वाशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाशिंगटन में भारत-अमेरिका व्यावसायिक परिसर (यूएसआईबीसी) द्वारा आयोजित उद्यमियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा कि ई.गवर्नेन्स में उनकी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की रुचि एक जैसी है दोनों ही मोबाइल गवर्नेन्स के कार्यक्रम लागू करने में लगे हैं.
उन्होंने कहा कि कल मैंने और राष्ट्रपति ओबामा ने इस विषय पर विस्तार से चर्चा की. इसमें हम दोनों की रुचि एक जैसी है. हमने इस पर तफसील से बातचीत की है. मोदी ने सोमवार को न्यूयार्क से यहां पहुंचने के बाद ओबामा के साथ रात्रि-भोज पर मुलाकात की थी.
प्रधानमंत्री ने कहा ने कहा कि हम दोनों ने एक दूसरे को अपने-अपने अनुभव सुनाये और बात की, कि हम दोनों इस संबंध में कैसे मिल-जुलकर काम कर सकते हैं तथा डिजिटल भारत कार्यक्रम में अमेरिका किस तरह सहयोग कर सकता है.
मोदी ने कहा कि डिजिटल भारत अभियान के तहत मोबाइल प्रौद्योगिकी के माध्मय से सरकारी सेवाओं को जनता तक पहुंचाने की योजना है. उन्होंने कहा कि पूरा मेक इन इंडिया कार्यक्रम डिजिटल जगत से जुडा है. मैं भी डिजिटल नेटवर्क से जुड़ा हूं.
ओबामा और मोदी की व्हाइट हाउस में बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने डिजिटल भारत कार्यक्रम में भागीदारी की प्रतिबद्धता व्यक्त की है, जिसका लक्ष्य ई.गवर्नेन्स, ई.सेवा, औद्योगिक सहयोग और भारतीय नागरिकों को डिजिटल प्रौद्योगिकी के जरिये शक्ति समपन्न बनाने के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचे का संवर्धन करना है.
ओबामा ने अकादमिक नेटवर्क की वैश्विक पहल (ज्ञान) के भारत के प्रस्ताव का समर्थन किया. इसके तहत भारत हर साल 1000 अमेरिकी शिक्षाविदों को अपने यहां के विश्वविद्यालयों में पढने के लिए आमंत्रित करेगा.
उन्होंने कहा कि हम इस (डिजिटल) प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल अच्छे व प्रभावी गवर्नेंस तथा कारोबार को सुगम बनाने के लिए करना चाहते हैं.
