ह्यूस्टन : ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम के लिए शनिवार को ह्यूस्टन पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारतीय समुदाय के लोगों ने जोरदार स्वागत किया. इस कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी मौजूद रहेंगे और मोदी 50,000 से ज्यादा भारतीय-अमेरिकी लोगों को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के ह्यूसटन में सिख समुदाय के लोगों से मुलाकात की. पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान सिख समुदाय के लोगों ने एक ज्ञापन सौंपते हुए 1984 के सिख दंगों, दिल्ली एयरपोर्ट का नाम गुरु नानक देव के नाम पर करने, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 और आनंद मैरिज ऐक्ट, वीजा व पासपोर्ट जैसे मुद्दों पर बोलने का आग्रह किया है.
इस संबंध में कैलिफोर्निया के अरविन के कमिश्नर अविंदर चावला ने कहा कि हमने एक ज्ञापन सौंपा और सिख समुदाय के लिए किए कामों को लेकर मोदी जी का धन्यवाद किया. हमने उन्हें करतारपुर कॉरिडोर के लिए धन्यवाद दिया है. राष्ट्रपति ट्रंप रविवार को (हाउडी मोदी में) यहां आ रहे हैं, यह दर्शाता है कि पीएम मोदी कितने महत्वपूर्ण नेता हैं. इधर , पीएम मोदी ने अमेरिका के ह्यूसटन में बोहरा समुदाय और कश्मीरी पंडितों के प्रतिनिधिमंडल के लोगों से भी मुलाकात की. कश्मीरी पंडितों के प्रतिनिधिमंडल में शामिल एक सदस्य ने पीएम मोदी का हाथ चूमते हुए 7 लाख कश्मीरी पंडितों की तरफ से उनको धन्यवाद दिया.
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#WATCH United States: Prime Minister Narendra Modi joins in reciting 'Namaste Sharade Devi' shloka while the Kashmiri Pandits meeting and interacting with him also recite it, in Houston. pic.twitter.com/pXZdAuvEvG
— ANI (@ANI) September 22, 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीरी पंडितों से मुलाकात के दौरान ‘नमस्ते शारदे देवी’ श्लोक का पाठ किया. कश्मीरी पंडितों के समुदाय का प्रतिनिधित्व कर रहे सुरिंदर कौल ने बताया कि प्रधानमंत्री ने हमसे कहा कि आपने नया कश्मीर बनाने के लिए बहुत कुछ झेला है. हमारे युवाओं ने उनको वे संदेश भी दिये जो समुदाय ने उनके लिए तैयार किये हैं. मैंने समुदाय की ओर से एक ज्ञापन प्रस्तुत किया, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया.
आपको बता दें कि रविवार को यहां एनआरजी फुटबॉल स्टेडियम में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम का आयोजन होगा. पोप को छोड़कर, किसी निर्वाचित विदेशी नेता के अमेरिका दौरे पर लोगों का यह सबसे बड़ा जमावड़ा होगा. यहां जार्ज बुश अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने के तुरंत बाद मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘हाउडी ह्यूस्टन ! यहां ह्यूस्टन में दोपहर है. आज और कल इस गतिशील और ऊर्जावान शहर में कार्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला को लेकर उत्सुक हूं.’
बड़े ऐलान की उम्मीद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की एनर्जी सिटी कहे जाने वाले ह्यूस्टन में आज तेल क्षेत्र के सीईओ के साथ बैठक की. सीईओ के साथ पीएम मोदी की यह बैठक काफी महत्वपूर्ण बतायी जा रही है. ऊर्जा के क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच सहयोग को विस्तार देने के उद्देश्य से यह बैठक की गयी है. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि ट्रंप प्रशासन इस सप्ताह भारत के साथ व्यापार समझौतों को लेकर कुछ बड़े ऐलान कर सकता है. न्यू यॉर्क टाइम्स में प्रकाशित खबर की मानें तो इसी सप्ताह पीएम मोदी की मुलाकात के बाद बड़े ऐलान हो सकते हैं.
इन्होंने किया मोदी का स्वागम
भारत में अमेरिकी दूत केनेथ जस्टर, अमेरिका में भारतीय दूत हर्षवर्द्धन श्रृंगला और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रधानमंत्री की अगवानी की. अगले 24 घंटे में ह्यूस्टन में मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ ‘‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम में भारतीय अमेरिकी समुदाय और उनके निर्वाचित प्रतिनिधियों को संबोधित करेंगे. वह भारत-अमेरिका ऊर्जा भागीदारी को बढ़ावा देने के मकसद से अग्रणी अमेरिकी ऊर्जा कंपनियों के अधिकारियों के साथ मुलाकात करेंगे.
चार महीने में चौथी बार ट्रंप से मिलेंगे मोदी
अमेरिका रवाना होने से पहले मोदी ने एक बयान में कहा था कि ह्यूस्टन के कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति की उपस्थिति बहुत महत्वपूर्ण है. ऐसा पहली बार होगा कि मोदी के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति भारतीय-अमेरिकी समुदाय के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से दिखाया गया विशेष भाव भारत और अमेरिका के बीच विशेष मित्रता को रेखांकित करता है. यह संबंधों की मजबूती को दर्शाता है तथा अमेरिकी समाज और अर्थव्यवस्था में भारतीय समुदाय के योगदान को प्रदर्शित करता है. ह्यूस्टन के बाद मोदी न्यूयार्क जाएंगे जहां वह 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र को संबोधित करेंगे. मोदी मंगलवार को ट्रंप से न्यूयार्क में मिलेंगे. पिछले चार महीने में दोनों नेताओं की यह चौथी बैठक होगी.
दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों की दिशा तय होने की संभावना
न्यूयार्क की बैठक से आगामी वर्षों के लिए दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों की दिशा तय होने की संभावना है. उम्मीद है कि दोनों नेता बढ़ते द्विपक्षीय व्यापार विवाद के समाधान के प्रयास, रक्षा और ऊर्जा समझौते और अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया सहित विभिन्न द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत कर सकते हैं.