इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने आज आतंकवाद निरोधी अदालतों में दोषी पाए गए दो और कैदियों को फांसी पर लटका दिया. इसी के साथ दिसंबर में सजा-ए-मौत की बहाली के बाद से फांसी पर लटकाए जाने वाले दोषियों की तादाद 27 हो गई.अख्तर और साजिद को दो अलग-अलग मामलों में हत्या का दोषी पाया गया और आज सुबह ही उन्हें फैसलाबाद के केंद्रीय कारागार में फांसी दे दी गई.
अख्तर को वर्ष 2001 में फांसी की सजा सुनाई गई थी. यह सजा उसे आतंकवाद निरोधी अदालत ने 1999 में एक घर में जबरदस्ती घुसकर एक महिला से बलात्कार का प्रयास करने के बाद एक व्यक्ति की हत्या के सिलसिले में फैसलाबाद में दी थी. अख्तर की सभी याचिकाएं ठुकरा दी गईं और पीडित परिवार के साथ समझौते के प्रयास को भी अधिकारियों ने खत्म कर दिया.
इसी प्रकार साजिद को एक निजी झगड़े में महिला को मारने और उसके पति को घायल करने के सिलसिले आतंकवाद निरोधी अदालत ने 2001 में मौत की सजा मुकर्रर की थी. उसकी भी सभी याचिकाएं ठुकरा दी गईं. पेशावर में स्कूल पर तालिबान के हमले की घटना के बाद मौत की सजा को पाकिस्तान में पुन: प्रारंभ किए जाने के बाद से अब तक 27 लोगों को फांसी दी जा चुकी है.
मंगलवार को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार ने निर्णय लिया था कि हर तरह के मामलों में फांसी की सजा दी जाएगी. अभी देश में मौत की सजा पाए 8,000 से ज्यादा कैदी फांसी की कतार में हैं.