नयी दिल्ली : भारत और चीन ने लंबित सीमा मुद्दे पर आज 18 वें दौर की वार्ता की जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले साल सत्ता में आने के बाद पहली ऐसी भेंटवार्ता है.
सीमा सवाल पर विशेष प्रतिनिधि एवं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत दोभाल ने अपने चीनी समकक्ष और स्टेट काउंसिलर यांग चीजी से बातचीत की. बातचीत का यह नया दौर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भारत यात्रा के करीब छह माह बाद हो रहा है.
सितंबर में शी की यात्रा पर लद्दाख क्षेत्र के चुमार में चीनी सैनिकों के अतिक्रमण की छाया पडी थी. उसे शी की यात्रा के बाद दोनों पक्षों के हटने के साथ सुलझया गया था.
सीमा मुद्दे पर यह वार्ता मोदी की पहली चीन यात्रा से पहले हो रही है. मोदी मई के आखिर तक चीन जा सकते हैं. प्रधानमंत्री की चीन यात्रा की तैयारी के सिलसिले में पिछले महीने चीन की यात्रा करने वालीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सीमा विवाद को भावी पीढियों के लिए नहीं छोडने के लिए उसका हल लीक से हटकर ढूंढने पर बल दिया था.
चीन कहता है कि सीमा विवाद बस 2000 किलोमीटर खासकर अरुणाचल प्रदेश तक सीमित है, जबकि भारत का कहना है कि विवाद सीमा के पश्चिमी हिस्से में 4000 किलोमीटर को लेकर है जिसमें विशेषकर अक्साई चीन आता है. चीन ने 1962 की लडाई में उसे अपने में मिला लिया था.
