<p> पिछले साल अंडर-19 वर्ल्ड कप में शुभमन गिल का बल्ला लगातार बोलता रहा. शुभमन ने सबसे ज्यादा रन बनाए और ‘प्लेयर ऑफ़ द सिरीज़’ बने. </p><p>इसके बाद वे भारतीय टीम की ओर से वनडे टीम में शामिल हुए और दो वनडे मैच के बाद उन्हें टेस्ट टीम में शामिल कर लिया गया है. </p><p>दक्षिण अफ्रीका के लिए जो 15 सदस्यीय भारतीय टीम चुनी गई है वो इस तरह से है- मयंक अग्रवाल, रोहित शर्मा, शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली (कप्तान), अजिंक्य रहाणे, हनुमा विहारी, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), रिद्धिमान साहा (विकेटकीपर), रविंद्र जडेजा, आर अश्विन, कुलदीप यादव, ईशांत शर्मा, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी.</p><p>दक्षिण अफ्रीका के ख़िलाफ़ टेस्ट सिरीज़ के लिए पहली बार शुभमन गिल को टेस्ट टीम में मौक़ा मिला है. उन्हें केएल राहुल की जगह टेस्ट टीम में शामिल किया गया है.</p><p>इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि शुभमन गिल के गांव और घर में वैसा ही माहौल होगा जो उनके अंडर-19 वर्ल्ड कप में प्लेयर ऑफ़ द सिरीज़ बनने के वक्त था.</p><h3>इस क्रिकेटर के गांव जैमल सिंह वाला में जब पिछले साल बीबीसी पंजाबी के संवाददाता दलजीत अमी जब पहुंचे तो उन्होंने जो देखा था आप भी पढ़िए- </h3><p>शुभमन के घर यानी इस किसान परिवार के आंगन में तीन ट्रैक्टर और दो ट्रॉलियों के इर्द-गिर्द खेती के तमाम औज़ार पड़े थे. </p><p>उनका एक आंगन थोड़ा ऊंचा और एक थोड़ा नीचा था. ऊंचे आंगन में खाटों और कुर्सियों पर तक़रीबन 20 लोग बैठे थे. </p><p>मेज़ों पर सूखे मेवे और अलग-अलग तरह की मिठाइयां रखी हुई थीं. चाय के कुछ कप ख़ाली हो चुके थे, कुछ आधे तो कुछ पूरे भरे थे.</p><p><a href="http://www.bbc.com/hindi/sport-42887483?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">तीन साल की उम्र में ही बल्ला टटोलने लगे थे शुभमन</a></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/sport-42869150?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">अंडर-19 वर्ल्ड कप: पाकिस्तान को धोकर भारत फ़ाइनल में </a></p><h1>शुभमन का आंगन</h1><p>ये सारी चहलक़दमी और साज़ो सामान बता रहा था कि यहां आने वालों का तांता लगा हुआ है. हर आने वाला ‘बधाई हो’, ‘मुबारक हो’ कहकर माहौल को चार्ज कर देता है. </p><p>’आप को भी बधाई हो’, ‘आपको भी मुबारक हो’ कहकर शुभमन के दादा दीदार सिंह आसमान की ओर हथेलियां खोलकर कहते, "भगवान सब को दे. मेरे शुभमन ने पूरी दुनिया में हमारा नाम रोशन किया है. पूरे गांव का नाम रोशन किया है."</p><p>इसके बाद वो रसोई और बरामदे के सामने आंगन में सीमेंट के एक चौकोर हिस्से की तरफ़ इशारा करते हुए कहते हैं, "यह शुभमन की पिच है. बचपन में वह यहीं खेलता था. मैं खुद उसकी ट्रेनिंग करवाता था."</p><p>वह उठकर घर के अंदर जाते हैं और एक खाद वाला थैला उठा लाते हैं. दादा अपने पोते के हर उम्र के बल्ले मेज़ पर सजा देते हैं. हर बल्ला अपनी कहानी कहता है. </p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/sport-42928294?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">भारत ने जीता अंडर-19 वर्ल्ड कप, मनजोत की सेंचुरी</a></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/sport-42869154?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">अंडर-19 वर्ल्ड कप में धूम मचाने वाले 5 इंडियन</a></p><p><strong>’यकीन था शु</strong><strong>भ</strong><strong>मन सचिन तेंदुलकर बनेगा'</strong></p><p>शुभमन की दोनों बुआ और फूफा इन कहानियों को बयां करने में मदद करते हैं.</p><p>वहां आए पड़ोसी और दूसरे लोग भी अपनी यादें जोड़ते हैं. कुछ लोगों के पास शुभमन के बचपन की तस्वीरें हैं. एक ही कहानी सब अपने-अपने अंदाज़ में सुनाते हैं. </p><p>सभी को यकीन था कि शुभमन एक दिन सचिन तेंदुलकर बनेगा. </p><p>इसी दौरान शुभमन की दादी गुरमेल कौर विकटों और रनों के हिसाब-किताब से बेखबर अपने पोते की उपलब्धि पर भगवान का शुक्रिया अदा करती रहती हैं. </p><p>शुभमन के घर के सामने सड़क के पार एक सरकारी स्कूल है. दो कमरों के इस स्कूल में हाल ही में शौचालय बने हैं. </p><h1>गांव में नहीं है खेल मैदान </h1><p>कमरों के दरवाज़ों और दीवारों पर सब्जियों, फलों और शरीर के अंगों के चार्ट चिपके हैं. </p><p>पेड़ों और ऊंची-नीची ज़मीन के बीच एक पक्का रास्ता स्कूल के कमरों तक जाता है. </p><p>इसी पक्की जगह पर क्रिकेट खेलने वाले बच्चे ईंट के ऊपर ईंट रखकर स्टंप बनाते हैं और पक्का रास्ता पिच बन जाता है. </p><p>इस गांव में खेल मैदान नहीं है. एक चार दीवारी के अंदर वॉलीबॉल खेलने के लिए नेट लगा है. </p><p>दो फ़सलों के दरमियान खाली ज़मीन को सपाट करके क्रिकेट टूर्नामेंट कराया जाता है. </p><h1>स्कूल में बल्लेबाज़ी</h1><p>दुनिया की बेहतरीन पिचों और शानदार मैदानों पर खेलने वाले शुभमन गिल के दिमाग में खेतीहर ज़मीन पर सुहागा चलाकर बनाया गया खेल मैदान कैसी छवि बनाएगा? </p><p>जगदीप सिंह बचपन में शुभमन के साथ खेला करते थे. जगदीप सिंह बताते हैं कि स्कूल में वह शुभमन को अभ्यास करवाते थे.</p><p>शुभमन के पिता लखविंदर सिंह गिल भी उन्हें अभ्यास करवाने स्कूल में आया करते थे. ये सभी शुभमन को गेंदबाज़ी करते थे. </p><p>जगदीप अभी भी चप्पल पहनकर गेंदबाज़ी करते हैं. स्कूल में बल्लेबाज़ी के दौरान मिड विकेट और लॉन्गऑन के बीच में खेला गया हर शॉट शुभमन के घर की ओर जाता है. </p><p>ग्राउंड शॉट को स्कूल की दीवारें रोक लेती हैं और उठाकर मारा गया हर शॉट पेड़ों में फंस जाता है. शुभमन उस घर से दस साल पहले जा चुके हैं.</p><h1>क्रिकेट से बचपन का रिश्ता</h1><p>जैमल सिंह ने लुधियाना ज़िले के गांव चुहड़चक से आकर ये गांव बसाया था. जैमल सिंह की चौथी पीढ़ी में दीदार सिंह हैं. </p><p>दीदार सिंह के दादा पहलवान थे और वह खुद कबड्डी खेलते थे. उन्होंने लखविंदर सिंह को भी पहलवान बनाना चाहा था.</p><p>लेकिन सड़क हादसे में लखविंदर की जांघ की हड्डी टूट गई और दीदार सिंह की उम्मीदों पर पानी फिर गया. </p><p>लखविंदर सिंह ने शुभमन को बचपन से ही क्रिकेट खेलने में लगा दिया. </p><p>शुभमन की बुआ मनप्रीत कौर ग्रेवाल बताती हैं, "हमारे भाई ने हमें उसे खिलौने तक नहीं देने दिए. वो कहते थे कि खिलौनों के कारण उसका ध्यान क्रिकेट से हट जाएगा."</p><h1>शुभमन का गांव</h1><p>जैमल सिंह वाला में गिल जट्ट खेती करते है. इस वक्त खेतों में हाथ-हाथ लंबी गेंहू की फसल खड़ी है और दीदार सिंह के एक बड़े कमरे में बासमती चावल की बोरियां भरी हैं. </p><p>गांव में रहने वाले रघुवीर सिंह बताते हैं कि सभी जट्ट बासमती चावल घरों में भर लेते हैं और बाद में बेचते हैं. </p><p>वह शान से कहते हैं कि इस गांव में कोई जट्ट बैंक का डिफॉल्टर नहीं है. गांव के नज़दीक जल भराव रोकने के लिए नाला बना है. </p><p>ये नाला, खेतों में खड़ी गेहूं की फसल और घरों में भरी बासमती चावल की बोरियां बताती हैं कि इस गांव में हरित क्रांति अभी तक कामयाब है. </p><p>गांव में बड़े-बड़े घर पचास साल से पुराने नहीं लगते. पक्की गलियों की चर्चा में स्थानीय विधायक सुखबीर सिंह बादल का नाम आ ही जाता है. </p><h1>’सत श्री अकाल'</h1><p>घरों के बाहर की कोई दीवार रंगदार नहीं है और ना ही किसी पर पलस्तर हुआ है. </p><p>82 साल के अवतार सिंह गिल बताते हैं, "यह गांव पहले कच्चा था." इसके साथ ही समझ में आता है कि पक्के घर कच्चों जैसे क्यों दिखते हैं. </p><p>गांव के एक तरफ जाते हुए गलियां तंग हो जाती हैं और घर छोटे हो जाते हैं. इन घरों के बाहर कुछ मर्द बैठे हैं. </p><p>जब पत्रकारों को गांव दिखाते हुए दीदार सिंह यहां पहुंचते हैं तो यह मर्द खड़े होकर ‘सत श्री अकाल’ कहते हैं. </p><p>इन्हीं घरों के बाहर बल्ला लिए तीन-चार लड़कों के साथ जगदीप सिंह खड़े हैं. जगदीप के पिताजी पेंटर हैं और मां घर संभालती हैं. वह खुद क्या करते हैं? </p><p>इसके जवाब में वो कहते हैं, "जी मैं चंड़ीगढ़ में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता हूं और क्रिकेट खेलता हूं."</p><p>शुभमन के फूफा बब्बू संधु कहते हैं कि अगर शुभमन इस पिछड़े हुए गांव में रहते तो उनको इतना बड़ा मौका कभी नहीं मिल सकता था. शुभमन ने साबित कर दिया है कि क़ाबिलियत को दिखाने के लिए अगर मौका ना मिले तो ये बेमानी है. </p><p>इस बात से शुभमन सहमत हो सकता है लेकिन जगदीप के असहमत होने की कोई गुंजाइश नहीं है. </p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/BBCnewsHindi">फ़ेसबुक</a><strong> और </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>
शुभमन गिल: पहलवान के ख़ानदान का पहला टेस्ट क्रिकेटर
<p> पिछले साल अंडर-19 वर्ल्ड कप में शुभमन गिल का बल्ला लगातार बोलता रहा. शुभमन ने सबसे ज्यादा रन बनाए और ‘प्लेयर ऑफ़ द सिरीज़’ बने. </p><p>इसके बाद वे भारतीय टीम की ओर से वनडे टीम में शामिल हुए और दो वनडे मैच के बाद उन्हें टेस्ट टीम में शामिल कर लिया गया है. </p><p>दक्षिण […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement