न देना. यह बटन इसलिए जरूरी है, क्योंकि आज हम सभी का जीवन दूसरों की बातों और उनके व्यवहार पर निर्भर हो गया है.
यहां दूसरे बटन आल्ट का मतलब है अल्टरनेट यानी कि विकल्प. हर परिस्थिति में देखें कि आप कौन-सा दूसरा विकल्प चुन सकते हैं, जो आपके लिए बेहतर है. क्या परेशानियों को देखने का कोई दूसरा तरीका या कोई दूसरा विकल्प भी है? इस विकल्प को तलाशें. अपना नजरिया बदलें. ऐसा इसलिए, क्योंकि हम कई बार एक ही नजरिये को पकड़ कर रखते हैं और अपना नुकसान करते जाते हैं. तीसरे बटन डिलीट का मतलब है कि पुरानी सारी बातों को डिलीट कर दें, जो आपको तकलीफ देती हैं. कचरे को अपने दिमाग में भर कर न रखें. यह कचरा केवल स्पेस ले रहा है और बदबू फैला रहा है. दिमाग से कचरा हटाएं और वहां ज्ञानवर्धक चीजें ही रखें.
बात पते की..
कंप्यूटर में ढेर सारी चीजें सेव कर देने से उसकी स्पीड कम हो जाती है, उसी प्रकार दिमाग में फालतू चीजें भरने से उसकी क्षमता घट जाती है.
अपने कंप्यूटर रूपी दिमाग को समय-समय पर क्लीन करते रहें. देखें कि कौन-सी चीज काम की नहीं है, उसे तुरंत डिलीट मारें.