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कितने काम का प्रधानमंत्री बीमा

।।सेंट्रल डेस्क।। नरेंद्र मोदी सरकार ने 12 रुपये प्रीमियम में दुर्घटना बीमा और 330 रुपये प्रीमियम में जीवन बीमा शुरू किया है. यानी, साल में 342 रुपये खर्च करके दो लाख रुपये का दुर्घटना बीमा (प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना) और इतनी ही रकम का जीवन बीमा (प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना) लिया जा सकता है. […]

।।सेंट्रल डेस्क।।

नरेंद्र मोदी सरकार ने 12 रुपये प्रीमियम में दुर्घटना बीमा और 330 रुपये प्रीमियम में जीवन बीमा शुरू किया है. यानी, साल में 342 रुपये खर्च करके दो लाख रुपये का दुर्घटना बीमा (प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना) और इतनी ही रकम का जीवन बीमा (प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना) लिया जा सकता है. बैंकों के जरिये शुरू हुई इस योजना के लिए इतना कम प्रीमियम किसी को भी लुभा सकता है. यहां गौर करने की बात यह है कि दोनों बीमा योजनाओं के लिए सरकार बीमा कंपनियों को कोई अंशदान या मदद नहीं दे रही है, फिर प्रीमियम इतना कम कैसे है. इसे आप तब जान पायेंगे, जब इनके बारीक ब्योरों को समङोंगे. उपरोक्त दोनों बीमा योजनाएं जन धन योजना के अलावा हैं. जन धन में खाता खुलने के साथ अपने आप बीमा हो जाता है. जन धन में हादसे में मौत या अपंगता पर एक लाख रु पये का बीमा कवर है, तो स्वाभाविक मौत पर 30,000 रुपये का बीमा है. जन धन में बीमा के लिए कोई प्रीमियम नहीं देना है, बस यह जरूरी है कि हादसे से पहले 45 दिन के अंदर आपने ‘रुपे’ डेबिट कार्ड का इस्तेमाल किया हो.
बीमा योजनाएं : एक नजर में
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में हादसे में मौत होने या अपंगता होने पर बीमा मिलेगा. अगर हादसे में एक हाथ, एक पैर, एक आंख चली जाए तो एक लाख रुपये मिलेंगे. वहीं पूर्ण स्थायी विकलांगता की स्थिति में दो लाख रुपये का बीमा मिलेगा. यह योजना 18 से 70 साल के लोगों के लिए है. पॉलिसी की अवधि एक साल (1 जून-31 मई) होगी, जिसका हर साल नवीकरण कराना होगा. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना में किसी भी कारण से मृत्यु होने पर बीमा धारक के परिवार को दो लाख रुपये मिलेंगे. इसका सालाना प्रीमियम 330 रु पये है जो एक साथ देना होगा. इस पॉलिसी की अवधि भी एक साल (1 जून-31 मई) होगी, जिसका हर साल नवीकरण कराना होगा. आप इन दोनों बीमा योजनाओं के तहत सिर्फ एक -एक पॉलिसी ले सकते हैं. अगर एक व्यक्ति का तीन बैंकों में खाता है, तो वह तीन पॉलिसी नहीं ले सकता. अगर ले भी लेता है, तो भी सिर्फ एक पॉलिसी के तहत दावा भुगतान किया जायेगा. हां, एक परिवार के जितने सदस्यों के पास बैंक खाते हैं, वे सभी पॉलिसी ले सकते हैं.
सरलता है इसकी खास खूबी
सबसे अच्छी बात है कि ये पॉलिसियां लेने के लिए कागजी काम न के बराबर करना है. किसी चिकित्सकीय जांच की भी जरूरत नहीं. आप अपने बैंक के पास जायें, सिर्फ नामित (नॉमिनी) की जानकारी दें और बीमा करा लें. कई बैंक तो इसके लिए एसएमएस भी भेज रहे हैं. आपको नामित का नाम लिख कर जवाबी एसएमएस करना है और आपका बीमा हो जायेगा. प्रीमियम चुकाने में भी कोई झंझट नहीं है. हर साल मई के महीने में पैसा खुद-ब-खुद आपके खाते से कट जायेगा. हां, यह जरूरी है कि उस समय आपके खाते में पैसा रहे अन्यथा इसे प्रीमियम में चूक (डिफॉल्ट) माना जायेगा. अन्य जीवन बीमा योजनाओं की तरह इसमें किसी ग्रेस पीरियड का जिक्र नहीं है.
उम्र की पाबंदी है बड़ी खामी
सुरक्षा बीमा 18 से 70 साल तक के लोगों के लिए है. यानी कि इसमें ठीकठाक उम्र तक बीमा का लाभ मिलता है. लेकिन जीवन ज्योति बीमा योजना 55 साल की उम्र तक के लोगों के लिए है. 2011 की जनगणना के अनुसार देश में लगभग 20 करोड़ आबादी ऐसी है, जिसकी उम्र 50 साल से ज्यादा है. यानी 20 करोड़ लोग इससे यूं ही बाहर हो जायेंगे. बाजार में जो आम जीवन बीमा प्लान उपलब्ध हैं, उनमें 60 की उम्र तक शामिल हुआ जा सकता है और तकरीबन 100 साल की उम्र तक उनका नवीकरण कराया जा सकता है. आज अपने देश में औसत उम्र 67-69 साल है, ऐसे में सिर्फ 55 साल तक बीमा जमता नहीं है. मतलब साफ है कि पॉलिसियों की तादाद के मुकाबले बीमा कंपनी के पास बहुत कम दावे आयेंगे. मौत न होने की स्थिति में बीमा कंपनी से कुछ मिलना भी नहीं है. यानी कि अगर किसी ने 18 साल की उम्र में बीमा कराया और उसे 55 साल तक कुछ नहीं हुआ, तो 37 साल तक 330 रु पये का प्रीमियम बेकार गया.
इन बातों का रखें ध्यान
दोनों बीमा योजनाओं में बैंक सिर्फ माध्यम हैं, जो कमीशन के बदले काम कर रहे हैं. सुरक्षा बीमा की पॉलिसी सरकारी जेनरल इंश्योरेंस कंपनियां देंगी, जबकि जीवन ज्योति बीमा सरकारी जीवन बीमा कंपनी एलआइसी देगी. इन बीमा योजनाओं में शामिल होने की आखिरी तारीख 31 मई रखी गयी है, लेकिन सरकार ने इसे तीन महीने का विस्तार दिया है. याद रहे कि नवीकरण के समय प्रीमियम की राशि घट या बढ़ सकती है क्योंकि बीमा कंपनियां हर साल नये सिरे से प्रीमियम तय करेंगी. नया प्रीमियम इस बात पर निर्भर करेगा कि बीमा कंपनी के पास पॉलिसियों की तादाद के मुकाबले में भुगतान के लिए दावे कितने आते हैं. दोनों बीमा योजनाएं बैंक खाताधारकों के लिए हैं. जब तक आपके खाते में प्रीमियम भरने लायक पैसे रहते हैं तब तक आपकी पॉलिसी जारी रहेगी. अगर, खाते में पर्याप्त रकम नहीं है, तो आपका बीमा कवर समाप्त हो जायेगा. यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि अगर आप अपना बैंक खाता बंद करवाते हैं तो आपकी ये दोनों पॉलिसियां (अगर दोनों एक ही बैंक से ली गयी हैं तो), खाता बंद होने के दिन से ही अपने आप बंद हो जायेंगी. खाता बंद करवाने के बाद अगर कोई अनहोनी होती है तो परिवार को एक भी पैसा बीमा कवर का नहीं मिलेगा.

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