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झाविमो का घोषणा पत्र जारी, 60 दिनों में स्थानीय नीति बनाने का वादा

विधानसभा चुनाव : झाविमो का घोषणा पत्र जारी रांची : झारखंड के स्थापना दिवस पर झाविमो ने शनिवार को अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया. 60 दिनों में स्थानीय नीति तैयार करने का वादा किया है. पार्टी ने झारखंड को आधुनिक और आदर्श राज्य बनाने का वादा किया है. राज्य को भ्रष्टाचार से मुक्त करने […]

विधानसभा चुनाव : झाविमो का घोषणा पत्र जारी
रांची : झारखंड के स्थापना दिवस पर झाविमो ने शनिवार को अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया. 60 दिनों में स्थानीय नीति तैयार करने का वादा किया है. पार्टी ने झारखंड को आधुनिक और आदर्श राज्य बनाने का वादा किया है. राज्य को भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए कठोर कदम उठाने की बात कही है.
पिछले 14 वर्षो में हुए बड़े घोटालों की जांच और उस पर त्वरित कार्रवाई के लिए जांच आयोग के गठन की बात कही है.पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में भ्रष्टाचार से अजिर्त संपत्ति जब्त करने के लिए विशेष कानून और सेल बनाने का वादा किया है. इसके साथ 65 वर्ष से अधिक उम्र के किसानों के लिए वृद्ध किसान पेंशन योजना शुरू करने की बात कही है. मैट्रिक पास कर प्लस टू में नामांकन के साथ ही छात्रों को टेबलेट देने की बात कही है. घोषणा पत्र पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने जारी किया. मौके पर पार्टी के महासचिव प्रदीप यादव, चुनाव घोषणा पत्र के संयोजक केके पोद्दार और अन्य नेता मौजूद थे.
एक वर्ष में नयी राजधानी के शिलान्यास का वादा : पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में कहा है कि नयी राजधानी, नयी विधानसभा और नये सचिवालय का शिलान्यास एक वर्ष में पूरा किया जायेगा. रिंग रोड और रांची को एक वर्ष में सुंदर बनाया जायेगा. पार्टी ने अनुसूचित जाति, जनजाति, दलित, अल्पसंख्यकों और गरीब परिवारों को विशेष तरजीह देने का वादा किया है.
पार्टी ने जिला स्तरीय अस्पतालों को विशेष दरजा देने, डॉक्टरों को विशेष सुविधा देने, अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय की झारखंड इकाई की स्थापना करने और 50 लाख की आबादी अथवा प्रमंडल स्तर पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना करने की बात कही है.
ये भी हैं घोषणा पत्र में
राज्य में पांच सालों में एम्स की स्थापना की जायेगी
सभी परिवारों को 2024 तक आवास दिया जायेगा
एपीएल और बीपीएल के सभी परिवारों को दो वर्षो के अंदर बिजली और सभी को राशन कार्ड मिलेगा.
झारखंड को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया जायेगा
सरना धर्म कोड को केंद्र से मान्यता दिलायी जायेगी.
अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए अलग वित्त निगम बनाया जायेगा
रांची : झाविमो ने अपने घोषणा पत्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त शासन देने का संदेश दिया है. बिहार की तर्ज पर भ्रष्टाचार के जरिये अजिर्त संपत्ति जब्त किये जाने और घोटाले की जांच के लिए आयोग बनाने की बात कही है.
वहीं प्रशासन और राजनीतिक स्तर पर भ्रष्टाचार को दूर करने की दिशा में कदम उठाने का जिक्र घोषणा पत्र में है. बाबूलाल मरांडी ने अपने घोषणा पत्र के माध्यम से सभी वर्गो को लुभाने का प्रयास किया है.
स्थानीय नीति से लेकर आदिवासी, सरना आदिवासी के लिए वायदे किये हैं. किसानों को पेंशन देने की बात कही गयी है. वहीं छात्रों को टेबलेट और हर पंचायत से इंटर टॉपर छात्रों को एक हजार की छात्रवृत्ति देने जैसी घोषणा है. शिक्षण और स्वास्थ्य संस्थानों को मजबूत करने की बात कही गयी है.
झारखंड में आइआइटी की स्थापना के प्रयास से लेकर एक लाख की आबादी में व्यावसायिक शिक्षा केंद्र स्थापित करने की बात कही है. रोजगार के लिए विशेष तत्परता दिखाने की बात कही गयी है. घोषणा पत्र में विधि व्यवस्था, भ्रष्टाचार, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, पेयजल, बिजली, सिंचाई, कृषि, परिवहन सभी क्षेत्रों में काम करने की बात कही गयी है.
सड़कों की जाल बिछेगी
झाविमो ने राज्य में सड़कों की जाल बिछाने की घोषणा की है. साहेबगंज से रांची, बहरागोड़ा से रांची, चाईबासा से रांची, डालटेनगंज से रांची तक एक्सप्रेस हाइवे बनाने का वायदा किया है. शेष जिला मुख्यालयों को एक्सप्रेस हाइवे से कनेक्टिविटी देने की बात कही है. अंतरराज्यीय सड़कों को फोर लेन करने, साहेबगंज से मनिहारी, राजमहल से मालदा और गंगा नदी पर रेल और मोटर वाहन के परिचालन के लिए पुल बनाने की भी बात कही है. सभी जिला मुख्यालयों को रेल लाइन से जोड़ने और लंबित रेलवे परियोजनाओं को समय सीमा में पूरा करने की घोषणा की गयी है. पार्टी ने रांची एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने का वायदा भी किया है.
क्या-क्या है घोषणा पत्र में
हर थाने में महिलाओं के लिए एक महिला पुलिस पदाधिकारी की होगी नियुक्ति, थाने में फरियादियों के लिए होगा स्वागत कक्ष.
पुलिस को जनता के प्रति संवेदनशील और जवाबदेह बनायेंगे.
पुलिस और थानों का आधुनिकीकरण किया जायेगा.
भ्रष्टाचार निरोधक सेल के लिए स्वतंत्र इकाई का गठन होगा.
शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के प्रावधानों को लागू किया जायेगा.
90 दिनों के अंदर पारा शिक्षकों की समस्या का स्थायी समाधान होगा.
गरीब छात्रों के लिए जिला मुख्यालय में छात्रवास बनेगा.
भाषायी शिक्षकों की होगी नियुक्ति.
धनबाद में कोयलांचल विवि का होगा गठन.
मदरसों के आधुनिकीकरण की प्राथमिकता.
बीपीएल परिवार के छात्रों को इंजीनियरिंग में मेडिकल कॉलेजों में शिक्षा के लिए कम ब्याज दर पर ऋण की सुविधा.
हर जिले में पारा मेडिकल कॉलेज, नर्सिग कॉलेज, एलएमपी, आरएमपी कॉलेज खुलेंगे.
पांच वर्ष के अंदर हर व्यक्ति को शुद्ध पीने का पानी उपलब्ध कराया जायेगा.
किसानों को एक चौथाई दर पर बिजली.
सिंचाई क्षेत्र को पांच वर्षो में 10 प्रतिशत से बढ़ा कर 35 फीसदी किया जायेगा.
कृषि उत्पाद बाजार समिति को भंग किया जायेगा.
झारखंड को हर्बल औषधि राज्य बनाया जायेगा.
प्रत्येक प्रखंड में कृषि विशेषज्ञ और हरेक तीन पंचायत में एक सहायक कृषि विशेषज्ञ की नियुक्ति होगी.
बीपीएल परिवारों की सूची की पुनर्समीक्षा की जायेगी.
दुमका में उच्च न्यायालय की खंडपीठ की स्थापना की जायेगी.
नये उद्योगों की स्थापना करनेवालों को जमीन, पानी और बिजली की सुरक्षा की गारंटी.
कोल इंडिया, डीवीसी के मुख्यालय झारखंड लाये जायेंगे.
पर्यटन को उद्योग का दरजा दिया जायेगा.
उजड़े हुए जंगल को दस वर्षो में हरा-भरा किया जायेगा.
25 लाख विस्थापित लोगों के पुनर्वास के लिए 60 दिनों में पुनर्वास आयोग का गठन किया जायेगा.
आदिवासियों के लिए बनाये गये छात्रवासों को सुसज्जित करने की घोषणा.
आदिवासी पारंपरिक स्थल विकसित किये जायेंगे.
कल्याण विभाग के आवासीय विद्यालयों में शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मियों की नियुक्ति की जायेगी.
स्वच्छ और ईमानदार शासन देंगे : बाबूलाल
पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने चुनावी घोषणा पत्र जारी करते हुए अपने अधूरे सपनों को पूरा करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि पार्टी की सरकार बनी, तो राज्य में एक स्वच्छ और ईमानदार शासन देने की कोशिश होगी. 14 वर्षो में पहले 28 माह तक मेरी सरकार थी. उस समय मेरे द्वारा विकास से संबंधित कई योजनाएं शुरू की गयी थीं. जिन नेताओं ने मेरी सरकार गिरायी थी, उसे भाजपा ने टिकट दिया है. अब झारखंड की जनता को तय करना है कि स्थायी सरकार के लिए कौन सी पार्टी को बहुमत दिया जाये. श्री मरांडी ने भाजपा और कांग्रेस पर तीखा हमला किया. कहा: इन दोनों पार्टियों ने दिल्ली से झारखंड की सत्ता चलायी. 2003 के बाद नौ सरकारें बनीं और पांच मुख्यमंत्री बदले गये, पर समस्या ज्यों की त्यों है. झाविमो को छोड़ अन्य सभी दल आजसू, कांग्रेस, झामुमो, जदयू, राजद, मासस, झापा सरकार में शामिल रहे. राज्य में कांग्रेस और भाजपा ने सरकारें बना कर यहां पर लूट तंत्र विकसित किया और राज्य को बरबादी की ओर धकेला.

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