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ISIS के खात्‍मे के लिए बराक ओबामा ने किया जंग का एलान, मांगे नये अधिकार

वाशिंगटन : राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों के सफाये में अभी समय लगेगा और उन्होंने इस आतंकवादी संगठन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के लिए अमेरिकी कांग्रेस से तीन साल का वक्त मांगा. उन्होंने कहा कि इस्लामिक स्टेट बचाव की मुद्रा में है और वह ‘हारने जा रहा है.’ ओबामा […]

वाशिंगटन : राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों के सफाये में अभी समय लगेगा और उन्होंने इस आतंकवादी संगठन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के लिए अमेरिकी कांग्रेस से तीन साल का वक्त मांगा. उन्होंने कहा कि इस्लामिक स्टेट बचाव की मुद्रा में है और वह ‘हारने जा रहा है.’

ओबामा ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, ‘कोई गलती न करें, यह कठिन मिशन है और यह कुछ वक्त तक मुश्किल भरा बना रहेगा. खासकर शहरी क्षेत्रों से इन आतंकवादियों का सफाया करने में कुछ समय लगेगा. हमारा गठबंधन आक्रामक है जबकि आईएसआईएल रक्षात्मक मुद्रा में है, आईएसआईएल हारने जा रहा है.’

उन्होंने कहा कि इन आतंकवादियों पर गठबंधन की ओर से 2000 से अधिक हवाई हमले किये गये. उन्होंने कहा, ‘हम उसकी कमान और नियंत्रण एवं आपूर्ति रेखा बाधित कर रहे हैं और उनकी आवाजाही को मुश्किल बना रहे हैं. हम उनके लडाकू मोर्चे, उनके टैंकों, उनके वाहनों, उनके बैरकों, उनके प्रशिक्षण शिविरों, तेल एवं गैस सुविधाओं और उनके अभियान को धन पहुंचा रहे ढांचों को नष्ट कर रहे हैं. हम उनके कमांडरों, लडाकों और उनके नेताओं को बाहर ला रहे हैं.’

ओबामा ने कांग्रेस के पास इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवांट (आईएसआईएल) के खिलाफ बल प्रयोग की मंजूरी के वास्ते मसौदा प्रस्ताव भेजने के बाद यह टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव से आईएसआईएल को नष्ट करने का अमेरिका का मूल लक्ष्य प्रदर्शित होता है.

सांसदों को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि उन्हें युद्ध अधिकार देने से दुनिया के सामने प्रदर्शित होगा कि हम सीरिया एवं इराक के विशाल भाग पर कब्जा जमाए इन जिहादी आतंकवादियों को हराने के अपने निश्चय में एकजुट हैं. उन्होंने पत्र में कहा कि आईएस इराक, सीरिया और व्यापक पश्चिम एशिया के लोगों एवं स्थायित्व तथा अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहा है.

ओबामा ने कहा, ‘यदि उनपर लगाम नहीं कसी गई तो आईएस पश्चिम एशिया से परे क्षेत्र, जिसमें अमेरिका भी शामिल है, पर खतरा पैदा करेगा.’ बहरहाल, अमेरिकी राष्ट्रपति ने इराक और अफगानिस्तान को ध्यान में रखते हुए बडे स्तर पर अमेरिका के जमीनी स्तर के बडे युद्धक अभियानों की संभावना को खारिज कर दिया.

ओबामा के प्रस्ताव के अनुसार, इस्लामिक स्टेट के लडाकों के खिलाफ सैन्य बल के इस्तेमाल की मंजूरी तीन साल तक के लिए होगी और इसपर राष्ट्रीय सीमाओं की कोई बाधा नहीं होगी. व्हाइट हाउस के इस प्रस्ताव के जरिए वर्ष 2002 में अमेरिकी नेतृत्व में इराक में घुसने की कांग्रेसी अनुमति प्रभावहीन हो जाएगी.

दूसरी ओर ईराक ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति के इस बयान के ठी‍क बाद बयान जारी कर कहा कि इस्‍लामिक स्‍टेट से लड़ाई के लिए ईराक ने अमेरिका से जमीनी सेना की मांग नहीं की है. इराक के विदेश मंत्री इब्राहीम अल जाफरी ने कहा कि उनके देश ने इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लडाई के लिए विदेशी जमीनी बलों की मांग नहीं की है.

सिडनी में इराकी मंत्री ने कहा कि विदेशी जमीनी बल सरकार की योजना का हिस्सा नहीं हैं. उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री जूली बिशप से मुलाकात के बाद दुभाषिए के जरिए कहा, ‘हमने जमीनी बलों का योगदान कभी नहीं मांगा है.’ अल जाफरी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमने अंतरराष्ट्रीय गठबंधन के लिए दिशा निर्देश तय किए हैं.’ उन्होंने जोर देकर कहा कि यह इराकी बलों को हवाई सहायता, प्रशिक्षण और खुफिया जानकारी उपलब्ध कराने के लिए था.

Prabhat Khabar Digital Desk
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