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मुरली मनोहर जोशी JNU पर बोले- ऐसे वीसी को हटा देना चाहिए

<figure> <img alt="छात्रों का प्रदर्शन" src="https://c.files.bbci.co.uk/E295/production/_110450085_0039177b-2600-49d1-a05e-be7c8ea3817a.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> <figcaption>फ़ाइल फ़ोटो</figcaption> </figure><p>जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्रों ने रविवार को कैंपस में हुए हमले और वीसी जगदीश कुमार को हटाने की मांग को लेकर एक बड़ा विरोध मार्च निकाला. यह विरोध मार्च राष्ट्रपति भवन की तरफ़ बढ़ रहा था, जिसे दिल्ली पुलिस ने रोक […]

<figure> <img alt="छात्रों का प्रदर्शन" src="https://c.files.bbci.co.uk/E295/production/_110450085_0039177b-2600-49d1-a05e-be7c8ea3817a.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> <figcaption>फ़ाइल फ़ोटो</figcaption> </figure><p>जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्रों ने रविवार को कैंपस में हुए हमले और वीसी जगदीश कुमार को हटाने की मांग को लेकर एक बड़ा विरोध मार्च निकाला. यह विरोध मार्च राष्ट्रपति भवन की तरफ़ बढ़ रहा था, जिसे दिल्ली पुलिस ने रोक दिया और कई छात्रों को हिरासत में ले लिया था. </p><p>हालांकि, कुछ देर बाद हिरासत में लिए गए सभी छात्रों को छोड़ दिया गया. जेएनयू छात्रसंघ के ट्विटर हैंडल से यह जानकारी दी गई है. </p><p><a href="https://twitter.com/JNUSUofficial/status/1215269171941892098">https://twitter.com/JNUSUofficial/status/1215269171941892098</a></p><p>इस बीच अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री रहे मुरली मनोहर जोशी ने भी ट्वीट कर वीसी को हटाने की मांग की है. छात्रों की कई मांगों में से एक मांग यह भी है कि वीसी को तत्काल हटाया जाए. </p><p>मुरली मनोहर जोशी ने ट्वीट कर लिखा है, ”रिपोर्ट्स के अनुसार मानव संसाधान विकास मंत्रालय ने जेएनयू के वीसी को दो बार फीस बढ़ोतरी के मामले में अपने प्रस्ताव को लागू करने के लिए कहा था. वीसी को शिक्षकों और छात्रों से भी बात करने के लिए कहा गया था. यह हैरान करने वाला है कि वीसी सरकार के प्रस्ताव को लागू नहीं करने पर अड़े हैं. यह रवैया दुखद है और मेरा मानना है कि ऐसे वीसी को पद पर नहीं रहने देना चाहिए.” </p><p><a href="https://twitter.com/drmmjoshibjp/status/1215263514803064832">https://twitter.com/drmmjoshibjp/status/1215263514803064832</a></p><p>गुरुवार को राष्ट्रपति भवन की तरफ़ बढ़ रहे छात्रों को पुलिस बस में भरकर ले गई. कई छात्रों को चोट लगने की भी ख़बर है. इस दौरान पुलिस को लाउडस्पीकर से शांति बनाए रखने की अपील करते देखा गया. गुरुवार को यह विरोध मार्च राष्ट्रपति भवन की तरफ़ जा रहा था, जिसे पुलिस ने रोक दिया. पुलिस के साथ छात्रों की धक्कामुक्की भी हुई. </p><p>विरोध प्रदर्शन के मद्देनज़र पुलिस ने पहले से ही बैरिकेड लगा रखे थे. प्रदर्शनकारी छात्रों को दिल्ली पुलिस गाड़ी में जबरन बैठाती दिखी जबकि छात्र दिल्ली पुलिस, मोदी सरकार और जेएनयू के वीसी के ख़िलाफ़ नारे लगाते रहे. छात्रों ने पुलिस बैरिकेड हटाकर जाने की कोशिश भी की. </p><p><a href="https://twitter.com/ANI/status/1215260981363986432">https://twitter.com/ANI/status/1215260981363986432</a></p><p>गुरुवार दोपहर बाद जेएनयू के छात्रों, सिविल सोसाइटी के सदस्यों और प्रोफेसरों ने मंडी हाउस से मार्च शुरू किया था. प्रदर्शनकारियों की योजना मानव संसाधन विकास मंत्रालय जाकर ज्ञापन सौंपने की थी. इनकी मांग थी कि वीसी को बर्ख़ास्त किया जाए. </p><p>इसी मार्च के दौरान जेएनयू स्टूडेंट यूनियन की अध्यक्ष आइशी घोष ने राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च ले जाने का फ़ैसला किया. मार्च में सीपीएम नेता सीताराम येचुरी समेत वामपंथी पार्टियों के कई बड़े नेता भी शामिल थे. </p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>:</strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-51016228?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">JNU: पहले किसने हमला किया और हमले के पहले क्या हुआ?</a></p><figure> <img alt="छात्रों का प्रदर्शन" src="https://c.files.bbci.co.uk/14FFF/production/_110451068_6f0abe3a-deb6-41af-983d-2d23d231af39.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> </figure><p>कैंपस में हुई हिंसा के सिलसिले में जेएनयू टीचर्स असोसिएशन (JNUTA) के सदस्य और सात शिक्षक, जेएनयू छात्रसंघ के चार प्रतिनिधियों के साथ गुरुवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने गए थे.</p><p>इस मुलाकात में एचआरडी सचिव अमित खरे ने कहा कि जेएनयू में जो समस्याएं हैं उनका हल वीसी को हटाने से नहीं निकलेगा.</p><p>उन्होंने कहा,&quot;मंत्रालय का ध्यान अकादमिक मुद्दों पर है न कि राजनीतिक मुद्दों पर. नई फ़ीस लागू न किए जाने के दावों के बारे में मंत्रालय वीसी जगदीश कुमार से शुक्रवार को एक बार फिर बातचीत करेगा. वीसी से मुलाकात के बाद मंत्रालय के अधिकार छात्रों से भी मुलाक़ात करेंगे.&quot;</p><p>वहीं, जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष का कहना है कि जब तक जगदीश कुमार को उनके पद से हटाया नहीं जाता, छात्र और फ़ैकेल्टी के सदस्य अपना रुख़ नहीं बदलेंगे. </p><p>इस मार्च में जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार भी थे. उन्होंने कहा, &quot;छात्रों पर हुए बर्बर हमलों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने वाले छात्र और शिक्षक देश का क़ानून नहीं तोड़ेंगे बल्कि सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी को तोड़ेंगे.&quot;</p><p>कन्हैया कुमार ने ये बातें मानव संसाधन मंत्रालय के बाहर इकट्ठे हुए लोगों को सम्बोधित करते हुए कहीं.</p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-51014324?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">जेएनयू हमला: क्या भारत नौजवानों की नहीं सुन रहा?</a></p><figure> <img alt="कन्हैया कुमार" src="https://c.files.bbci.co.uk/1B67/production/_110451070_cc861d07-09f1-4806-9e4d-c23a34ed7c23.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> <figcaption>कन्हैया कुमार</figcaption> </figure><p>कन्हैया ने कहा, &quot;वो हमें टुकड़े-टुकड़े गैंग का सदस्य कहते हैं. मैं यहां सड़क पर बिना अपना चेहरा छिपाए खड़ा हूं और कबूल करता हूं कि हां, मैं टुकड़े-टुकड़े गैंग का सदस्य हूं. लेकिन हम देश को नहीं तोड़ रहे हैं. हम बीजेपी को ज़रूर तोड़ देंगे.&quot;</p><p>कन्हैया कुमार ने मौजूदा सरकार पर तंज करते हुए कहा, &quot;जेएनयू में जो कुछ हुआ, हमने उस बारे में बात की मगर हमें ये समझने की ज़रूरत भी है कि किसी विश्वविद्यालय को बार-बार यूं बदनाम क्यों किया जा हा है. छात्रों में समर्थन में खड़े लोगों को देशद्रोही का तमगा क्यों दिया जा रहा है? दीपिका पादुकोण जेएनयू आईं. उन्होंने कुछ नहीं कहा. दीपिका ने न तो प्रधानमंत्री मोदी का नाम लिया और न गृह मंत्री का. वो सिर्फ़ घायल छात्रों से मिलीं और लौट गईं. उसके तुरंत बाद बीजेपी समर्थकों ने उनकी फ़िल्म के बहिष्कार के लिए जंग छेड़ दी. अगर उन्होंने किसी पार्टी या विचारधारा का नाम नहीं लिया तो आप उनकी फ़िल्म क्यों नहीं देखेंगे?&quot; </p><p>कन्हैया ने कहा, &quot;इन सबका मतलब ये है कि वो ख़ुद स्वीकार करते हैं कि जेएनयू में हुई हिंसा के पीछे सरकार समर्थक थे. वीसी ने कहा कि मशहूर लोगों को उन छात्रों से मिलना चाहिए जो पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. कोई उन्हें याद दिलाए कि ये काम उनका है. छात्रों और शिक्षकों से उन्हें बात करनी चाहिए. दीपिका जेएनयू की वाइस चांसलर नहीं हैं.&quot;</p><figure> <img alt="दीपिका पादुकोण" src="https://c.files.bbci.co.uk/6987/production/_110451072_a13cb946-22f7-4758-afef-4b748761353a.jpg" height="506" width="660" /> <footer>SPICE PR</footer> </figure><p>कन्हैया कुमार ने पूछा, &quot;विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि पांच जनवरी को कुछ छात्र संगठन आपस में भिड़ गए थे. लेकिन फिर उन लोगों ने शिक्षकों को क्यों पीटा.&quot;</p><p>रविवार शाम को दिल्ली स्थित प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में क़रीब 50 की संख्या में कुछ नक़ाबपोश हमलावरों ने कैंपस में घुसकर छात्रों को पीटा था. इस हिंसा में 30-35 छात्रों को चोट आई थी और जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष भी बुरी तरह घायल हो गई थीं.</p><p>दिल्ली पुलिस ने इस सम्बन्ध में एक एफ़आईआर दर्ज की और क्राइम ब्रांच मामले की जांच कर रही है लेकिन अब तक किसी को गिरफ़्तार नहीं किया जा सका. हिंसा के लिए वाम छात्र संगठन और एबीवीपी एक दूसरे को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं,</p><p>जेएनयू के छात्र बढ़ी हुई फ़ीस, हॉस्टल और मेस के चार्ज और नए हॉस्टल मैनुअल के ख़िलाफ़ पिछले कुछ महीनों से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. </p><p><strong>बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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