<figure> <img alt="यौन हिंसा, रेप, क्राइम" src="https://c.files.bbci.co.uk/F218/production/_109667916_gettyimages-490302998.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>पाकिस्तान में बाल यौन शोषण की घटना कोई नई बात नहीं है, लेकिन क़सूर में चार साल पहले ऐसी संगठित घटनाओं के वीडियो और पिछले वर्ष इसी ज़िले में घटित ज़ैनब मामले के बाद ऐसी घटनाओं ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. सरकार ने ऐसी घटनाओं को रोकने और इसमें शामिल लोगों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करने के लिए क़ानून भी बनाया है, लेकिन इन उपायों के बावजूद, पाकिस्तान में बाल यौन शोषण की घटनाएँ रुक नहीं रही हैं.</p><p>पंजाब के रावलपिंडी शहर में मंगलवार को पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ़्तार करने का दावा किया है, जिसने पुलिस के अनुसार 30 बच्चों का यौन शोषण करने और उनके वीडियो बेचने की बात स्वीकार की है.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/vert-fut-45734181?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">रेप और यौन अपराधों से जुड़ी पाँच ग़लतफ़हमियाँ</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-45577771?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">’मेरे बॉयफ्रेंड ने मुझे सबके सामने पीटा'</a></li> </ul><figure> <img alt="रेप, यौन हिंसा, क्राइम" src="https://c.files.bbci.co.uk/11928/production/_109667917_gettyimages-468671317.jpg" height="849" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>पुलिस के अनुसार, यह व्यक्ति पूर्व में भी ब्रिटेन और इटली जैसे यूरोपीय देशों में ऐसे अपराधों में लिप्त रहा है और ब्रिटेन में एक बच्चे का यौन शोषण करने का दोषी पाए जाने पर उसे चार साल क़ैद की सज़ा भी हुई है.</p><p>ब्रिटिश अधिकारियों ने सोहैल अयाज़ नाम के इस व्यक्ति को अपराध करने के बाद वहाँ से निर्वासित करने के बाद पाकिस्तान भेज दिया था और यहाँ वापस आने के बाद वह ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रांतीय सरकार के सलाहकार के रूप में कार्यरत थे.</p><p>पाकिस्तान में अब इसी प्रकार के अपराध के आरोप में उनकी दोबारा गिरफ़्तारी के बाद यह सवाल उठता है कि बच्चों के यौन शोषण या अन्य प्रकार के शोषण में लिप्त व्यक्तियों की पहचान करने के लिए देश में कोई व्यवस्था क्यों नहीं है.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-44239267?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">यौन अपराधियों की लिस्ट क्यों निकाल रही है सरकार?</a></li> </ul><figure> <img alt="पाकिस्तान में बाल यौन अपराध" src="https://c.files.bbci.co.uk/12DEC/production/_109629277_mediaitem109629276.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h3>सेक्स अपराधी रजिस्टर क्या है?</h3><p>पाकिस्तान के पड़ोसी भारत सहित दुनिया के कई देशों में यौन अपराधों के अपराधियों के लिए सेक्स अपराधी रजिस्टर नामक एक सूची तैयार की जाती है जिसमें यौन शोषण में लिप्त व्यक्तियों का नाम शामिल क्या जाता है.</p><p>लंदन स्थित वकील मुज़म्मिल मुख़्तार के अनुसार वर्ष 2003 में ब्रिटेन में पारित क़ानून के अंतर्गत ‘वायलेंट एंड सेक्स ऑफेंडर्स रजिस्टर’ रखा जाता है जिसमें ऐसे सभी लोगों का नाम सूचीबद्ध किया जाता है जो यौन हिंसा से संबंधित किसी भी प्रकार के अपराध के लिए दंडित हो चुका हो.</p><p>’यदि किसी व्यक्ति को यौन हिंसा से संबंधित अपराध के लिए छह महीने या उससे अधिक की सज़ा होती है तो उसका नाम अगले दस वर्षों के लिए रजिस्टर में दर्ज किया जाता है और यदि सज़ा 30 महीने से अधिक है, तो ऐसा अपराधी का नाम रजिस्टर में अनिश्चित काल तक रहता है.'</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-42658380?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">’जनाज़ा जितना छोटा होता है, उतना ही भारी होता है'</a></li> </ul><figure> <img alt="यौन शोषण" src="https://c.files.bbci.co.uk/0BA0/production/_109667920_f4385659-c1b8-47fe-8348-31ac1cd0e3be.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>मुज़म्मिल मुख़्तार के अनुसार, डेटा सुरक्षा क़ानूनों के तहत इस रजिस्टर तक जनता की सीधी पहुँच नहीं है, लेकिन सूचना प्राप्त करने के क़ानूनों के तहत, कोई भी व्यक्ति पुलिस से किसी संदिग्ध व्यक्ति के बारे में पूछ सकता है, चाहे उसका नाम रजिस्टर में दर्ज हो या नहीं.</p><p>इस रजिस्टर का उद्देश्य यौन अपराधों से जुड़े अपराधियों को भविष्य में जनता, विशेषकर बच्चों से दूर रखना है.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-43100465?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">नौ और बच्चियों का गुनहगार था ज़ैनब का क़ातिल</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-42731659?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">क्या ज़ैनब की हत्या से बदल जाएगा पाकिस्तान?</a></li> </ul><figure> <img alt="पाकिस्तान में बाल यौन अपराध" src="https://c.files.bbci.co.uk/16A15/production/_109639629_mediaitem109639628.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Thinkstock</footer> </figure><h3>इंग्लैंड में आपराधिक रिकॉर्ड की जांच के लिए क्या किया जाता है?</h3><p>एक सवाल के जवाब में, उन्होंने कहा कि इंग्लैंड में आम चलन यह है कि किसी कंपनी या संस्थान में नौकरी के लिए आवेदन करने से पहले आवेदक से एक फ़ॉर्म पर हस्ताक्षर करवाया जाता है ताकि नौकरी देने से पहले उसके अपराधिक रिकॉर्ड की जाँच की जा सके.</p><p>’नौकरी देने से पहले यह सुनिश्चित किया जाता है कि नये कर्मचारी का कोई पिछला आपराधिक रिकॉर्ड तो नहीं है, या किसी मामले में जाँच तो नहीं चल रही है.'</p><p>एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनकी व्यक्तिगत राय में, यौन हिंसा से संबंधित अपराध में सज़ा पाने वाले ऐसे व्यक्ति जिनका नाम रजिस्टर में शामिल है उनके लिए ब्रिटेन में नौकरी पाने की संभावना लगभग शून्य है.</p><p>इस अपराध में लिप्त व्यक्ति जब जेल से बाहर भी आ जाता है तो उसकी कड़ी निगरानी की जाती है और क़ानून लागू करने वाली एजेंसियों तथा अदालत पर यह निर्भर करता है कि जेल से बाहर निकलने के बाद उन्हें किस प्रकार के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है.</p><p>इस सूची में शामिल व्यक्तियों पर विभिन्न प्रकार के प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं, जैसे कि इंटरनेट का उपयोग, स्कूलों या डे केयर सेंटर के पास निवास, बच्चों के आस पास रहना आदि.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-42677897?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">‘मेरी बच्ची कहती है, अम्मा मैं भी ज़ैनब हूं’</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-42673055?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">ज़ैनब जैसी मासूमों के लिए ख़तरनाक है पाकिस्तान का कसूर?</a></li> </ul><figure> <img alt="यौन हिंसा, रेप, क्राइम" src="https://c.files.bbci.co.uk/14A2/production/_101728250_gettyimages-942179750.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h3>पाकिस्तान में यौन अपराधियों का पंजीकरण क्यों नहीं?</h3><p>बाल अधिकारों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता और क़ानूनविद राणा आसिफ़ हबीब का कहना था कि पाकिस्तान में अभी तक ऐसा कोई केंद्रीय डेटाबेस नहीं है जो यौन अपराधों में लिप्त किसी व्यक्ति की पहचान और निगरानी कर सके. उनका कहना था अधिक से अधिक देशों के साथ अगर आपराधिक आँकड़ों के आदान-प्रदान के द्विपक्षीय समझौते हों तो इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सकता है.</p><p>बाल संरक्षण ब्यूरो, लाहौर के एक अधिकारी के अनुसार, ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान में सार्वजनिक या निजी संस्थानों में नौकरी से पहले आवेदक से पुलिस का प्रमाण पत्र नहीं माँगा जाता.</p><p>’यह माँगा जाता है, लेकिन यह केवल काग़ज़ी कार्रवाई के स्तर तक ही होता है जिसमें संबंधित थाने से फ़ॉर्म पर यह लिखवाना होता है कि आवेदक का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. जब पुलिस प्रणाली कम्प्यूटरीकृत ही नहीं है तो यह कैसे पता चलेगा कि कोई आपराधिक रिकॉर्ड है या नहीं?'</p><p>उन्होंने कहा कि ‘यौन अपराधियों का रजिस्टर’ के निर्माण के लिए संघीय और प्रांतीय स्तर पर क़ानून बनाए जाने की आवश्यकता है और ईसीएल की तरह यौन अपराधियों के रिकॉर्ड रखने की आवश्यकता है.'</p><figure> <img alt="पाकिस्तान में बाल यौन अपराध" src="https://c.files.bbci.co.uk/E7C4/production/_109623395__89330128_child.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Thinkstock</footer> </figure><p>सोहेल अयाज़ के मामले पर बात करते हुए राणा आसिफ़ का कहना था कि प्रत्येक निर्वासित व्यक्ति के पास पूरे दस्तावेज़ी सबूत होते हैं कि उन्हें क्यों निर्वासित किया जा रहा है और सवाल यह है कि निर्वासित होने वाले इस व्यक्ति का रिकॉर्ड पाकिस्तान में अब तक उच्च स्तर तक क्यों नहीं पहुँचाया गया?</p><p>उन्होंने कहा कि इस तरह के आव्रजन डेटा को संकलित करने के बाद इसे सभी सरकारी एजेंसियों को सुलभ करा दिया जाए तो दूसरे देश से अपराध करके पाकिस्तान आने वाले व्यक्तियों पर नज़र रखना संभव है.</p><p>बाल अधिकार संरक्षण के लिए काम करने वाले पाकिस्तानी संगठनों की मातृ संस्था, चाइल्ड राइट्स मूवमेंट (सीआरएम) के राष्ट्रीय समन्वयक मुमताज़ गौहर भी राणा आसिफ़ हबीब के विचारों से सहमत हैं.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-42795278?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">1150 मर्दों की डीएनए जांच से ज़ैनब का संदिग्ध हत्यारा गिरफ्तार</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-45915995?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">’मेरे धोखेबाज़ बॉयफ़्रेंड ने मुझे एड्स बीमारी दी'</a></li> </ul><h3>ज़ैनब अलर्ट बिल अब तक पारित नहीं</h3><p>बीबीसी से उन्होंने कहा कि क़सूर में ज़ैनब की हत्या के बाद यह आशा की जा रही थी कि यह एक ‘टेस्ट केस’ साबित होगा और इस प्रकार के अपराधों की रोकथाम और निष्पादन तथा कठोर कार्रवाई करने के लिए क़ानून बनाया जाएगा लेकिन इस दिशा में कोई विशेष प्रगति नहीं हुई.</p><p>उनका कहना था कि विशेष रूप से ‘ज़ैनब अलर्ट बिल’ पेश किया गया था लेकिन यह अब तक पारित नहीं हो सका है. यह और इसके अतिरिक्त अन्य क़ानूनी ख़ामियों को दूर करके ही ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है.</p><p>मुमताज़ गौहर का यह भी कहना है कि दुनिया में जहाँ अब फॉरेंसिक साइकिएट्री के माध्यम से अपराधियों का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण कर उन कारणों को जाना जाता है जिनके आधार पर वे ऐसे अपराधों के लिए प्रेरित होते हैं, लेकिन पाकिस्तान में अब तक इस दिशा में कभी विचार ही नहीं किया गया.</p><p>उनका कहना है कि यदि अपराधियों के मनोविज्ञान का विश्लेषण किया जाए तो कई बातें स्पष्ट हो सकती हैं जिनमें अपराध की ओर प्रवृत्त करने वाले कारक तथा दोबारा अपराध करने की संभावना शामिल हैं, जिनका अध्ययन करके इसे एक विशेष डेटाबेस का हिस्सा बनाना चाहिए.</p><p>उनके अनुसार इससे ऐसे लोगों पर नज़र रखने में मदद मिलेगी जिससे यौन अपराधों की दर में कमी आ सकती है.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> करें. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong> और</strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi"> ट्विटर</a><strong> पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)</strong></p>
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पाकिस्तान सेक्स अपराधियों की लिस्ट क्यों नहीं बना पा रहा?
<figure> <img alt="यौन हिंसा, रेप, क्राइम" src="https://c.files.bbci.co.uk/F218/production/_109667916_gettyimages-490302998.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>पाकिस्तान में बाल यौन शोषण की घटना कोई नई बात नहीं है, लेकिन क़सूर में चार साल पहले ऐसी संगठित घटनाओं के वीडियो और पिछले वर्ष इसी ज़िले में घटित ज़ैनब मामले के बाद ऐसी घटनाओं ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. […]
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