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जब अडल्ट्री पर सख़्त नियम बनाने वाले ने ही उसे तोड़ दिया

<figure> <img alt="अकेह उलेमा काउंसिल के सदस्य मुखलिस को जब कोड़े मारे गए." src="https://c.files.bbci.co.uk/163C7/production/_109497019_057676914.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> <figcaption>अकेह उलेमा काउंसिल के सदस्य मुखलिस को जब कोड़े मारे गए.</figcaption> </figure><p>इंडोनेशिया में एक ऐसे शख़्स को अडल्ट्री यानी व्याभिचार (शादी से इतर संबंध बनाना) का दोषी पाया गया है, जिन्होंने खुद अडल्ट्री के लिए सख़्त नियम […]

<figure> <img alt="अकेह उलेमा काउंसिल के सदस्य मुखलिस को जब कोड़े मारे गए." src="https://c.files.bbci.co.uk/163C7/production/_109497019_057676914.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> <figcaption>अकेह उलेमा काउंसिल के सदस्य मुखलिस को जब कोड़े मारे गए.</figcaption> </figure><p>इंडोनेशिया में एक ऐसे शख़्स को अडल्ट्री यानी व्याभिचार (शादी से इतर संबंध बनाना) का दोषी पाया गया है, जिन्होंने खुद अडल्ट्री के लिए सख़्त नियम बनाए थे.</p><p>इंडोनेशिया में अकेह उलेमा काउंसिल (एमपीयू) के मुखलिस बिन मोहम्मद को इस अपराध के लिए 28 कोड़े मारने की सज़ा सुनाई गई, जबकि जिस महिला के साथ उनके संबंध थे, उसे 23 कोड़े मारने की सज़ा दी गई.</p><p>मुखलिस अकेह प्रांत से आते हैं, यह इलाका बहुत अधिक रूढ़िवादी समझा जाता है. यह इंडोनेशिया की एकमात्र जगह है जहां सख़्त इस्लामिक क़ानून शरिया का पालन होता है.अकेह में गे-सेक्स और जुआ भी अपराध के दायरे में आता है.</p><p>अकेह बेसर ज़िले के डिप्टी मेयर हुसैनी वहाब ने बीबीसी से कहा कि यह ईश्वर का नियम है, जो कोई भी दोषी पाया जाएगा उसे कोड़े खाने होंगे. फिर चाहे वह एमपीयू का ही सदस्य क्यों ना हो.</p><p>मुखलिस और उनकी साथी को सितंबर में पकड़ा गया था. वे दोनों एक समुद्र तट पर कार पार्किंग के समीप मौजूद थे. दोनों लोगों को गुरुवार को कोड़े मारे गए. इसके साथ ही हुसैनी ने बताया कि मुखलिस को एमपीयू से भी बाहर कर दिया गया है.</p><figure> <img alt="मुखलिस" src="https://c.files.bbci.co.uk/2F2F/production/_109497021_057676910.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> </figure><h1>मुखलिस ने ही बनाए थे सख्त नियम</h1><p>46 वर्षीय मुखलिस इस्लाम के धार्मिक नेता भी हैं. अकेह में साल 2005 में शरिया क़ानून लागू हुआ, उसके बाद से अब पहली बार किसी धार्मिक नेता को यूं सरेआम कोड़े मारे गए हैं.</p><p>एमपीयू ने स्थानीय सरकार और विधायकों से अकेह में शरिया क़ानून लागू करने के लिए प्रस्ताव बनाने की अपील की थी.</p><p>करीब एक दशक पहले अकेह को अपने इलाके में कड़े इस्लामिक नियम लागू करने का विशेषाधिकार भी दिया गया था.</p><p>इसके बाद साल 2014 में समलैंगिकता के ख़िलाफ़ क़ानून पारित किया गया और उसके अगले साल उसे लागू कर दिया गया.</p><figure> <img alt="मुखलिस" src="https://c.files.bbci.co.uk/7D4F/production/_109497023_58dbc267-16dc-4c40-90ce-e6846555ead5.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> </figure><p>इसके साथ ही शरिया क़ानून के अंतर्गत शादी से इतर किसी अन्य व्यक्ति के साथ सेक्स करना, जुआ खेलना और अल्कोहल का उत्पादन, सेवन या व्यापार सभी गैरक़ानूनी मान लिया जाता है.</p><p>साल 2017 में अकेह में दो पुरुषों को यौन संबंध बनाते हुए पकड़ लिया गया था, तब उन्हें 83 कोड़े मारने की सज़ा मिली थी.</p><p>जिन कोड़ों से लोगों को सज़ा दी जाती है उन्हें एक ख़ास तरह की लकड़ी से बनाया जाता है. </p><p>कोड़े मारने वाले शख्स की आंखों को छोड़कर शरीर के बाकी हिस्से को ढक दिया जाता है, जिससे उनकी पहचान ज़ाहिर ना हो सके.</p><figure> <img alt="कोड़े" src="https://c.files.bbci.co.uk/CB6F/production/_109497025_f32fe6c6-efa5-40cf-9827-7a01f34d043c.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> </figure><p>कोड़े मारने की सज़ा जनता के बीच में दी जाती है, हालांकि बच्चों को इससे दूर रखा जाता है.</p><p>अकेह में शरिया क़ानून मुस्लिम और गैर-मुस्लिम सभी लोगों पर बराबर लागू होता है.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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