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हेलीकॉप्टर से उतरे 70 अमेरिकी डेल्टा कमांडो, ऐसे दिया ऑपरेशन को अंजाम, आखिरी वक्त में चिल्ला और गिड़गिड़ा रहा था बगदादी

खुद को और तीन बच्चों को बगदादी ने उड़ा लिया वाशिंगटन : सीरिया के इदलिब प्रांत के सुदूर गांव बारिशा में दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट का सरगना अबू बकर अल बगदादी को अमेरिकी डेल्टा कमांडो ने मार गिराया. बगदादी के मारे जाने की यह कार्रवाई पूरी तरह फिल्मी अंदाज में की […]

खुद को और तीन बच्चों को बगदादी ने उड़ा लिया

वाशिंगटन : सीरिया के इदलिब प्रांत के सुदूर गांव बारिशा में दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट का सरगना अबू बकर अल बगदादी को अमेरिकी डेल्टा कमांडो ने मार गिराया. बगदादी के मारे जाने की यह कार्रवाई पूरी तरह फिल्मी अंदाज में की गयी. इस कार्रवाई को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस में बैठ कर देख रहे थे.

ट्रंप ने बताया कि अमेरिकी के-9 स्वान दस्ते ने जब उसका पीछा किया, तो उसने आत्मघाती जैकेट में विस्फोट कर खुद को और तीन बच्चों को उड़ा लिया. वह अपने जीवन के अंतिम क्षणों में रो रहा था, चिल्ला रहा था और गिड़गिड़ा रहा था. इस कार्रवाई को पूरा करने में महज 15 मिनट का समय लगा. ट्रंप ने बताया कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियां बगदादी का पहले से ही पीछा कर रही थीं और उन्हें पता था कि बगदादी जहां है, वहां कई सुरंगे हैं. इस मिशन के लिए स्पेशल कमांडो का एक समूह बनाया गया. इनमें आठ हेलीकॉप्टर, कई पोत और प्लेन शामिल थे. उन्होंने बताया कि अमेरिकी हेलीकॉप्टर तुर्की के ऊपर से उड़े. उन इलाकों से भी गुजरे, जहां सीरियाई और रूसी सेना का नियंत्रण है. रूस को इस बारे में नहीं पता था, फिर भी उसने अमेरिकी हेलीकॉप्टरों को जाने दिया.

ऐसे दिया गया ऑपरेशन को अंजाम

इराक से उड़े आठ हेलीकॉप्टर व तबाह किया ठिकाना

अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने बगदादी का सटीक लोकेशन दो हफ्ते पहले निकाली. ट्रंप को इसकी जानकारी तीन दिन पहले दी गयी. फिर योजना बनी और रूस, इराक, तुर्की से बात की गयी, लेकिन ऑपरेशन की जानकारी नहीं दी गयी. अमेरिकी कमांडोज के पास हथियारों के अलावा ट्रैंड कुत्ते और एक रोबोट भी था, जो किसी भी तरह के आत्मघाती हमले का सामना कर सके. कमांडोज के हेलीकॉप्टर इराक के एयरबेस से उड़ान भरे. फ्लाइट बहुत ही खतरनाक इलाकों से निकली. इस बात का डर था कि कमांडोज आग की चपेट में न आ जाएं. जैसे ही हेलीकॉप्टर बगदादी के परिसर के पास पहुंचे, गोलीबारी शुरू हो गयी. इसके बाद सेना ने दो घरों पर मिसाइलें दाग कर एक घर को तबाह कर दिया. इस ऑपरेशन में अमेिरकी सेना का एक कुत्ता घायल हुआ है.

खुद को और तीन बच्चों को बगदादी ने उड़ा लिया

ट्रंप ने बताया कि बारिशा गांव में पहले एक हेलीकॉप्टर लैंड किया. इसके बाद जवानों ने ऑपरेशन शुरू किया. जहां बगदादी छिप कर रह रहा था, उस परिसर को पहले खाली कराया गया. यहां से 11 बच्चों को निकाला गया. ट्रंप ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान बगदादी सुरंग के आखिरी छोर पर पहुंच गया. हमारे कुत्ते उसे खदेड़ रहे थे. वह सुरंग में रो रहा था, भाग रहा था और गिड़गिड़ा रहा था. जब वह घिर गया, तो उसने खुद को और तीन बच्चों को उड़ा लिया. इसमें उसकी बॉडी टुकड़ों में बंट गयी थी.

डीएनए टेस्ट कर उसके मारे जाने का एलान

बगदादी के आत्मघाती विस्फोट के बाद सुरंग में धुआं छा गया. किसी तरह से अमेरिकी सैनिक खोजते हुए पहुंचे, तो पाया कि बगदादी मर चुका है. हालांकि, उसके शरीर के ही अंगों का उन्होंने एक छोटी-सी फील्ड किट के जरिये डीएनए टेस्ट किया. इसमें बगदादी की पहचान हुई. अमेरिकी सैनिकों ने व्हाइट हाउस को खबर दी कि 100 पर्सेंट कॉन्फिडेंस जैकपॉट. ओवर. बता दें कि 2011 में ओसामा बिन लादेन के खिलाफ भी अमेरिका ने ऑपरेशन जैकपॉट चलाया था.

क्रूरता का दूसरा नाम

1700 इराकी सैनिकों का नरसंहार किया.

05 लाख से अधिक बेगुनाह लोगों को मारा सीरिया में.

50 लाख लोगों ने दूसरे देशों में ली शरण.

70 लाख लोग आंतरिक रूप से हुए विस्थापित.

पत्रकारों व बंधकों को गला रेत कर मौत का घाट उतार देता था.

कई वीडियो में देखा गया कि आइएस के आतंकी लोगों को जिंदा आग के हवाले कर देते थे.

नाम : अबू बकर अल बगदादी

जन्म

1971 (इराक के समारा नगर में, सूफी परिवार में)

शिक्षा

बगदाद विश्वविद्यालय से इस्लामिक स्टडी में पीएचडी

संगठन

शिया मुसलमानों के खात्मे के लिए सुन्नी चरमपंथियों ने

बनाया है आइएसआइएल (आइएसअाइएस)

कई बार पहले भी आ चुकी है मारे जाने की खबर

2014 छह सितंबर को बगदादी के मौत की पहली खबर छह सितंबर, 2014 को आयी थी. गठबंधन सेना ने दावा किया था कि वह हवाई हमले में मारा गया, लेकिन 13 नवंबर 2014 को बगदादी ने एक ऑडियो संदेश जारी कर इसे झूठा साबित कर दिया.

2015 27 अप्रैल को बगदादी के दूसरी बार मरने की खबर सीरिया के गोलन हाइट्स इलाके से आयी. इराक की न्यूज एजेंसी अलगाद प्रेस और अल-युम अल-तामेन ने बगदादी के मौत की पुष्टि की थी, लेकिन जुलाई, 2015 में बगदादी को फिर देखा गया.

12 अक्तूबर को खबर आयी कि अमेरिकी फौज के हमले में अपने तीन साथियों के साथ बगदादी इराक-सीरिया सीमा के समीप मारा गया, लेकिन नवंबर के अंत में बगदादी ने खुद संदेश जारी कर इसका खंडन किया और हमले की चेतावनी दी.

2016 नौ जून को दावा किया गया कि सीरिया के रक्का शहर में अमेरिकी फौज ने आइएस के काफिले के साथ बगदादी को मार गिराया. लेकिन बाद में पता चला कि बगदादी उस काफिले में शामिल ही नहीं था.

श्रीलंका हमले की ली थी आइएस ने जिम्मेवारी

श्रीलंका के क्राइस्टचर्च में 21 अप्रैल को हुए धमाकों में 253 लोग मारे गये थे. इसके बाद आइएस ने बगदादी का एक वीडियो जारी कर इसकी जिम्मेवारी ली थी. वीडियो में बगदादी कहता दिख रहा था कि यह लड़ाई अब खत्म हो चुकी है. और लड़ाई आने वाली हैं.

पहले मौलवी था बगदादी

बबदादी समारा की एक मस्जिद में मौलवी था. उसका सपना उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, इराक, सीरिया, तुर्कमेनिस्तान, जॉर्डन, लेबनान, पाकिस्तान, अफगान पर कब्जा कर ‘इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासान’ बनाने का था. इसमें हिंदुस्तान के भी कई इलाके शामिल थे.

2014 : खुद को घोषित किया था खलीफा

2003 में अमेरिका ने इराक पर हमला किया था. इस दौरान बगदादी को गिरफ्तार कर लिया गया. उसे अमेरिकी सेना कैंप ले गयी. यहीं वह कट्टरपंथी बना और बंदियों को अपने संगठन से जोड़ा. वह इराक में अल-कायदा में शामिल हुआ. इसके बाद वह अपने पूर्ववर्ती के मारे जाने के बाद 2010 में समूह का नेता बन गया. उसने 2013 में समूह का नाम बदल कर आइएसआइएल किया. 2014 में खुद को खलीफा घोषित कर लिया.

मौत की वजह बना उसका खास साथी

बगदादी को मरवाने में उसके ही सहयोगी का बड़ा हाथ है. ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के अनुसार, खुफिया एजेंसी सीआइए को बगदादी के संभावित ठिकाने के बारे में कुछ महीने पहले पता चला था, जब उसकी एक पत्नी और एक संदेशवाहक को गिरफ्तार किया गया था. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने उसकी पत्नी और संदेशवाहक से कई जानकारी ली. कुर्दों ने भी सीआइए को खुफिया जानकारी मुहैया करायी.

भारत में पांव जमाने का प्रयास कर रहे आइएस को झटका

बगदादी के खात्मे के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गयी हैं. बगदादी की मौत से भारत में पांव जमाने का प्रयास कर रहे आइएस को तगड़ा झटका लगा है.

एनआइए के मुताबिक, पिछले दो-तीन वर्षों से देश में आइएस के मामले सामने आ रहे हैं. आतंकी हमले की साजिश रचने के आरोप में एनआइए और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 28 केस दर्ज किये हैं. यूपी, केरल, तमिलनाडु, दिल्ली, तेलंगाना, कश्मीर, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों से 127 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आइएस को लेकर देश में पहला केस 2014 में दर्ज हुआ था. केरल में सबसे ज्यादा युवा इस संगठन की चपेट में आये हैं. कई युवा सीरिया और इराक में युद्ध के दौरान मारे भी गये थे.

बंगाल : नदिया की दो महिलाएं खुश

बगदादी के मारे जाने के बाद पश्चिम बंगाल के नदिया जिले की दो विधवा महिलाएं खुश हैं. इन दोनों महिलाओं के पति उन 39 भारतीयों में शामिल हैं, जिनका जून 2014 में आइएस ने अपहरण कर लिया था और इराक के बासूद में उनकी हत्या कर दी थी. चार साल के बाद 2018 में मारे गये इन लोगों की कब्र मोसुल में बरामद की गयी थी.

नदिया के तेहत्ता निवासी खोकों सिकदर की विधवा नमिता सिकदर ने कहा कि मुझे टीवी से पता चला कि बगदादी मारा गया है. मैं बहुत खुश हूं. मेरे पति को 38 अन्य लोगों के साथ मारा गया था और इसके पीछे आइएस का हाथ था. इधर, छपरा निवासी इलेक्ट्रिशियन समर टीकादार की विधवा दीपाली टीकादार ने कहा कि बगदादी को बहुत पहले ही मारा जाना चाहिए था.

वाशिंगटन पोस्ट ने बगदादी को बताया ‘धार्मिक विद्वान’, ट्रोल पर बदली हेडिंग

बगदादी को ‘धार्मिक स्कॉलर’ बताना एक अमेरिकी अखबार को महंगा पड़ गया. रविवार को जब यह खबर आयी कि बगदादी मारा गया, तो अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने खबर बनायी. इस खबर की हेडिंग थी- ‘अबु बक्र अल बगदादी, इस्लामिक राज्य का शीर्ष धार्मिक विद्वान, 48 वर्ष की उम्र में हुई मौत.’

यह हेडिंग जब लोगों ने पढ़ी, तो अखबार की आलोचना की. टिम यंग ने लिखा – वाशिंगटन पोस्ट एक मरे हुए टेररिस्ट को अमेरिकी राष्ट्रपति से ज्यादा इज्जत दे रहा है. इस हेडलाइन पर ट्रोल होने के बाद अखबार को अपनी हेडलाइन बदलनी पड़ी. अखबार ने फिर लिखा -इस्लामिक स्टेट के चरमपंथी नेता अबु बक्र अल बगदादी 48 की उम्र में मारा गया.’

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