विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में 16 सीट पर वोट डाले जायेंगे. सभी सीट संताल परगना प्रमंडल में है. पांचवें चरण में जीन सीटों पर चुनाव होना है, उनमें गत दो विधानसभा चुनाव में जहां झामुमो की सीट में बढ़ोतरी हुई, वहीं भारतीय जनता पार्टी की सीटें आधी से भी कम हो गयी. वर्ष 2000 व 2005 के विधानसभा चुनाव में इन सीटों में से पांच सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा था.
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झामुमो पांच से नौ, तो भाजपा आ गयी थी दो सीटों पर
विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में 16 सीट पर वोट डाले जायेंगे. सभी सीट संताल परगना प्रमंडल में है. पांचवें चरण में जीन सीटों पर चुनाव होना है, उनमें गत दो विधानसभा चुनाव में जहां झामुमो की सीट में बढ़ोतरी हुई, वहीं भारतीय जनता पार्टी की सीटें आधी से भी कम हो गयी. वर्ष 2000 […]
वर्ष 2000 में झारखंड मुक्ति मोरचा के पास सात, 2005 में पांच सीट थी. 2009 में झारखंड मुक्ति मोरचा की सीट पांच से बढ़ कर नौ हो गयी. संताल परगना प्रमंडल में वर्ष 2009 में भाजपा मात्र दो सीट जीत सकी थी. वर्ष 2009 में झारखंड मुक्ति मोरचा ने भाजपा से तीन सीटें छीन ली थी. वहीं पहली बार चुनाव लड़ रहा झारखंड विकास मोरचा भी दो सीट जीतने में सफल रहा था. झारखंड विकास मोरचा भाजपा व झामुमो से एक – एक सीट झटकने में सफल रहा था. कांग्रेस को भी एक सीट का नुकसान हुआ था. कांग्रेस की सीट दो से घट कर एक हो गयी थी. जबकि राजद का एक सीट बरकरार रहा.
इन सीटों पर नहीं हारा झामुमो
पांचवें चरण के 16 में से तीन सीट ऐसी हैं, जहां झामुमो के प्रत्याशी गत तीन विस चुनाव से जीतते आ रहे हैं. बरहेट, लिटीपाड़ा व शिकारीपाड़ा सीट पर वर्ष 2000, 2005 व 2009 में झामुमो को जीत मिली. दो सीट पर 2009 में चुनाव जीते विधायक ने झामुमो का साथ छोड़ दिया है. गत चुनाव में बरहेट से हेमलाल मुमरू व लिट्टीपाड़ा से साइमन मरांडी जीते थे. इस चुनाव में दोनों नेता भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं.
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