‘कौन कहता है कि आसमां में सुराख़ नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालकर देखो’ इस बार के कुछ बॉलीवुड कलाकारों के लिए ये कथन शत प्रतिशत सच साबित हुआ.
बात उन चेहरों की जो भीड़ में लापता थे लेकिन उनकी लगन, मेहनत ने उन्हें चमकता सितारा बना दिया.
कुछ कलाकारों को अपनी पहली ही फ़िल्म में बड़ी सफलता मिली तो कुछ को गुमनामी से इस साल ने निकाला.
इसमें सिर्फ़ बॉलीवुड की फ़िल्मों का योगदान ही नहीं रहा बल्कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आई वेब सीरीज और फ़िल्मों ने भी अपनी भागेदारी निभाई.
सिद्धांथ चतुर्वेदी और विजय वर्मा
फ़िल्म ‘गली ब्वॉय’ ने दो कलाकारों को ख़ूब चमका दिया और अगर आप सोच रहे हैं कि वो आलिया भट्ट और रणवीर सिंह हैं तो आपका ये अंदाज़ा ग़लत है.
एम सी शेर, मोइन आरिफ़ का किरदार निभाने वाले सिद्धांथ चतुर्वेदी और विजय वर्मा इस फ़िल्म में स्टार कलाकार साबित हुए.
हैदराबाद के विजय वर्मा ने 2005 में एफ़टीआईआई से एक्टिंग का कोर्स किया और बाद में सपनों की नगरी मुंबई आ गए.
मीठीबाई कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद सीए की पढ़ाई करने वाले सिद्धांथ चतुर्वेदी ‘गली ब्वॉय’ में एम सी शेर बनकर छा गए.
इससे पहले सिद्धांथ ने इनसाइड एज सीरीज़ में काम किया था और हाल ही में इनसाइड एज 2 में वह अहम किरदार में नज़र आए थे.
गली ब्वॉय से उलट-पुलट हुई ज़िंदगी : नैज़ी
आदित्य धर और विक्की कौशल
इस साल के शुरुआती महीने यानी जनवरी में आई फ़िल्म ‘उरी- द सर्जिकल स्ट्राइक’ ने बॉक्स ऑफ़िस को अपनी धमाकेदार कमाई से हिला दिया. फ़िल्म के हीरो विक्की कौशल ने ‘संजू’ और ‘राज़ी’ फ़िल्म से लोगों के दिलों में जगह तो बना ही ली थी लेकिन ‘उरी’ फ़िल्म ने उन्हें बतौर हीरो बड़ी पहचान दी. अकेले अपने कंधों पर फ़िल्म को सफलता दिलाकर उन्होंने निर्देशकों का विश्वास जीता.
बॉलीवुड को इस फ़िल्म ने एक नया हीरो दिया तो पहली बार फ़िल्म का निर्देशन करने वाले आदित्य धर जैसे निर्देशक भी उभरकर सामने आए.
‘काबुल एक्सप्रेस’, ‘हाल-ए-दिल’ और 2009 में आई ‘डैडी कूल’ जैसी फ़िल्मों में गानों के बोल लिखकर फ़िल्मी दुनिया में निर्देशक बनने का सपना लेकर आए आदित्य धर अपनी पहली ही निर्देशित फ़िल्म में लोगों का दिल जीतने में कामयाब रहे.
यही नहीं, साल का अंत होते-होते सर्वश्रेष्ठ निर्देशन के लिए वह राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किए गए. उन्होंने फिर ट्वीट करते हुए लिखा था कि उनकी 15 साल की मेहनत अब रंग लाई.
वह 15 साल से अलग-अलग काम कर फ़िल्मी दुनिया में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे थे.
रकुल प्रीत सिंह
‘दे दे प्यार दे’ फ़िल्म ने रकुल प्रीत सिंह को बॉलीवुड में वो पहचान दिलाई जिसके लिए उन्होंने दक्षिण भारतीय फ़िल्मों से बॉलीवुड का रुख़ किया था.
उनके किरदार की तारीफ़ तो हुई ही थी साथ ही उनके लुक और फिटनेस की ख़ूब चर्चा हुई..
रकुल प्रीत सिंह फ़िल्म में अजय देवगन के साथ नज़र आई थीं.
उन्होंने 2009 में कन्नड फ़िल्मों से अपनी करियर की शुरुआत की. इस साल वह ‘मरजावां’ फ़िल्म में तारा सुतारिया और सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ भी दिखाई दीं.
नवीन पॉलीशेट्टी और ताहिर राज बसिन
सुशांत सिंह राजपूत की फ़िल्म ‘छिछोरे’ ने कई ‘छिछोरों’ को लोगों के दिलों में बसा दिया.
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपने करियर की शुरुआत करने वाले नवीन पॉलीशेट्टी इस फ़िल्म में ‘एसिड’ के किरदार में नज़र आए और ताहिर राज बसिन ‘डरेक’ के किरदार में दिखाई दिए.
हैदराबाद के नवीन पॉलीशेट्टी पेशे से इंजीनियर थे जिन्होंने एनआईटी भोपाल से इंजीनियरिंग का कोर्स किया था. इसके बाद उन्होंने थिएटर को अपना लिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम करना शुरू किया.
ताहिर राज बसिन दिल्ली के रहने वाले हैं जिन्होंने मीडिया में यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेलबर्न से कोर्स किया. इसके बाद बॉलीवुड में क़दम रखते हुए ‘क़िस्मत लव पैसा दिल्ली’ फ़िल्म से डेब्यू किया.
इन दो कलाकारों को लोगों ने बहुत सराहा.
रोहित सुरेश सरफ़
‘द स्काय इज़ पिंक’ फ़िल्म से प्रियंका चोपड़ा ने बॉलीवुड में फिर से दस्तक दी. हालांकि फ़िल्म बॉक्स ऑफ़िस पर कुछ ख़ास कमा नहीं पाई और मिल-जुले रिव्यू मिले लेकिन सबने रोहित सुरेश सरफ़ की एक्टिंग की चर्चा की.
23 साल के रोहित ने बॉलीवुड में ‘डियर ज़िंदगी’ से अपने करियर की शुरुआत की.
विशाल जेठवा
जहां 23 साल के रोहित सुर्खियां बटोर रहे थे तो वहीं ‘मर्दानी 2’ में विलेन का किरदार निभाने वाले 25 साल के विशाल जेठवा ने अपनी एक्टिंग से सबको चौंका दिया.
फ़िल्म की रिलीज़ से पहले बीबीसी से बातचीत के दौरान ‘मर्दानी’ रानी ने कहा था कि "जब आप इस फ़िल्म में विलेन का रोल करने वाले कलाकार को देखेंगे तो यक़ीन मानिए आप उसकी चर्चा किए बिना नहीं रह पाएंगे."
वैसा हुआ भी. टीवी पर ‘भारत का वीरपुत्र- महाराणा प्रताप’ में अक़बर के किरदार कर चुके विशाल जेठवा को ख़ुद भी उम्मीद नहीं होगी कि उनका बॉलीवुड में विलेन के तौर पर इस तरह का स्वागत किया जाएगा.
फ़िल्मों के अलावा इन वेब सीरीज़ ने कई कलाकारों को हीरो और हीरोइन बना दिया.
शेफ़ाली शाह
‘दिल धड़कने दो’ में प्रियंका चोपड़ा और रणवीर सिंह की मां के किरदार में नज़र आईं शेफ़ाली शाह ने जब पुलिस की वर्दी पहनकर ‘दिल्ली क्राइम’ वेब सीरीज़ में काम किया तो लोगों को उनका एक अलग ही रूप देखने को मिला. पुलिस अफ़सर वर्तिका चुतर्वेदी के इस रूप में लोगों ने उन्हें पसंद भी किया.
इस किरदार के लिए उन्हें सिंगापुर में आयोजित हुए दूसरे वार्षिक एशियाई अकादमी क्रिएटिव अवॉर्ड्स में सर्वश्रेष्ठ एक्टर का अवार्ड मिला.
दिल्ली क्राइम वेबसिरीज़: निर्भया रेप में डीसीपी छाया शर्मा ना होतीं तो
जितेन्द्र कुमार
आईआईटी में घुसने की होड़ पर बनी ‘कोटा फ़ैक्ट्री’ वेब सीरीज़ छात्रों के दिलों को छू गई थी. इस सीरीज़ से चमके जितेन्द्र कुमार. जितेन्द्र कुमार ख़ुद आईआईटी खड़गपुर से सिविल इंजीनियरिंग पढ़े हुए हैं और ‘द वायरल फीवर’ के यूट्यूब चैनल पर कई किरदारों को निभाने के लिए जाने जाते हैं. इस सीरीज़ में ‘जीतू भइया’ का किरदार उन्होंने निभाया था.
शोभिता धुलिपाला, अर्जुन माथुर और शशांक अरोड़ा
जब ज़ोया अख़्तर की वेब सिरीज़ ‘मेड इन हेवन’ आई तो शादियों की कड़वी सच्चाई पर बनी इस सीरीज ने तूफ़ान मचा दिया.
हर कोई इस सीरीज़ की चर्चा करता नज़र आया. शोभिता धुलिपाला, अर्जुन माथुर और शशांक अरोड़ा इस सीरीज़ के ज़रिए सीधा लोगों के दिलों में बस गए.
मनोज बाजपेयी
मनोज बाजपेयी यूं तो अपने अच्छे अभिनय के लिए जाने ही जाते हैं. ‘द फ़ैमली मैन’ वेब सीरीज़ ने मानो उनपर बेहतरीन कलाकार होने का एक और ठप्पा लगा दिया.
इस सीरीज में दक्षिण भारत के कलाकार नीरज माधव भी हिंदी सिनेमा में अपनी पहचान बनाते नज़र आए.
इस साल मनोज बाजपेयी पहले पद्म श्री से सम्मानित किए गए और फिर फ़िल्म ‘अलीगढ़’ के लिए एशिया पैसिफिक स्क्रीन अवार्ड से भी नवाज़े गए.
हाल ही में उनको ‘द फ़ैमली मैन’ के लिए क्रिटिक्स चॉइस शॉर्ट एंड सीरीज अवार्ड्स में अपने अभिनय के लिए पुरस्कार मिला.
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