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गार्गी कॉलेजः छह फरवरी को लड़कियों के साथ क्या हुआ था?

<figure> <img alt="गार्गी कॉलेज" src="https://c.files.bbci.co.uk/1403F/production/_110838918_image_17.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p><strong>&quot;ले लो. फ्री है.&quot;</strong></p><p>उसने अपने कॉलेज फ़ेस्टिवल के तीसरे और आख़िरी दिन यानी छह फ़रवरी को यही सुना था. अज्ञात लोगों ने कॉलेज का फाटक तोड़ डाला था. </p><p>जिसके बाद, शाम के वक़्त वो लड़कियों पर अश्लील फ़ब्तियां कस रहे थे और उन्हें तंग कर रहे […]

<figure> <img alt="गार्गी कॉलेज" src="https://c.files.bbci.co.uk/1403F/production/_110838918_image_17.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p><strong>&quot;ले लो. फ्री है.&quot;</strong></p><p>उसने अपने कॉलेज फ़ेस्टिवल के तीसरे और आख़िरी दिन यानी छह फ़रवरी को यही सुना था. अज्ञात लोगों ने कॉलेज का फाटक तोड़ डाला था. </p><p>जिसके बाद, शाम के वक़्त वो लड़कियों पर अश्लील फ़ब्तियां कस रहे थे और उन्हें तंग कर रहे थे. </p><p>लड़कियां उस वक़्त कॉलेज फ़ेस्टिवल के कॉन्सर्ट के शुरू होने का इंतज़ार कर रही थीं. </p><p>गार्गी कॉलेज में सेकेंड ईयर की छात्रा पूर्वी चौधरी बताती हैं, &quot;उस दिन जब मैं भीड़ के बीच से गुज़र रही थी, तो लड़कों के एक ग्रुप ने उन पर छींटाकशी करते हुए कहा-बॉयफ्रेंड मिल रहे हैं. ले लो, यूज़ करो. एक्सपीरियंस करो.&quot;</p><p>पूर्वी कहती हैं कि महिलाओं के कॉलेज के कैम्पस में इतनी बड़ी तादाद में लड़कों का घुसना सदमा देने जैसा था.</p><figure> <img alt="गार्गी कॉलेज" src="https://c.files.bbci.co.uk/0BA7/production/_110838920_image_16.jpg" height="732" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><h1>लड़कियों से छेड़खानी</h1><p>एक और लड़की ने कहा कि, गुरुवार को वो बास्केटबॉल कोर्ट के पास थी, जब उसने अपने आस-पास अजनबी लोगों को देखा. </p><p>जब उसने उन्हें बाहर जाने को कहा तो, उनमें से कई तो उसके पास आकर बैठ गए. </p><p>कॉलेज में तीसरे वर्ष की छात्रा नेहा (बदला हुआ नाम) कहती है कि वो जहां पर थी, उसी जगह घंटों छुपी रही. </p><p>गुरुवार को उसने तब तक वहीं इंतज़ार किया जब तक अंधेरा नहीं हो गया और उसे ये यक़ीन नहीं हो गया कि वो सुरक्षित निकल सकती है. </p><p>और जब बाहर के लोग कॉलेज के भीतर के लोगों की भीड़ में मिल-जुल कर लड़कियों से छेड़खानी कर रहे थे, उन पर फ़ब्तियां कस रहे थे, तो उस वक़्त कॉलेज फेस्टिवल के कॉन्सर्ट में प्लेबैक गायक ज़ुबिन नौटियाल का कार्यक्रम चल रहा था.</p><p>वो कहती हैं, &quot;मैंने दोस्तों और दूसरी लड़कियों से सुना कि उनके साथ किस तरह बदतमीज़ी हुई. वो यहां-वहां भाग रही थीं. कैम्पस में भारी भीड़ जमा हो गई थी.&quot;</p><figure> <img alt="गार्गी कॉलेज" src="https://c.files.bbci.co.uk/32B7/production/_110838921_image_18.jpg" height="732" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><h1>सुरक्षा में चूक की घटना</h1><p>सोमवार को कॉलेज के बाहर, वो मीडिया से लगातार बात कर रही थीं, जो वहां पर जमा हो गया था. और उनसे गुज़ारिश कर रही थीं कि वो मामले को राजनीतिक रंग न दें. </p><p>नेहा कहती हैं, &quot;ये सुरक्षा का मामला है, लड़के बदतमीज़ियाँ कर रहे थे और कॉन्सर्ट जारी रखा गया. प्रिंसिपल कहती हैं कि वो ऐसा नहीं करतीं, तो भगदड़ मच जाती.&quot;</p><p>सोमवार को गार्गी कॉलेज के बाहर अनगिनत कैमरे और माइक लगे हुए थे. और उनके साथ बड़ी तादाद में रिपोर्टर जमा थे. </p><p>जो कॉलेज कैम्पस में हुई छेड़खानी और सुरक्षा में चूक की घटना के चार दिन बाद वहां जमा हुए थे. </p><p>और तब, जब गार्गी कॉलेज में हुई ये घटना सोशल मीडिया के माध्यम से बाहर के लोगों को पता चल चुकी थी.</p><p>कॉलेज की चारदीवारी के भीतर क़रीब 500-600 छात्राएं धरने पर बैठ गईं. </p><p>वो ये मांग कर रही थीं कि प्रशासन इस बात पर सफ़ाई दे कि कॉलेज फ़ेस्टिवल के दौरान सुरक्षा के इंतज़ाम इतने लचर क्यों थे? </p><figure> <img alt="गार्गी कॉलेज" src="https://c.files.bbci.co.uk/59C7/production/_110838922_image18.jpg" height="1301" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><h1>कॉलेज फ़ेस्टिवल के आख़िरी दिन</h1><p>ये छात्राएं कॉलेज प्रशासन से पूछ रही हैं कि आख़िर छह फ़रवरी को यानी कॉलेज फ़ेस्टिवल के आख़िरी दिन, क्या गड़बड़ी हुई कि बाहरी लड़के घुस आए. </p><p>वो लड़कियों से छेड़खानी करने लगे. उन्हें परेशान करने लगे.</p><p>रविवार को छात्र संघ ने सुर्ख़ियां बटोर रही इस घटना के बारे में एक बयान जारी किया था. </p><p>इस बयान में छात्र संघ ने अपील की थी कि मीडिया और अन्य लोग इस मामले को राजनीतिक रंग न दें. ताकि छात्राओं की सुरक्षा के लिए कोई ख़तरा न पैदा हो.</p><p>इस बयान में 2019 की ऐसी ही एक सुरक्षा में चूक के मामले का भी हवाला दिया गया था. </p><p>बयान में कहा गया था कि 2019 में एक अराजक भीड़ कॉलेज में घुस आई थी और छात्रों को ‘शारीरिक और यौन उत्पीड़न’ का सामना करना पड़ा था. </p><p>छात्र संघ के बयान में इस बात का भी ज़िक्र था कि इस घटना की शिकायत कॉलेज की इंटरनल कम्प्लेन सेल (ICC) से भी की गई थी. </p><p>लेकिन, इस प्रकोष्ठ ने छात्राओं की शिकायत को संज्ञान में नहीं लिया था. </p><figure> <img alt="गार्गी कॉलेज" src="https://c.files.bbci.co.uk/80D7/production/_110838923_image_19.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><h1>दीवार फांद कर घुस आए</h1><p>प्रकोष्ठ ने ये भी नहीं माना था कि छात्राओं को कॉलेज के भीतर यौन उत्पीड़न का शिकार बनाया गया था. </p><p>इस साल, गुरुवार को कॉलेज में घुसने के लिए पास का एक सिस्टम शुरू किया गया था. </p><p>वो भी शाम साढ़े चार बजे. जबकि वो कॉलेज फ़ेस्टिवल ‘रेवेरी’ का तीसरा और आख़िरी दिन था. </p><p>फ़ेस्टिवल के आख़िरी दिन क़रीब तीन-चार सौ लोगों ने गेट को धक्का दे कर खोल दिया और दीवार फांद कर कॉलेज में घुस आए. </p><p>कॉलेज के दो में से एक गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मी संदीप कुमार ने बताया, &quot;इस घटना के बाद हुए हंगामे में एक दुकानदार की कार में भी तोड़-फोड़ की गई. कार को काफ़ी नुक़सान पहुंचा.&quot; </p><figure> <img alt="गार्गी कॉलेज" src="https://c.files.bbci.co.uk/A7E7/production/_110838924_image_15.jpg" height="1301" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><h1>सीआरपीएफ़ को बुलाया गया…</h1><p>संदीप ने बताया कि रविवार को हर दिन की तरह वो गेट के बाहर खड़ा हुआ था. </p><p>तभी कुछ छात्र जो इग्नू द्वारा चलाई जाने वाली कॉरेसपॉन्डेंस कोर्स के लिए कॉलेज में आए थे. एक आदमी ने इन छात्रों को बाहर जाने को कहा. उस आदमी ने कहा कि वो कॉलेज प्रशासन का आदमी है. हालांकि उसने अपना नाम नहीं बताया. </p><p>संदीप कुमार कहते हैं, &quot;उस दिन (रविवार को) यहां कुछ नहीं हुआ था.&quot;</p><p>लेकिन, गार्ड संदीप कुमार के मुताबिक़, गुरुवार को दोपहर क़रीब साढ़े तीन बजे एक भीड़ कॉलेज के बाहर जमा हो गई थी. </p><p>संदीप कुमार कहते हैं कि उस वक़्त इस भीड़ पर क़ाबू पाने के लिए पर्याप्त मात्रा में सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं थे. </p><p>वो बताते हैं, &quot;वो लोग जय श्री राम के नारे लगा रहे थे. उनके पास फ़र्ज़ी पास थे. वो गेट को लगातार धक्का दे रहे थे.&quot;</p><p>फ़ेस्टिवल के दौरान कॉलेज की चारदीवारी को ढका गया था, ताकि बाहर के लोग ये न देख सकें कि कॉलेज कैम्पस में क्या हो रहा है. </p><p>शाम को क़रीब चार बजे इस कार्यक्रम के लिए टेंट मुहैया कराने वाले की कार कैम्पस में घुसी और उसके साथ-साथ बहुत से ऐसे लोग भी घुस आए, जिन्हें पास नहीं दिया गया था.</p><p>संदीप ने बताया, &quot;हम उन पर क़ाबू नहीं कर सके. बाद में सीआरपीएफ़ को बुलाया गया. और वो शाम पांच बजे आए. सीआरपीएफ़ के जवानों का दूसरा जत्था थोड़ी देर बाद कॉलेज पहुंचा.&quot;</p><figure> <img alt="गार्गी कॉलेज" src="https://c.files.bbci.co.uk/14CE8/production/_110842258_image_20.jpg" height="732" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><h1>सुरक्षा के इंतज़ाम नहीं थे…</h1><p>उस वक़्त के हालात बयां करते हुए संदीप कहते हैं, &quot;छात्राएं वहां से निकलना चाहती थीं. चारों तरफ़ अफरा-तफ़री फैल गई थी.&quot;</p><p>इस कार्यक्रम के तीसरे दिन पास की व्यवस्था की गई थी. और कॉलेज की हर छात्रा को एक पास दिया गया था जिसे वो अपने पुरुष साथी या परिवार के सदस्य को दे सकती थीं. दूसरे कॉलेज की लड़कियों के लिए उनके पहचान पत्र दिखाना ही पर्याप्त था. </p><p>लड़कों और लड़कियों को कॉलेज में दाख़िल होने के लिए अलग-अलग व्यवस्था थी. </p><p>लेकिन, भीड़ की वजह से पूरी तरह से अव्यवस्था फैल गई थी. इसी वजह से सैकड़ों की तादाद में लोग कॉलेज कैम्पस में घुस आए थे.</p><p>सोमवार को कॉलेज की छात्राओं ने कैम्पस के भीतर ही धरना दिया. छात्र संघ का कहना है कि कॉलेज की प्रिंसिपल ने इस घटना के लिए छात्राओं से माफ़ी मांग ली है. </p><p>उन्होंने माना है कि फ़ेस्टिवल के दौरान सुरक्षा के पर्याप्त इंतज़ाम नहीं थे. </p><p>प्रिंसिपल इस बात के लिए भी राज़ी हो गईं कि सोमवार को ही इस घटना की शिकायत पुलिस से औपचारिक रूप से कर दी जाएगी. </p><figure> <img alt="गार्गी कॉलेज" src="https://c.files.bbci.co.uk/10F80/production/_110840596_image_10.jpg" height="732" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p><strong>भीड़ इकट्ठा हो गई थी</strong><strong>…</strong></p><p>गार्गी कॉलेज की कार्यवाहक प्रिंसिपल प्रोमिला कुमार के हवाले से पहले इंडियन एक्सप्रेस अख़बार ने लिखा था कि उन्हें छात्राओं की तरफ़ से कोई शिकायत नहीं मिली है. </p><p>इंडियन एक्सप्रेस ने प्रिंसिपल प्रोमिला कुमार के हवाले से लिखा था, &quot;हमें कोई शिकायत नहीं मिली है. हमने फ़ेस्टिवल के दौरान पुलिस, कमांडो और बाउंसर्स को कैम्पस में तैनात कर रखा था. इसके अलावा कॉलेज के कर्मचारी भी निगरानी कर रहे थे. कैम्पस में एक हिस्सा केवल लड़कियों के लिए तय किया गया था. अब अगर वो इस दायरे से बाहर टहल रही थीं, तो ये उनका निजी फ़ैसला था.&quot;</p><p>लेकिन, कॉलेज में राजनीति शास्त्र पढ़ रही तीसरे वर्ष की एक छात्रा के मुताबिक़, एक छात्रा प्रिंसिपल के पास ये शिकायत करने के लिए गई थी कि फ़ेस्टिवल के दौरान कॉलेज के कैम्पस में गुरुवार शाम को अराजक भीड़ इकट्ठा हो गई थी. </p><p>ये भी आरोप लगाया जा रहा है कि अगर लड़कियां असुरक्षित महसूस कर रही थीं, तो उन्हें कॉलेज फ़ेस्टिवल में आना ही नहीं चाहिए था. </p><figure> <img alt="गार्गी कॉलेज" src="https://c.files.bbci.co.uk/13690/production/_110840597_image_7.jpg" height="1301" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><h1>ख़ौफ़नाक मंज़र था…</h1><p>एक छात्रा ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि वो दोपहर डेढ़ बजे से कॉलेज के फ़ेस्टिवल में मौजूद थीं.</p><p>जब भीड़ कैम्पस में घुसने लगी, तो उसने वहां से निकलना चाहा. लेकिन, तब तक इतनी भीड़ जमा हो गई थी कि उसके लिए वहां से निकलना मुश्किल हो गया.</p><p>उसने बताया कि लड़कियां कह रही थीं कि अंकल जैसे लोग हमें गंदे तरीक़े से छू रहे हैं. तब कैम्पस में बाउंसर्स की कोई ख़ास तादाद नहीं दिखी.</p><p>इस छात्रा ने आगे बताया कि कॉलेज के गेट खोल दिए गए थे और आदमी लगातार अंदर आ रहे थे. </p><p>उस छात्रा ने बताया, &quot;मैंने देखा कि एक आदमी ने अपनी ज़िप खोल कर अपना अंग वहां से गुज़र रही एक लड़की पर रगड़ना शुरू कर दिया था. ये बेहद ख़ौफ़नाक मंज़र था.&quot;</p><p>सोमवार को ये छात्रा अपनी एक दोस्त के साथ अपनी क्लास का इंतज़ार कर रही थी. उसकी दोस्त भी तीसरे वर्ष की छात्रा है. </p><p>उसने बताया कि उस दिन कॉलेज के पास ही नागरिकता संशोधन क़ानून के समर्थन में एक रैली हुई थी. </p><p>उस छात्रा ने कहा, &quot;मैंने उस रैली में शामिल दो लोगों को कैम्पस में दाख़िल होते हुए देखा था.&quot;</p><figure> <img alt="गार्गी कॉलेज" src="https://c.files.bbci.co.uk/15DA0/production/_110840598_image_8.jpg" height="732" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><h1>मामला लापरवाही का है…</h1><p>एक तरफ़ तो कॉलेज में सुरक्षा और छात्राओं की हिफ़ाज़त समेत अन्य मांगों को लेकर छात्र संघ का धरना चल ही रहा है. </p><p>वहीं, दूसरी तरफ़, दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ के अध्यक्ष अक्षित दहिया ने कहा कि उन्होंने कॉलेज की प्रिंसिपल और छेड़खानी की शिकार हुई छात्राओं से बात की है और कहा है कि अगर कॉलेज चौबीस घंटे के भीतर इस घटना की एफ़आईआर न हीं दर्ज कराता है, तो दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ कॉलेज के बाहर प्रदर्शन करेगा. छात्र संघ का ये प्रदर्शन यूनिवर्सिटी के मुख्य दफ़्तर के बाहर भी किया जाएगा.</p><p>अक्षित दहिया का कहना है, &quot;ये मामला लापरवाही का है. वहां सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और उस में घटना के सबूत रिकॉर्ड हैं. कुछ लोग कह रहे हैं कि भीड़ जय श्री राम के नारे लगा रही थी. लेकिन, इस मामले में भगवान राम का नाम बदनाम करने की कोशिश ठीक उसी तरह की जा रही है, जैसे शाहीन बाग़ में फ़ायरिंग करने वाले ने किया था. जबकि बाद में वो आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता निकला.&quot;</p><p>शाहीन बाग़ में गोली चलाने वाले कपिल गुर्जर के परिवार के हवाले से कहा जा रहा है कि वो बीजेपी को पसंद करता था. </p><figure> <img alt="गार्गी कॉलेज" src="https://c.files.bbci.co.uk/184B0/production/_110840599_image_13.jpg" height="1301" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><h1>एफ़आईआर दर्ज करने में देरी </h1><p>लेकिन, अक्षित दहिया इन बातों को ख़ारिज करते हैं. साथ ही वो दोबारा ये सवाल उठाते हैं कि आख़िर इस मामले में अब तक एफ़आईआर दर्ज करने में देरी क्यों हुई? जबकि छात्राओं से छेड़खानी की घटना हुए चार दिन बीत चुके हैं.</p><p>लेकिन, गार्गी कॉलेज की छात्रा नेहा कहती हैं कि छात्र संघ ने किसी भी कार्रवाई से पहले कॉलेज के प्रशासन से बात करने का फ़ैसला किया था.</p><p>नेहा कहती हैं, &quot;प्रिंसिपल ने आज सुबह ही सभी छात्राओं से सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगी है. हमने अपनी मांग लिखित रूप में उन्हें दे दी है. हम पुलिस स्टेशन में एफ़आईआर दर्ज कराएंगे. हमारी मांग है कि कॉलेज के अधिकारियों को छात्राओं की सुरक्षा व्यवस्था में ख़ामी की पड़ताल करनी चाहिए.&quot; </p><p>&quot;और उन्हें छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. ताकि हम भविष्य में कॉलेज फ़ेस्टिवल में ऐसी छेड़खानी की शिकार न हों. हम नहीं चाहते हैं कि हमारे कॉलेज का नाम असुरक्षित कॉलेजों में शुमार किया जाए. हम सुरक्षित जगह चाहते हैं. हम ने अपनी ये मांगें प्रिंसिपल के सामने रखी हैं.&quot; </p><p>&quot;हम चाहते हैं कि कॉलेज का अंदरूनी जांच प्रकोष्ठ, इस घटना की पड़ताल के लिए एक कमेटी बनाए. इस मामले को राजनीतिक रंग देने की पूरी कोशिश हो रही है. लेकिन ये मुद्दा हमारी सुरक्षा का है. कॉलेज प्रशासन ने कहा है कि महिला विकास सेल अब महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम करेगा.&quot;</p><figure> <img alt="गार्गी कॉलेज" src="https://c.files.bbci.co.uk/296C/production/_110840601_gettyimages-90516755.jpg" height="1464" width="976" /> <footer>Sarang Sena/The India Today Group/Getty Images</footer> <figcaption>फ़ाइल फ़ोटो</figcaption> </figure><h1>सबसे बड़ी चुनौती</h1><p>गार्गी कॉलेज कैम्पस के भीतर छात्राओं से बदसलूकी की इस घटना का दिल्ली महिला आयोग ने भी संज्ञान लिया है. </p><p>महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने सोमवार को दिल्ली पुलिस और कॉलेज प्रशासन को नोटिस जारी कर के इस बारे में जवाब तलब किया है.</p><p>स्वाति मालीवाल ने कहा, &quot;पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है. कार्रवाई करने के लिए पुलिस को आख़िर और किस तरह की शिकायत चाहिए. पिछले साल की कई शिकायत का आख़िर क्या हुआ? चूंकि पिछले साल की जांच का कोई नतीजा नहीं निकला, तो इस बार अराजक भीड़ के हौसले बढ़ गए और उसने सोचा कि अब तो वो कॉलेज कैम्पस में घुस सकती है.&quot;</p><p>छात्राओं के लिए अब ये मामला बहुत सी आवाज़ों के शोर मचाने का है. इस शोर-शराबे में सबसे बड़ी चुनौती है इस मामले से जुड़ी ‘फ़ेक न्यूज़’ को फैलने से रोकना.</p><p>नेहा कहती हैं कि उन्हें अब इस बात से काफ़ी तसल्ली है कि कॉलेज ने इस मामले में कार्रवाई करने पर सहमति जताई है.</p><p>नेहा कहती हैं, &quot;इस घटना को लेकर बहुत सी फ़र्ज़ी ख़बरें चल रही हैं. हां, छेड़खानी की घटनाएं हुई थीं. मेरी सहेलियों का लड़कों ने पीछा किया था. वो उन लड़कियों के नंबर मांग रहे थे. उन्हें तंग कर रहे थे. ये बेहद डरावना था.&quot;</p><figure> <img alt="गार्गी कॉलेज" src="https://c.files.bbci.co.uk/778C/production/_110840603_image_14.jpg" height="732" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><h1>राजनीतिक मुद्दा न बनाएं…</h1><p>छात्र संघ के मुताबिक़, हो सकता है कि पीड़ित छात्राएं एफ़आईआर दर्ज कराएं या न भी कराएं. ये इस बात पर निर्भर करता है कि कितनी छात्राएं इस मामले में डर के साए से बाहर निकल कर आना चाहेंगी. </p><p>नेहा कहती हैं, &quot;हमारी मांग सुरक्षा के इंतज़ामों और बजट को लेकर थी. और कॉलेज प्रशासन आज ही एक एफ़आईआर दर्ज कराने को सहमत हो गया है.&quot;</p><p>इन बातों के अलावा छात्र संघ ने कॉलेज प्रशासन से ये मांग भी की है कि वो इस साल के कॉलेज फ़ेस्टिवल के बजट के बारे में विस्तार से जानकारी दे. और ये बताए कि पैसे किस-किस मद में ख़र्च किए गए. इस बात को विस्तार से बताए कि इस आयोजन के दौरान, आख़िर कहां-कहां और कितनी संख्या में पुलिसकर्मी, कमांडो और बाउंसर तैनात किए गए थे. आख़िर भीड़ के घुसने के लिए दरवाज़ा क्यों खोला गया था. और छात्राओं की मांग ये भी है कि भविष्य में कॉलेज में सुरक्षा की एक स्थायी नीति भी बने.</p><p>कई मीडियाकर्मियों को बाइट देने के बाद नेहा लोगों से ये अपील करने लगीं कि वो महिलाओं की सुरक्षा को एक राजनीतिक मुद्दा न बनाएं.</p><p>बाद में उन्होंने मीडिया से बात करने से ये कह कर मना कर दिया कि अब उन्हें जाना है. </p><p>नेहा ने कहा, &quot;हम चाहते हैं कि हमारी चिंताएं दूर की जाएं. हम ये नहीं चाहते कि यहां कोई राजनीति न हो. क्योंकि ये राजनीतिक घटना नहीं थी.&quot;</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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