12.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

खेती से बदली मुसहर औरतों की ज़िंदगी, बनीं लखपति

<figure> <img alt="मुसहर" src="https://c.files.bbci.co.uk/23BE/production/_110705190_musharmahilakisan3.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Seetu Tewari/BBC</footer> </figure><p>संजू देवी लखपति बन गई हैं. आज लखपति बनने की बात आपको बहुत मामूली लगेगी. </p><p>लेकिन बिहार में दलित मुसहर समाज से आने वाली संजू के लिए ये किसी करिश्मे जैसा है कि उन्होंने 4.5 लाख की रकम अदा करके ज़मीन के आधे कट्ठे का एक […]

<figure> <img alt="मुसहर" src="https://c.files.bbci.co.uk/23BE/production/_110705190_musharmahilakisan3.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Seetu Tewari/BBC</footer> </figure><p>संजू देवी लखपति बन गई हैं. आज लखपति बनने की बात आपको बहुत मामूली लगेगी. </p><p>लेकिन बिहार में दलित मुसहर समाज से आने वाली संजू के लिए ये किसी करिश्मे जैसा है कि उन्होंने 4.5 लाख की रकम अदा करके ज़मीन के आधे कट्ठे का एक टुकड़ा ख़रीदा है.</p><p>पटना से सटे परसा बाज़ार के सिमरा गांव की संजू के जीवन में ये बदलाव खेती लाई है. दरअसल, 4 साल पहले संजू ने नकद पट्टे पर 5 कट्ठा खेत लेकर खेती शुरू की थी. </p><p>साल 2017 में उन्हें 50 हज़ार और 2018 में डेढ़ लाख रुपये का मुनाफ़ा हुआ. अभी संजू ने 30 हज़ार रुपये में 3 बीघा खेत में प्याज़ बोये हैं.</p><p>5 बच्चों की मां संजू बताती हैं, &quot;पैसा कमाए तो सबसे पहले लड़के को सरकारी स्कूल से निकालकर प्राइवेट स्कूल में डाले जिसमें हर महीने का 3000 रुपये लगता है. फिर घर पक्का करवाएं और अब आधा कठ्ठा ज़मीन ख़रीदे हैं. मैं और मेरे पति मोहन मांझी दोनों अपने खेत को जोतते हैं और समय मिलने पर खेत मजदूरी भी करते हैं.&quot; </p><figure> <img alt="पटना से सटे परसा बाज़ार के सिमरा गांव की संजू के जीवन में ये बदलाव खेती लाई है" src="https://c.files.bbci.co.uk/71DE/production/_110705192_sanjudevi2.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Seetu Tewari/BBC</footer> <figcaption>पटना से सटे परसा बाज़ार के सिमरा गांव की संजू के जीवन में ये बदलाव खेती लाई है</figcaption> </figure><h1>नकद पट्टे पर खेती ने बदला जीवन</h1><p>संजू के जीवन जैसा ही बदलाव बिहार की राजधानी पटना शहर से सटे फुलवारी शरीफ, पुनपुन और बिहटा की 600 मुसहर समाज की महिलाओं के जीवन में आया है. </p><p>ये बदलाव नकद पट्टे पर छोटी छोटी जोत के जरिए आया है.</p><p>नकद पट्टे पर खेती यानी एकमुश्त तय रकम देकर खेती की ज़मीन को एक साल के लिए किराए पर देना. </p><p>35 साल की क्रांति देवी अपने 17 कट्ठे के खेत को दिखाते हुए मुस्कराती है. उनके खेत में सब्जियां तैयार है. </p><p>जिसे उनके पति मंगलेश मांझी जुगाड़ ठेले (ठेला जिसमें इंजन लगा रहता है) पर लादकर पटना के बाज़ार समिति की थोक मंडी में बेच आएंगे.</p><p>बहुत कम बोलने वाली क्रांति देवी कहती हैं, &quot;बहुत छोटी उम्र में ब्याह हो गया था. 20 बरस हो गए शादी को, लेकिन दो वक्त की रोटी ठीक से नहीं मिलती थी. जब से खेती शुरू की, रोटी भी मिली और बच्चों को पढ़ाई भी. मेरी दो बेटियां पुनपुन पढ़ने जाती हैं रोज 64 रुपए टेम्पो भाड़ा लगाकर और एक बेटा हॉस्टल में रहकर पढ़ता है.&quot;</p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india/2014/03/140327_dalit_series_mushar_bihar_election2014spl_aa?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">सवाल दलितों काः अंग्रेज़ी बोलने वाले मुसहर बच्चे</a></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india/2014/04/140422_first_musahar_mp_village_toilet_rd?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">पहले मुसहर सांसद के टोले में भी शौचालय नहीं</a></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india/2015/09/150916_bihar_paswan_manjhi_tussle_sr?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">तो पासवान, मांझी को कैसे बर्दाश्त करते?</a></p><figure> <img alt="मुसहर महिलाओं और खेती की ये जुगलबंदी, इनके परिवारों को बदल रहा है" src="https://c.files.bbci.co.uk/BFFE/production/_110705194_musharmahilakisan.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Seetu Tewari/BBC</footer> <figcaption>मुसहर महिलाओं और खेती की ये जुगलबंदी, इनके परिवारों को बदल रहा है</figcaption> </figure><h1>मुसहर, शराबबंदी और कमाई पर आफत</h1><p>बिहार में मुसहर की आबादी तकरीबन 30 लाख और साक्षरता दर महज 9 फ़ीसदी है. </p><p>मुसहरों की सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक हालत दलितों में भी सबसे निचले पायदान पर है. बिहार सरकार ने इन्हें महादलितों की श्रेणी में रखा है. </p><p>इस भूमिहीन समाज की पहचान चूहा पकड़ने, चूहा खाने और देशी शराब बनाने वालों के तौर पर है.</p><p>साल 2016 में जब बिहार में शराबबंदी हुई तो देशी शराब बनाने के पेशे पर आफत आ गई. जिसके चलते महादलित महिलाओं में गुस्सा लाजिमी था. </p><p>बीते तीन दशक से महादलितों के बीच काम कर रहीं पद्मश्री सुधा वर्गीज बताती हैं, &quot;हमारी संस्था नारी गुंजन की मीटिंग में ये महिलाएं शराबबंदी के लिए हमें ही दोषी मानती थीं लेकिन धीरे धीरे उन्हें समझाया गया और परसा बाज़ार थाना के मोहली मुसहरी में 10 महिलाओं को 2.5 बीघा खेत 30,000 रुपये में एक साल के लिए दिया गया. उनका सामूहिक खेती को प्रयोग सफल रहा, महिलाओं को मुनाफा हुआ जिसके बाद महिलाओं ने खुद खेत नकद पट्टे पर लेकर खेती करनी शुरू कर दी.&quot;</p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india/2014/03/140325_dalit_series_channel_election2014spl_aa?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">विज्ञापनों को तरसता एक दलित चैनल</a></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india/2014/03/140328_dalit_series_bihar_election2014spl_aa?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">बिहार: क्या टूट रहा है जातिगत टकराव का क़िला</a></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india/2014/03/140323_dalit_series_election_2014_spl_aa?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">क्या राजनीतिक हाशिए पर हैं 20 करोड़ दलित?</a></p><figure> <img alt="बिहार में मुसहर की आबादी तकरीबन 30 लाख और साक्षरता दर महज 9 फ़ीसदी है" src="https://c.files.bbci.co.uk/1502C/production/_110706068_krantidevi.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Seetu Tewari/BBC</footer> <figcaption>बिहार में मुसहर की आबादी तकरीबन 30 लाख और साक्षरता दर महज 9 फ़ीसदी है</figcaption> </figure><h1>चूहा खाएगें तो विद्या चली जाएगी</h1><p>मुसहर महिलाओं और खेती की ये जुगलबंदी, इनके परिवारों को बदल रहा है. जीवन को देखने के उनके नज़रिए और प्राथमिकताओं दोनों में बदलाव आ रहा है. </p><p>आमतौर पर मुसहर टोले में जाने पर बच्चे घर में मिल जाते हैं लेकिन इन अनपढ़ परिवार की महिलाओं के बच्चे स्कूल जाते हैं. </p><p>बाल विवाह, परिवार नियोजन, माहवारी स्वच्छता, बाज़ार की समझ- उसमें नफ़ा नुकसान का गणित जैसे तमाम ज़रूरी मुद्दों से ये महिलाएं परिचित हुई हैं.</p><p>इन परिवारों के खान-पान के तरीकों में भी बदलाव (सकारात्मक या नकारात्मक) हुआ है. </p><p>चार बच्चों की मां बिंदिया देवी बताती हैं, &quot;बाल बच्चा कहता है कि चूहा खाएगें को विद्या चली जाएगी. गणेश जी नाराज़ हो जाएगें.&quot;</p><figure> <img alt="रानी और अनीता देवी" src="https://c.files.bbci.co.uk/1020C/production/_110706066_raniandanitadevijoahemdabadgaye.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Seetu Tewari/BBC</footer> <figcaption>रानी और अनीता देवी</figcaption> </figure><h1>ससुराल और मायके की सीमा</h1><p>45 साल की रानी और 37 साल की अनीता देवी ने पहली बार साल 2018 में अपने ससुराल और मायके की सीमा लांघी. </p><p>ये दोनों महिलाएं, किसानों की कॉन्फ्रेंस में हवाईजहाज से अहमदाबाद गई थीं. </p><p>दुबली पतली अनीता ने अपने जीवन में पहली बार शॉवर में गर्म पानी से नहाया था तो एयरपोर्ट चेकिंग में अपने बच्चे के लिए ख़रीदी 10 रुपये की बंदूक को सुरक्षाकर्मियों ने सुरक्षा कारणों से नहीं लाने दिया.</p><p>पटना और अहमदाबाद का ज़िक्र करते ही वो कहती हैं, &quot;पटना से बहुत अच्छा था. वहां रोड पर कोई थूकता नहीं था, कोई चिमकी (पॉलीथिन) और अंगल जंगल नहीं था.&quot;</p><figure> <img alt="चार बच्चों की मां बिंदिया देवी बताती हैं, &quot;बाल बच्चा कहता है कि चूहा खाएगें को विद्या चली जाएगी. गणेश जी नाराज़ हो जाएगें.&quot;" src="https://c.files.bbci.co.uk/1B94/production/_110706070_bindiyadevi.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Seetu Tewari/BBC</footer> <figcaption>चार बच्चों की मां बिंदिया देवी बताती हैं, &quot;बाल बच्चा कहता है कि चूहा खाएगें को विद्या चली जाएगी. गणेश जी नाराज़ हो जाएगें.&quot;</figcaption> </figure><h1>औरत को 80, मर्द को 400</h1><p>इन बदलावों के बावजूद, अभी बहुत कुछ बदलना बाकी है. मसलन नकद पट्टे पर लिए गए खेत में ये महिलाएं जब खेत मजदूरी करवाती हैं तो औरतों को 80 रुपये और मर्द को 400 रुपये मजदूरी देती हैं.</p><p>वजह पूछने पर लीला देवी कहती हैं, &quot;औरतें हल्का काम करती हैं, और मर्द मजबूत काम करते हैं. फिर औरतें 10 बजे आती हैं और आदमी सुबह से लग जाते हैं. तो दोनों को बराबर मजदूरी कैसे मिलेगा?&quot; </p><p>गौरतलब है कि ये औरतें खुद भी इस गैरबराबरी का शिकार हुई हैं, लेकिन इनके लिए मजदूरी में ये असमानता वाजिब है और इसको लेकर इनके पास अपने तर्क भी हैं.</p><p>इसके अलावा अभी इन महिलाओं के साथ गांव- समाज की जातीय जकड़नों का टूटना बाकी है. </p><p>जैसा कि परसा बाज़ार में इन महिलाओं के साथ बीते 4 साल से काम कर रहे अजीत कुमार कहते हैं, &quot;घर के अंदर इन महिलाओं की स्थिति मजबूत हुई है और घरेलू हिंसा में कमी आई है लेकिन मुसहर समुदाय को लेकर समाज में जो परसेप्शन बने हुए हैं, उनका टूटना बाकी है.&quot;</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel