<figure> <img alt="प्रदर्शन" src="https://c.files.bbci.co.uk/12131/production/_110333047_6ec5d771-9bc7-4d53-8522-bb213ecd9dba.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर हुए प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा के मामले 1,000 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है.</p><p>ये एफ़आईआर आईपीसी की धारा 147 (दंगा करने), 153 (दंगा भड़काने की कोशिश) और 332 (जान-बूझकर नुक़सान पहुंचाना और सरकारी अधिकारियों को ड्यूटी निभाने से रोकना) के तहत दर्ज की गई है.</p><p>एफ़आईआर में पुलिस ने कहा है, "हमने पहले वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया लेकिन जब हालात नहीं सुधरे तो भीड़ को क़ाबू में करने के लिए हमें आंसू गैस और थोड़ा-बहुत लाठीचार्ज करना पड़ा."</p><p>एएमयू कैंपस में 15 दिसंबर को हुई हिंसा के सिलसिले में दर्ज इस एफ़आईआर में कहा गया है कि यूनिवर्सिटी के छात्रों ने ‘ग़ैरक़ानूनी’ तरीक से ‘देशविरोधी’ नारे लगाए और सुरक्षाबलों पर पत्थर फेंके.</p><p>पुलिस ने ये भी स्वीकार किया कि हिंसा पर क़ाबू करने के लिए रबर की गोलियों, आसूं गैस और मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल किया. </p><p>रैपिड एक्शन फ़ोर्स (आरपीएफ़) के अनुसार संघर्ष में 11 सुरक्षाबल और एक कमांडर घायल हुए हैं.</p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50926420?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">जामिया की लड़कियों ने कैसे आँचल से परचम बना लिया</a></p><figure> <img alt="निर्मला सीतारमण" src="https://c.files.bbci.co.uk/3AB9/production/_110333051_ea44f30a-30f2-4056-a0f0-379be3abac4e.jpg" height="549" width="976" /> <footer>PTI</footer> </figure><h3>’बैंकिंग सेक्टर पर दबाव कम'</h3><p>भारतीय वित्त मंत्रालय ने कहा है कि बैंकिंग सेक्टर पर दबाव कम हो रहा है. वित्त मंत्रालय का ये बयान भारतीय रिज़र्व बैंक की उस रिपोर्ट के ठीक एक दिन बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि आने वाले दिनों में बैंकों पर एनपीए का बोझ बढ़ने वाला है.</p><p>वित्त सचिव राजीव कुमार ने शनिवार को कहा, "आरबीआई की हालिया रिपोर्ट कुछ दिनों पहले जारी की गई उसकी अपनी ही रिपोर्ट से मेल नहीं खाती. कुछ वक़्त पहले रिज़र्व बैंक ने कहा था कि एनपीए का बोझ कम हो रहा है. अगर आप कुल मिलाकर देखें तो बैंकों पर दबाव कम हुआ है. हम पारदर्शिता के रास्ते पर हैं."</p><p>हालांकि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आरबीआई की रिपोर्ट पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि सरकार इस बारे में समझने के लिए केंद्रीय बैंक के अधिकारियों के साथ बैठक करेगी. </p><p>भारतीय रिज़र्व बैंक ने शुक्रवार को वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट जारी की थी. रिपोर्ट के अनुसार रियल्टी क्षेत्र को दिए गए कर्ज़ के मामले में एनपीए का अनुपात जून 2018 के 5.74 की तुलना में जून 2019 में 7.3 फ़ीसदी हो गया है.</p><p>आरबीआई के मुताबिक़ सरकारी बैंकों को मामले में स्थिति और भी ख़राब है क्योंकि ऐसे कर्ज़ के मामले में उनका एनपीए 15 फ़ीसदी से बढ़कर 18.71 फ़ीसदी हो गया है.</p><p>रिपोर्ट के मुताबिक, 2016 में रियल्टी क्षेत्र से संबंधित लोन में एनपीए का अनुपात कुल बैंकिंग प्रणाली में 3.90 फ़ीसदी और सरकारी बैंकों में 7.06 फ़ीसदी था, जो 2017 में बढ़कर क्रमश: 4.38 और 9.67 फ़ीसदी पर पहुंच गया.</p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong>: <a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50931375?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">अर्थव्यवस्था को एक और झटका, आरबीआई ने कहा एनपीए अभी और बढ़ेगा</a></p><figure> <img alt="केरल के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान" src="https://c.files.bbci.co.uk/35FF/production/_110332831_dd2f2e26-7fe2-4743-b029-74515b5cfbab.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Kerala Governor @Twitter</footer> </figure><h3>नागरिकता क़ानून: केरल के राज्यपाल और इतिहासकार इरफ़ान हबीब में विवाद</h3><p>केरल के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान को शनिवार को कोन्नूर विश्वविद्यालय में लोगों को विरोध झेलना पड़ा.</p><p>राज्यपाल ख़ान आयोजित इंडियन हिस्ट्री कांग्रेस के 80वें संस्करण में हिस्सा लेने पहुंचे थे. उन्होंने यहां नागरिकता संशोधन क़ानून के पक्ष में बोला.</p><p>इस दौरान राज्यपाल ख़ान के जवाहर लाल नेहरू और मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद का नाम लेने पर सम्मेलन में आए <a href="https://www.asianetnews.com/video/newshour/news-hour-on-governor-s-speech-supporting-caa-q38gf3">कई लोगों ने उनका विरोध किया</a>. </p><p>इंडियन हिस्ट्री कांग्रेस के अध्यक्ष और इतिहासकार इरफ़ान हबीब ने स्टेज पर पहुंच कर उनका विरोध किया और कहा कि वो मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद का नाम लेने की बजाय नाथराम गोडसे का नाम लें.</p><p><a href="https://twitter.com/KeralaGovernor/status/1210898881933803520">https://twitter.com/KeralaGovernor/status/1210898881933803520</a></p><p>इस घटना के बाद राज्यपाल के दफ़्तर ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और लिखा, "इंडियन हिस्ट्री कांग्रेस की उद्घाटन सभा में कोई विवाद नहीं हुआ. कोन्नूर विश्वविद्यालय में आयोजित इसके 80वें संस्करण में इरफ़ान हबीब ने नागरिकता संशोधन क़ानून पर कुछ बिंदु उठाए. जब राज्यपालने इसका जवाब दिया तो इरफ़ान हबीब ने सीट से उठ कर उन्हें रोकने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि राज्यपाल को मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद का नाम का हक नहीं है, उन्हें गोडसे का नाम लेना चाहिए."</p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50874559?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">भारत में नागरिकता दी और छीनी कैसे जाती है?</a></p><figure> <img alt="कश्मीर" src="https://c.files.bbci.co.uk/88D9/production/_110333053_01152cc2-21ab-43ff-97ee-28e27b180f24.jpg" height="549" width="976" /> <footer>EPA</footer> </figure><h3>गूगल पर अनुच्छेद 370 ढ़ूंढते रहे लोग</h3><p>गूगल ट्रेंड्स रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक वर्ष में भारतीयों ने गूगल पर जो विषय सबसे ज़्यादा सर्च किए, अनुच्छेद 370 भी उनमें से एक था.</p><p>रिपोर्ट के मुताबिक़ भारतीयों ने 27 दिसंबर 2018-28 दिसंबर 2019 के बीच अनुच्छेद 370 और CAB (नागरिकता संशोधन बिल) के बारे में ख़ूब सर्च किया.</p><p>गूगल के ‘What is…’ सेक्शन में भारतीयों ने जो सवाल सबसे ज़्यादा पूछा वो था, "अनुच्छेद 370 क्या है."</p><p>इसके अलावा एनसीआर, अयोध्या, बालाकोट और पुलवामा, सर्जिकल स्ट्राइक और हाउडी मोदी जैसे कीवर्ड्स भी बड़ी संख्या में सर्च किए गए. </p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49742371?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">370 बेअसर होने के बाद कश्मीरी पंडित कितने ख़ुश</a></p><figure> <img alt="सोमालिया में बम धमाका" src="https://c.files.bbci.co.uk/16A97/production/_110332829_92368271-8213-4089-a11b-b2e1e4353332.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h3>सोमालिया में बम धमाका</h3><p>सोमालिया की राजधानी मोगादिशू में एक भीड़भाड़ वाले इलाके में शनिवार को एक घातक बम धमाका हुआ है जिसमें कम से कम 76 लोगों की मौत हुई है. धमाके में 90 से अधिक लोग घायल हुए हैं. घायलों में कइयों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है. </p><p>मारे जाने वालों में कई छात्र और तुर्की के दो नागरिक भी थे. ये बस विस्फोट मोगादिशू में एक व्यस्त नाके पर सुबह-सवेरे ही हुआ.</p><p>अब तक किसी भी समूह ने धमाके की ज़िम्मेदारी नहीं ली है. हालांकि चरमपंथी गुट अल-शबाब से जुड़े विद्रोही यहां पहले भी हमले करते रहे हैं.</p><p>धमाके के एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, "मैंने देखा कि एक कार चेक नाके से बाहर आई और उसमें अचानक धमाका हो गया. मैं अपनी जान बचाने के लिए भागा और कुछ दूर जा कर एक दीवार से पीछे छिप गया. आप देख सकते हैं कि कार के मलबे के नाम पर चंद धातु के टुकड़े ही बचे हैं. हमने 73 घायलों को को अस्पताल पहुंचाया."</p><p>राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल्लाही फ़ारमाजो ने हमले की कड़ी निंदा की है और कहा है कि "दुश्मन ये न समझें कि वो सोमालियों के लोगों को कमज़ोर कर देंगे. यह देश फिर अपने पैरों पर खड़े होगा और जिहादी इसे नहीं रोक पाएंगे."</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>
CAA: एएमयू हिंसा में 1,000 लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर-पांच बड़ी ख़बरें
<figure> <img alt="प्रदर्शन" src="https://c.files.bbci.co.uk/12131/production/_110333047_6ec5d771-9bc7-4d53-8522-bb213ecd9dba.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर हुए प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा के मामले 1,000 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है.</p><p>ये एफ़आईआर आईपीसी की धारा 147 (दंगा करने), 153 (दंगा भड़काने की कोशिश) और 332 (जान-बूझकर नुक़सान पहुंचाना और सरकारी […]
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