लंदन : ब्रिटेन की एक अदालत ने फोर्स इंडिया के स्वामित्व वाली आलीशान क्रीड़ा नौका को बेचने और उससे प्राप्त राशि का कतर नेशनल बैंक को भुगतान करने का सोमवार को आदेश दिया. इससे बैंक उसके पास रखी गारंटी को भुना सकेगा. ब्रिटेन में हाईकोर्ट के एडमिरल्टी डिवीजन के समक्ष में सुनवाई के दौरान बैंक ने दावा किया कि शराब कारोबारी विजय माल्या का बेटा सिद्धार्थ माल्या इस आलीशन नौका का मालिक है.
हालांकि, बैंक ने कहा कि वह मुद्दे में उलझना नहीं चाहता है और उसका 60 लाख यूरो के बकाया ऋण की वसूली से जुड़ा दावा है. लंदन में सोमवार को न्यायमूर्ति निगेल टीयरे के आदेश में कहा गया कि कर्ज के लिए दी गयी जमानत (सिक्योरिटी) में माल्या द्वारा दी गयी व्यक्तिगत गारंटी भी शामिल है, जो कि कर्ज लेनदार के साथ नजदीकी से जुड़ा है.
फिलहाल, नौका साउथहैंपटन बंदरगाह पर जब्त है और न्यायालय द्वारा नियुक्त एडमिरल मार्शल पॉल फॉरेन बकाये की वसूली के लिए पोत का मूल्यांकन करेंगे और फिर बिक्री का आयोजन करेंगे. प्रक्रिया के हिस्से के रूप में अन्य दावाकर्ताओं को बिक्री की आय के लिए नोटिस देकर अपना दावा पंजीकृत कराना होगा. भारतीय स्टेट बैंक की अगुआई वाला बैंकों का समूह दावाकर्ताओं में शामिल हो सकता है.
कतर नेशनल बैंक की ओर से पेश वकील गिडेऑन शिराजी ने कहा कि अदालत के आदेश का मतलब है कि नौका की नीलामी की जानी चाहिए और दावाकर्ता को राशि का भुगतान किया जाना चाहिए. इस आलीशान नौका का स्वामित्व गिजमो इन्वेस्ट एसए और फोर्स इंडिया के पास है. दावा किया गया है कि जिगमो का मालिक विजय माल्या और फोर्स इंडिया का मालिक उनका बेटा सिद्धार्थ है.