मुजफ्फरपुर/सरैया: प्रखंड की सरैया पंचायत के इब्राहिमपुर निवासी ललन ठाकुर के पुत्र ब्रजेश रंजन व गंगेश गुंजन ने अपने घर पर ही गुंजन डेयरी की स्थापना की है. यह डेयरी आज पशुपालकों के लिए प्रेरणास्नेत बन चुकी है. दोनों ने एक गाय से अपना कारोबार शुरू किया था, जो आज 56 गायों के मालिक बन चुके हैं. अब तक इन गायों के 40 बछड़े भी बेच चुके हैं. गुंजन डेयरी खेती, किसानी व पशुपालन से जुड़े लोगों के लिए आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रही है.
गायों को दिया जाता है पौष्टिक आहार : डेयरी बाजार में सस्ते दर पर मिलनेवाले पशु आहार का उपयोग नहीं किया जाता है. तिमुल से मिलनेवाले सुधा दाना का उपयोग करते हैं. इसके बाद खुद दलिया बना कर गायों को दिया जाता है. प्रति गाय प्रतिदिन चार किलो गेहूं, तीसी खल्ली दो किलो, मसूर दाल दो किलो, चना बेसन एक किलो, गुड़ आधा किलो को पानी में उबाल कर दिया जाता है. इसके बाद अलग से 50 ग्राम नमक व कैल्शियम व मिनरल्स का उपयोग करते हैं.
सर्दी व गरमी के लिए अलग-अलग चारा : हरा चारे में जई बरसीम, गरमी में केला, केले का पत्ता व पेड़ भी देते हैं. गरमी में यूपी का ज्वार व बाजरा, जाड़े में बरसीम व जई प्रयोग करते हैं. डेयरी की पहली गाय अप्रैल, 2014 में 14 वें बच्चे को जन्म देने के बाद मर गयी.
पुत्रों ने डेयरी में बनाया कैरियर : ललन ठाकुर के छोटे पुत्र गंगेश बीसीए के बाद आइआइबीएमए तक शिक्षा प्राप्त की है. गंगेश भी डेयरी कारोबार से ही जुड़ा है. डेयरी व्यवसाय को अपना कैरियर बनाने के बाद ब्रजेश ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड से दाजिर्लिंग में क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र कृत्रिम गर्भाधान सह पशु प्राथमिक उपचार का तीन माह का प्रशिक्षण प्राप्त किया, जो डेयरी व्यवसाय के लिए मील का पत्थर साबित हुआ. ब्रजेश अपनी डेयरी की देखरेख के साथ क्षेत्र के पशुओं का इलाज भी करते हैं.
प्रखंड की आनंदपुर निवासी किसान चाची राजकुमारी देवी के घर अप्रैल, 2010 में पूर्व सीएम नीतीश कुमार आये थे. तब श्री ठाकुर ने अपनी डेयरी से सीएम को अवगत कराया था. सीएम ने गुंजन डेयरी की प्रशंसा करते हुए अगली बार यहां आने का आश्वासन दिया था. तब से यहां नीतीश कुमार का इंतजार हो रहा है.
अंगरेजी विषय से पीजी की पढ़ाई
अंगरेजी विषय से पीजी की पढ़ाई करनेवाले ललन ठाकुर ने काफी दिनों तक बेरोजगारी का दंश ङोला. इसके बाद इन्होंने 24 जनवरी, 2000 को हाजीपुर के चंद्रालय से 22 हजार में 20 लीटर दूध देनेवाली काली गाय खरीदी. उसकी देखभाल वैज्ञानिक तरीके से की. आज यहां करीब पांच दर्जन गायें हैं, जो फ्रिजियन और साहिवाल नस्ल की हैं.
ललन व उनकी पत्नी को शिक्षण कार्यो में रुचि
ललन ठाकुर संत पॉल स्कूल, वैशाली में अंगरेजी के शिक्षक हैं. उनकी पत्नी नूतन कुमारी शिक्षिका हैं. ब्रजेश रंजन गणित विषय से बीएससी हैं. हालांकि इनके परिवार के सभी सदस्य गोशाला की देख-रेख में जुटे रहते हैं. ब्रजेश रंजन गायों का केवल दूध दूहते हैं. गंगेश गुंजन पशुओं को वैज्ञानिक तरीके से चारा देते हैं.
डॉक्यूमेंट्री फिल्म
सरैया में यह डेयरी बेहतर तरीके से चल रही है. यहां गायों की वैज्ञानिक तरीके से देखभाल की जाती है. आत्मा की ओर से डेयरी को आदर्श मानते हुए डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनायी जा चुकी है. यह डेयरी और किसानों के लिए भी प्रेरणादायक है. इस फिल्म को हर जिले में उपलब्ध करायी गयी है.
विनोद कुमार सिंह
आत्मा के डिप्टी पीडी, मुजफ्फरपुर