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बिहार चुनाव : अब निगाहें अंतिम चरण के चुनाव पर

आशुतोष के पांडेय पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के पांचवे चरण के लिए चुनाव प्रचार मंगलवार शाम को थम गया. लगभग दो महीने तक चले इस लंबे चुनाव अभियान में नेताओं ने अपने-अपने प्रत्याशियों के लिएजमकर प्रचार किया. पांच नवंबर को अंतिम चरण के वोट डाले जाने हैं,जिसके बाद सबों की नजरें आठ नवंबर को […]

आशुतोष के पांडेय

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के पांचवे चरण के लिए चुनाव प्रचार मंगलवार शाम को थम गया. लगभग दो महीने तक चले इस लंबे चुनाव अभियान में नेताओं ने अपने-अपने प्रत्याशियों के लिएजमकर प्रचार किया. पांच नवंबर को अंतिम चरण के वोट डाले जाने हैं,जिसके बाद सबों की नजरें आठ नवंबर को होने वाली मतगणता पर टिक जायेगी. इस चरण में सीमांचल-मिथिलांचल के 9 जिलों में कुल 57 सीटों पर वोट डाले जाने हैं. एनडीए के साथ रालोसपा, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और लोजपा के नेताओं ने प्रचार किया. वहीं महागंठबंधन के जदयू, कांग्रेस और राजद नेताओं ने भी अपने-अपने प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार किया.

यहां डाले जाएंगे वोट

पांच नवंबर को सुबह सात बजे से पांच बजे तक मतदान होने वाले जिलों में सार्वजनिक अवकाश रहेगा. मतदान की समाप्ति तक सभी जिलों में शराब की खरीद-बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी. सुरक्षा कारणों की वजह से सहरसा की दो सीटों पर 3 बजे तक ही वोट डाले जाएंगे. अंतिम चरण मेंजिन सीटों पर वोट डाले जायेंगे, उनमेंमधुबनी के हरलाखी, बेनीपट्टी, खजौली, बाबूबरही, बिस्फी, मधुबनी और राजनगर हैं. वहीं सुपौल जिले के निर्मली, पिपरा,सुपौल, त्रिवेणीगंज और छातापुर में वोट डाले जाएंगे. अररिया के नरपतगंज, रानीगंज(सु), फारबिसगंज, अररिया, जोकिहाट और सिकटी में वोट डाले जाएंगे. जबकि किशनगंज में बहादुरगंज, कोचाधामन, ठाकुरगंज और किशनगंज में वोट डाले जाएंगे. जबकि पूर्णिया के बायसी, अमौर, कसबा, बनमनखी(सु), रुपौली, धमदाहा, पूर्णिया में वोट डाले जाएंगे. कटिहार के कटिहार, कदवा, बलरामपुर, प्राणपुर, मनिहारी(सु), बरारी, कोढ़ा(सु) में , मधेपुरा के आलमनगर, बिहारीगंज, सिंहेश्वर (सु) और मधेपुरा में वोट डाले जाएंगे. वहीं, सहरसा के सोनबरसा(सु), सहरसा, सिमरी, बख्तियारपुर,और महिषी में वोट डाले जाएंगे. दरभंगा के गौराबौड़ाम, बेनीपुर, अलीनगर, कुशेश्वरस्थान(सु), दरभंगा ग्रामीण, दरभंगा, हायाघाट, बहादुरपुर, केवटी और जाले में वोट डाले जाएंगे.

इस चरण में कुल 827 उम्मीदवार मैदान में हैं जबकि 1.55 करोड़ मतदाता इन उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के मुताबिक सीमावर्ती जिलों किशनगंज, सहरसा जिनकी सीमा अंतरराष्ट्रीय सीमा है उसे सील करने का आदेश दे दिया गया है. सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त के लिए विडियो कांफ्रेसिंग के जरिए निर्देश दे दिया गया है.

हर चरण में बदलतेरहे मुद्दे

बिहार विधानसभा चुनाव में प्रथम चरण से लेकर अंतिम चरण तक मुद्दे बदलते रहे. पहले चरण तक बिहार में बीजेपी की ओर से केंद्र सरकार द्वारा दिया गया पैकेज मुद्दा बना रहा. इसमें बिहार को एक लाख पैसठ हजार करोड़ देने की बात की गयी. इसे विरोधियों ने सिर्फ जुमला बताया. वहीं कालाधन वापसी के साथ अगड़ा और पिछड़ा का मुद्दा हावी रहा. दूसरी ओर एनडीए लालू पर लगातार हमलावर रहा और जंगलराज पार्ट टू के मुद्दे को अंतिम चरण तक ले गया. वहीं दूसरा चरण आते-आते नेताओं के बयानों में तल्खी दिखने लगी. मामला नरभक्षी से शुरू हुआ और गोमांस के साथ शैतान तक चला. दूसरे और तीसरे चरण में शैतान नरभक्षी शब्द हावी रहे. कबूतर काटने के साथ कौवों के बलि देने की बात होने लगी. चौथे चरण में जंतर-मंतर पूरे परवान पर रहा और पांचवे का अंत भी ज्योतिष और औघड़ के मुद्दे के साथ आज शाम को समाप्त हुआ. बिहारी और बाहरी का मुद्दा दूसरे चरण से ही हवा में तैरने लगा.

बीजेपी के स्टार प्रचारक रहे पीएम

बिहार विधानसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी एनडीए की ओर से स्टार प्रचारक रहे. लोकतंत्र के इतिहास में किसी राज्य के लिए आजतक किसी पीएम ने इतनी सभाएं नहीं की होगी. पीएम ने अंतिम चरण आते-आते हवाई ही सही पूरे बिहार को माप दिया और लगभग 26 जनसभाएं की. पीएम की रैली के केंद्र में और उनके भाषणों में लालू-नीतीश छाए रहे. पीएम ने बिहार को अपने काम के हिसाब देने का वादा करके वोट मांगा और लोगों से बिहार के विकास के लिए मतदान करने की बात कही. वहीं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी धुँआधार प्रचार किया और पूरे बिहार में चुनावी सभा की.

महागंठबंधन के स्टार प्रचारक

महागंठबंधन की ओर से स्टार प्रचारक सीएम नीतीश कुमार रहे जबकि लालू ने भी खूब चुनाव प्रचार किया. कई सभाओं में माइक वाले को डांटने और मंच पर लालू के ऊपर पंखा गिरने की घटना सुर्खियों में रही. वहीं दूसरी ओर नीतीश ने अपने सीधे और प्रश्नवाचक अंदाज में लोगों को संबोधित किया. लालू जहां अपने पूराने अंदाज में मंडल-कमंडल की बात करते दिखे वहीं नीतीश ने बिहारी और बाहरी के साथ बिहार के विकास में जदयू की भूमिका के साथ अपने सरकार की सराहना करते हुए एक बार और मौका देने की बात कही.

कॉरपोरेट स्टाइल मेंहुआप्रचार

हवा में सड़क की तरह ट्रैफिक होता तो वहां भी जवान ड्यूटी करते लेकिन हेलिकॉप्टरों के शोर में जमीनी मुद्दे की आवाज गुम सी हो गयी. वामपंथी पार्टियों को छोड़ दें तो सभी पार्टियों ने उड़नखटोलों पर करोड़ो रुपए पानी की तरह बहाए. यहां तक की तीसरा मोर्चा भी इसमें पीछे नहीं रहा. स्टार वार में हेमामालिनी के साथ अजय देवगन और स्मृति इरानी बीजेपी के लिए पहुंचे, वहीं कांग्रेस की ओर से नगमा और राजबब्बर ने कमान संभाली. कॉरपोरेट स्टाइल में सभी पार्टियों ने जनसंपर्क एजेंसियों का साथ लिया और उन्हें लाखों रुपए की फीस चुकाकर सोशल मीडिया को भी मतदाताओं को प्रभावित करने का हथियार बनाया. हालांकि चुनाव आयोग की वजह से चुनाव में मधुशाला की नदियां बहने से रहीं और करोड़ों के अवैध शराब जब्त हुए और करोड़ों रुपए की अवैध राशि की बरामदगी हुई सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार भी किया गया.

विवादास्पद बयान रहे हावी

चुनाव प्रचार के दौरान कुछेक नेताओं को छोड़ दें तो चुनाव आयोग को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और शरद यादव को फटकार लगायी. वहीं लालू यादव के अमित शाह को नरभक्षी कहने से शुरू हुई विवादास्पद बयानों की कहानी गोमांस और पाकिस्तान पर जाकर थमी. नेताओं ने एक दूसरे को विवादास्पद बयानों से नवाजा. इस दौरान कई जगह और कई थानों में नेताओं पर मुकदमें भी दर्ज हुए और आखिरकार मंगलवार तीन नवंबर को बिहार विधानसभा के चुनाव प्रचार का शोर थम गया.

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