लंदन : भारत उन देशों की सूची में पाकिस्तान के बाद दूसरे स्थान पर है जिनके मूल के ब्रिटिश नागरिकों से संबंधित जबरन शादी के मामले प्रकाश में आए हैं. ब्रिटेन में एक साल पहले आज के दिन ही जबरन शादी को अपराध करार दिया गया था. यहां ‘फोर्स्ड मैरिज यूनिट’ (एफएमयू) ने कहा है कि उसने अलग अलग देशों से जुडे लोगों के मामलों को देखा है. इनमें पाकिस्तान (38.3 फीसदी), भारत (7.8 फीसदी), बांग्लादेश (7.1 फीसदी), अफगानिस्तान (3 फीसदी), सोमालिया (1.6 फीसदी), तुर्की (1.1 फीसदी)और श्रीलंका (1.1 फीसदी) शामिल हैं.
दुर्व्यवहार और शोषण के मामलों को रोकने से संबंधित विभाग के मंत्री कैरेन ब्रैडली ने कहा, ‘‘हमने जबरन शादी को अपराध की श्रेणी में डाल दिया ताकि पीडितों की बेहतर ढंग से सुरक्षा हो सके और यह स्पष्ट संदेश दिया जा सके कि निर्मम चलन पूरी तरह अस्वीकार्य और और इसे ब्रिटेन में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हम उम्मीद करते हैं कि यह व्यवस्था प्रतिरोधक का काम करेगी.’’ यहां के कानून के मुताबिक किसी की उसकी मर्जी के खिलाफ शादी करने के लिए मजबूर करना दंडनीय अपराध है और इसमें सात साल की सजा हो सकती है.