काठमांडो : भारत से ईंधन की सप्लाई रुक जाने के कारण नेपाल में ईंधन का संकट गहराता जा रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार अब नेपाल के पास केवल आपात स्थिति के लिये ही ईंधन शेष रह गया है. आपको बता दें कि नेपाल की तराई में मधेसी आंदोलन के कारण भारत से ट्रक नेपाल में प्रवेश नहीं हो पा रहा है जिसके कारण वहां के हालात गंभीर होते जा रहे हैं. वहीं नेपाल ऑयल कॉर्प ने देश में ईंधन वितरण से इंकार कर दिया है. नेपाल ऑयल कॉर्प ने कहा कि उसके पास आपात स्थिति में उपयोग के लिए रखे गए ईंधन के अलावा ईंधन का भंडार समाप्त हो चुका है.
इधर, नेपाल के उप प्रधानमंत्री ने मंगलवार को कहा कि नये संविधान के लागू होने के बाद जारी राजनीतिक संकट के बीच देश के गंभीर ईंधन संकट का सामना करने पर भी सरकार राष्ट्रीय गरिमा और ‘संप्रभुता’ बरकरार रखेगी. उप प्रधानमंत्री चित्र बहादुर केसी ने कहा, ‘‘राष्ट्रीयता, राष्ट्रीय संप्रभुता और लोगों की गरिमा के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं होगा हालांकि लोग सीमा पर नाकेबंदी के चलते ईंधन और आवश्यक वस्तुओं की जबरदस्त किल्लत का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नेपाल के लोग ईंधन और वस्तुओं के लिए राष्ट्रीयता से समझौता नहीं करेंगे हालांकि सीमा पर नाकेबंदी के चलते जनजीवन प्रभावित हुआ है. वह गरीबी उन्मूलन मंत्री भी हैं.
भारत ने कहा कि नेपाल के ‘अंदरुनी कारक’ सीमा पर नाकेबंदी के लिए जिम्मेदार हैं और इस गतिरोध को तोडने के लिए एकमात्र तरीका वार्ता है. एक दिन पहले नेपाली कैबिनेट ने नई दिल्ली से ईंधन और दवाओं सहित आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को सुगम करने का आपैचारिक अनुरोध किया था. इस बीच मुख्य विपक्षी नेपाली कांग्रेस के नेता कृष्ण प्रसाद सितौला ने कहा कि नये संविधान के सात प्रांतों के संघीय ढांचे में फौरन कोई बदलाव नहीं होगा.