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कश्मीर में 5 मज़दूरों की हत्या से कटरोसू गांव में ख़ौफ़: ग्राउंड रिपोर्ट

<figure> <img alt="कश्मीर" src="https://c.files.bbci.co.uk/A7D6/production/_109466924_706115e1-ca88-4ed0-9108-36d17064c8c8.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>भारत प्रशासित कश्मीर के कुलगाम ज़िले में अज्ञात बंदूकधारियों ने मंगलवार शाम पांच बाहरी मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी.</p><p>मृतकों की पहचान रफ़ीक शेख, रफ़ीकुल शेख, कमरुद्दीन शेख, मुरसालिम शेख और नईमुद्दीन शेख के तौर पर की गई है. इसके अलावा एक अन्य मजदूर ज़हीरुद्दीन […]

<figure> <img alt="कश्मीर" src="https://c.files.bbci.co.uk/A7D6/production/_109466924_706115e1-ca88-4ed0-9108-36d17064c8c8.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>भारत प्रशासित कश्मीर के कुलगाम ज़िले में अज्ञात बंदूकधारियों ने मंगलवार शाम पांच बाहरी मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी.</p><p>मृतकों की पहचान रफ़ीक शेख, रफ़ीकुल शेख, कमरुद्दीन शेख, मुरसालिम शेख और नईमुद्दीन शेख के तौर पर की गई है. इसके अलावा एक अन्य मजदूर ज़हीरुद्दीन घायल हैं और उनका श्रीनगर के एसके इंस्टीच्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज में इलाज चल रहा है. </p><p>सभी पांच मजदूर कटरोसू गांव में पहली मंजिल पर किराए के एक कमरे में रहते थे.</p><p>पिछले 15 दिनों में कश्मीर के दक्षिणी हिस्से में छह बाहरी ड्राइवरों, सेब व्यापारियों और एक मजदूर की हत्या कर दी गई जिससे बाहरी और स्थानीय लोगों में भय का माहौल है.</p><p>पुलिस ने बाहरी लोगों की हत्याओं के लिए चरमपंथी संगठनों को ज़िम्मेदार बताया है.</p><p>अपने परिजनों की हत्या की ख़बर सुनने के बाद रिश्तेदार और पड़ोसी सदा सगल दहशत में हैं. उन्हें अगले दिन सुबह तक कोई खबर नहीं थी. </p><p>सदा सगल आंखों से आंसुओं के साथ कहते हैं, &quot;मुझे आज सुबह तक कोई जानकारी नहीं थी कि मेरे रिश्तेदार मारे गए हैं. मैं अपने ग्राहकों से पैसे लेने गया था. मैंने सुना कि गोलीबारी की कुछ घटना हुई थी. मुझे अंदाजा नहीं था. मैं सुबह जल्दी ही कटरोसू गाँव आ गया और अपने रिश्तेदारों के कमरे में चला गया. मैंने उनका मोबाइल फोन और अन्य चीजें देखीं. मैंने अपने रिश्तेदारों से पूछताछ की. मुझे बताया गया कि उन्हें मार दिया गया है. फिर मुझे अपने घर से फोन आया. उन्होंने मुझसे कहा कि तुम्हारे लोग मारे गए हैं. मुझे लगा कि वे मजाक कर रहे हैं. मैं उन पर चिल्लाया, लेकिन उन्होंने फिर से वही बात कही.&quot;</p><h1>’मैंने वो पांच शव देखे'</h1><p>उन्होंने कहा, &quot;हमने आज बुधवार को अपने घर जाने की योजना बनाई थी. मैं यहां उन सभी को अपने घर ले जाने के लिए आया था. लेकिन मुझे उस कमरे में कोई नहीं मिला.&quot;</p><p>उन्होंने कहा कि हम 8 अक्टूबर को कश्मीर आए थे और मज़दूरी का काम कर रहे थे. </p><p>सगल ने अपने मारे गए रिश्तेदारों के रिहाइश के नजदीक एक कमरा किराए पर लिया था.</p><p>पुलिस और सुरक्षा बलों ने अपराधियों को पकड़ने के लिए एक तलाशी अभियान चलाया है.</p><p>अब्दुल सलाम भट गांव के नंबरदार हैं. उन्होंने बीबीसी को बताया कि शाम सात बजे के करीब उन्होंने पांचों लोगों के शव देखे.</p><p>उन्होंने कहा, &quot;मैं घर में बैठा था, जब मैंने फायरिंग की आवाज़ सुनी. मैंने पूछताछ की. कई लोगों ने कई बातें कही. कुछ ने कहा कि यह पथराव था और कुछ ने कहा कि यह कुछ और है. आधे घंटे के भीतर सेना मौके पर पहुंच गई. तब वे (सेना) मुझे उस स्थान पर ले गए जहां पश्चिम बंगाल के मजदूर मारे गए थे. मैंने पांच शव देखे. सेना ने मुझे कहा था कि शव वाहन में मिले. मुझे यही जानकारी है.&quot;</p><p>ग्रामीणों ने कहा कि पांच अगस्त से पहले ये मज़दूर अपने घर चले गए थे और महीने भर पहले ही लौटे थे.</p><p>भारत सरकार ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटा लिए थे जिसके बाद से क्षेत्र में तनाव है. </p><p>कश्मीर में तब से संचार सेवाएं भी लंबे समय तक प्रभावित रहीं. </p><p>कुछ दिन पहले ही लैंड लाइन और पोस्ट पेड मोबाइल सेवाएं बहाल कर दी गईं. लेकिन इंटरनेट और प्री-पेड मोबाइल सेवाएं अब भी बंद हैं.</p><p><strong>'</strong><strong>मक़सद सिर्फ लोगों को आतंकित करना</strong><strong>'</strong></p><p>भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 को रद्द करने के साथ ही राज्य का विभाजन कर दिया और उनकी जगह जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित राज्य और लद्दाख क्षेत्र को अलग केंद्र शासित राज्य बना दिया.</p><p>इससे पहले ये तीनों इलाक़े एक राज्य हुआ करते थे. इनमें से कश्मीर मुस्लिम बहुल और लद्दाख बौद्ध बहुल इलाक़ा है.</p><p>अनुच्छेद 370 हटाये जाने से पहले भारत सरकार ने कश्मीर में अतिरिक्त संख्या में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया था. </p><p>जहां हत्या की घटना हुई, उस किराए के कमरे के मालिक को हिरासत में ​ले लिया गया है. </p><p>एक पुलिस अधिकारी ने बतापया कि​ बिलाल अहमद से पूछताछ की जा रही है. उन्होंने यह भी बताया कि वह हाल ही में दो साल के बाद जेल से रिहा हुए हैं. अधिकारी ने यह भी बताया कि मजदूरों की हत्या के सि​लसिले में पूछताछ के लिए दो से तीन लोगों को हिरासत में लिया है. </p><p>नाम ज़ाहिर न करने की शर्त पर एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस घटना के पीछे हिज्बुल मुजाहिदीन या जैश के चरमपंथियों का हाथ है. उन्होंने कहा कि हम मामले की जांच कर रहे हैं और एक बार जांच पूरी हो जाएगी तो और ब्योरा दिया जाएगा. </p><p>ऐसी हत्याओं के उद्देश्य के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, &quot;इसका मक़सद सिर्फ लोगों को आतंकित करना है. यह आतंकवाद है.&quot; </p><p>कश्मीर ज़ोन पुलिस ने एक ट्वीट कर कहा कि प्रारंभिक सूचना के मुताबिक कुलगाम में चरमपंथियों ने पांच नागरिकों की हत्या कर दी. </p><p>कटरोसू गांव में दुकान चलाने वाले मंज़ूर अहमद ने कहा कि इस गुत्थी को सुलझाने की जरूरत है कि वे बंदूकधारी कौन हैं?</p><p>उन्होंने बीबीसी से कहा, &quot;बंद के कारण दुकानें दिन के समय बंद रहती हैं. शाम को दुकानें खुली. मैंने शाम की नमाज़ से पहले अपनी दुकान बंद कर दी थी क्योंकि वहाँ बिजली नहीं थी. मैं 7:05 बजे अपने घर पहुंचा, मैंने कुछ गोलीबारी की आवाजें सुनीं. उसके बाद हम घर पर ही रहे. हमें सुबह ही पता चला कि पिछली शाम को क्या हुआ था. हमें पता चला कि बाहरी मजदूरों को अज्ञात बंदूकधारियों ने मार दिया गया है. यह अज्ञात बंदूकधारियों का अनसुलझी गुत्थी है. पिछले तीस वर्षों में हम नहीं जानते कि ये अज्ञात बंदूकधारी कौन हैं?&quot;</p><p>उनका कहना है कि यह विस्फोट की आवाज थी, एक के बाद एक गोलियों की आवाज़ नहीं थी. </p><p>उनके मुताबिक, &quot;हम इनमें से चार लोगों को जानते हैं जो पिछले पंद्रह साल से गांव में आ रहे थे. वे पिछले पच्चीस दिनों से एक ही कमरे में रह रहे थे. हमने उन्हें सुबह और शाम को भी देखा जब वे काम से वापस आए. हमारे गाँव में यह पहली ऐसी घटना थी जब बाहरी लोग मारे गए. उन्होंने एक कमरा किराए पर लिया था जो बिलाल अहमद का है जो जेल से दो साल बाद रिहा हुआ था. आज रात उसे फिर गिरफ्तार कर लिया गया.&quot;</p><p>अपने गांव में पांच बाहरी लोगों के मारे जाने को लेकर स्थानीय लोग काफी परेशान हैं. </p><p>एक ग्रामीण अब्दुल रशीद भट ने कहा, &quot;हमें इन भीषण हत्याओं के बारे में सुबह पता चला. हम बहुत परेशान हैं कि ऐसा क्यों हुआ है. वे हमारे दुश्मन नहीं थे. उनके साथ हमारे बहुत सौहार्दपूर्ण संबंध थे. हम साथ में खाना खाते थे. हम रोना चाहते हैं. उनका हमारे जैसा ही परिवार है, वे बहुत गरीब लोग थे और इसीलिए वे नौकरी के लिए यहां आए थे. यह बहुत ही दुखद घटना है.&quot;</p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>:</strong></p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50233601?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कश्मीर में पर्यटकों के लौटने की ज़मीनी हक़ीक़त</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50231337?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कश्मीर पहुंचे 23 विदेशी सांसदों ने क्या कहा </a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50220956?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">मोदी सरकार के PR स्टंट का हिस्सा नहीं बनना था: डेविस </a></li> </ul><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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