<figure> <img alt="डॉक्टर ली वेनलियान्ग" src="https://c.files.bbci.co.uk/15B4C/production/_110780988_pic1.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Weibo</footer> <figcaption>31 जनवरी को डॉक्टर ली वेनलियान्ग ने अस्पताल से अपनी ये तस्वीर पोस्ट की थी</figcaption> </figure><p>बात जनवरी की शुरुआत की है, जब चीन के शहर वुहान में एक नए करोना वायरस की ख़बर को छिपाने की कोशिश हो रही थी.</p><p>इसी बीच वुहान में एक डॉक्टर अपने साथी डॉक्टरों को इस नए वायरस के बारे में चेतावनी देने की कोशिश कर रहे थे.</p><p>लेकिन ऐसा करने पर पुलिस उनसे पास आई और उनसे कहा कि ‘वे अपना मुँह बंद रखें.'</p><p>मगर इसके कुछ हफ़्ते बाद जब डॉक्टर ली वेनलियान्ग ने अस्पताल से अपनी कहानी एक वीडियो के ज़रिए पोस्ट की तो उन्हें एक हीरो के तौर पर देखा जाने लगा.</p><p>वीडियो से पता चलता है कि जब इस वायरस के बारे में शुरुआती जानकारी मिली थी, उस वक़्त स्थानीय प्रशासन ने इस मामले में असामान्य प्रतिक्रिया दी थी.</p><h3>वायरस के ख़तरे के बारे में चेताया था…</h3><p>वीडियो में डॉक्टर ली कहते हैं, "मैं वुहान सेंट्रल अस्पताल में आँखों के डॉक्टर के तौर पर काम करता हूँ." </p><p>डॉक्टर ली वेनलियान्ग ने सात ऐसे मामले देखे थे जिनमें सार्स जैसे किसी वायरस के संक्रमण के लक्षण थे. साल 2003 में सार्स वायरस के कारण वैश्विक ख़तरा पैदा हो गया था.</p><p>माना जा रहा है कि ये वायरस वुहान के हुनान सीफ़ूड मार्केट से फैलना शुरू हुआ और संक्रमित लोगों को सबसे पहले इसी अस्पताल में रखा गया था.</p><p>बीते साल 30 दिसंबर को एक चैट ग्रुप में उन्होंने अपने साथी डॉक्टरों को संदेश भेजा और इस वायरस के संभावित ख़तरे के बारे में बताया और उन्हें चेतावनी दी कि ‘इससे बचने के लिए वो ख़ास तरह के हिफ़ाज़ती कपड़े पहनें.'</p><p>उस वक़्त डॉक्टर ली को नहीं पता था कि ये दूसरी तरह का कोरोना वायरस है जिसके बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं है.</p><figure> <img alt="डॉक्टर ली ने उस बारे में सोशल मीडिया वीबो पर भी पोस्ट किया था." src="https://c.files.bbci.co.uk/1825C/production/_110780989_screenshot2020-02-03at16.26.25.png" height="589" width="976" /> <footer>Weibo</footer> <figcaption>डॉक्टर ली ने उस बारे में सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म वीबो पर भी पोस्ट किया था</figcaption> </figure><h3>’अफ़वाह फैलाने’ का आरोप</h3><p>इस ग्रुप चैट के चार दिन बाद चीन के ‘पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो’ के अधिकारी उनके पास आए और उन्हें एक पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा.</p><p>इस पत्र में लिखा था कि ‘उन पर ग़लत जानकारी देने का आरोप है जिसकी वजह से समाज में डर फैला.'</p><p>साथ ही ये भी लिखा था, "हम आपको चेतावनी देते हैं कि अगर आप अपने ग़लत बयानों पर बने रहते हैं और ग़ैर-क़ानूनी काम करना जारी रखते हैं तो आपके ख़िलाफ़ उचित कार्रवाई की जाएगी. क्या आप ये बात समझते हैं?"</p><p>इस पत्र पर डॉक्टर ली ने लिखा था, "हाँ, मैं यह बात समझता हूँ."</p><p>डॉक्टर ली उन आठ लोगों में से एक थे जिनके ख़िलाफ़ पुलिस ‘अफ़वाह फैलाने’ के आरोप में जाँच कर रही थी.</p><h3>डॉक्टरों की सुरक्षा</h3><p>जनवरी 2020 के अंतिम हफ़्ते में डॉक्टर ली ने इस पत्र की तस्वीर चीनी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म वीबो पर पोस्ट कर दी और उसके बारे में विस्तार से लिखा जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने उनसे माफ़ी मांगी.</p><p>जनवरी के दूसरे सप्ताह तक वुहान में अधिकारियों का कहना था कि जो लोग ऐसे किसी जानवर के संपर्क में आए हैं जिनके शरीर में कोरोना वायरस रहता है, केवल वही इससे संक्रमित हैं.</p><p>मरीज़ो का इलाज कर रहे डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए किसी तरह की कोई चेतावनी जारी नहीं की गई थी.</p><p>लेकिन एक सप्ताह बाद ही पुलिस ने फिर डॉक्टर ली से संपर्क किया.</p><p>इस बार वे ग्लूकोमा के लिए एक महिला का इलाज कर रहे थे. उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी कि वे नए कोरोना वायरस से संक्रमित तो नहीं.</p><figure> <img alt="डॉ ली के अनुसार उन्हें पुलिस ने उस पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा था" src="https://c.files.bbci.co.uk/4DC4/production/_110780991_wuhandocletter2.jpg" height="1339" width="976" /> <footer>Li Wenliang</footer> <figcaption>वो पत्र जिसपर पुलिस ने डॉक्टर ली से हस्ताक्षर कराये थे</figcaption> </figure><h3>कोरोना वायरस</h3><p>वीबो पर लिखे अपने पोस्ट में डॉक्टर ली ने विस्तार से बताया है कि 10 जनवरी से उन्हें खाँसी शुरू हुई और उसके बाद उन्हें बुखार आया.</p><p>दो दिन में ही उनकी सेहत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. उनके माता-पिता भी बीमार पड़ गए और उन्हें भी अस्पताल में भर्ती होना पड़ा.</p><p>20 जनवरी को, यानी 10 दिन बाद चीन में कोरोना वायरस के कारण आपात स्थिति की घोषणा कर दी गई.</p><p>डॉक्टर ली का कहना है कि कई बार कोरोना वायरस के लिए उनकी जाँच हुई लेकिन हर बार नतीजा निगेटिव ही आया.</p><figure> <img alt="डॉक्टर ली वेनलियान्ग" src="https://c.files.bbci.co.uk/9BE4/production/_110780993_pic2.jpg" height="1049" width="976" /> <footer>Weibo</footer> <figcaption>डॉक्टर ली वेनलियान्ग पर अफ़वाह फैलाने का आरोप लगा</figcaption> </figure><h3>ख़तरनाक बीमारी के लक्षण</h3><p>30 जनवरी को एक बार फिर उन्होंने वीबो पर पोस्ट किया, "आज न्यूक्लिआई टेस्ट का नतीजा आ गया है और ये सकारात्मक है. अब इस पर संदेह ख़त्म हुआ, अब जाँच पूरी हो गई है."</p><p>इस पोस्ट पर उन्हें कई लोगों का समर्थन मिला है जबकि कई लोगों ने उन्हें सांत्वना भी दी है.</p><p>एक सोशल मीडिया यूज़र ने लिखा, "डॉक्टर ली वेनलियान्ग एक हीरो हैं."</p><p>डॉक्टर ली के साथ जो कुछ हुआ उसके बारे में जानने के बाद कुछ लोगों ने लिखा है, "भविष्य में डॉक्टरों को यदि किसी ख़तरनाक बीमारी के लक्षण मिलें तो वे इनके बारे में बताने से डरेंगे."</p><p>उन्होंने लिखा, "एक स्वस्थ वातावरण तैयार हो सके इसके लिए हमें लाखों ली वेनलियान्ग की ज़रूरत होगी."</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>
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कोरोना वायरस: वो डॉक्टर जिसने पहले ही दी थी चेतावनी
<figure> <img alt="डॉक्टर ली वेनलियान्ग" src="https://c.files.bbci.co.uk/15B4C/production/_110780988_pic1.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Weibo</footer> <figcaption>31 जनवरी को डॉक्टर ली वेनलियान्ग ने अस्पताल से अपनी ये तस्वीर पोस्ट की थी</figcaption> </figure><p>बात जनवरी की शुरुआत की है, जब चीन के शहर वुहान में एक नए करोना वायरस की ख़बर को छिपाने की कोशिश हो रही थी.</p><p>इसी बीच वुहान में एक डॉक्टर […]
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Prabhat Khabar Digital Desk
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