<p>हाल ही में कश्मीर दौरे से लौटे गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को पहली बार लोकसभा को संबोधित किया. </p><p>लोकसभा में विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन को छह महीने तक बढ़ाने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया. </p><p>अमित शाह ने कहा क्योंकि राज्य में विधानसभा भंग है और चुनाव आयोग ने इस साल के अंत में जम्मू और कश्मीर में नए चुनाव कराने का फैसला किया है, इसलिए यह आवश्यक है कि 3 जुलाई 2019 से राष्ट्रपति शासन को अगले छह महीने के लिए बढ़ा दिया जाए. </p><p>उन्होंने कहा कि राज्यपाल शासन और बाद में राष्ट्रपति शासन के दौरान सरकार ने आतंकवाद पर प्रहार किया है. </p><p>गृह मंत्री ने कहा कि कश्मीर में हालात इस समय नियंत्रण में है और घाटी में आतंक के ख़िलाफ़ कड़े क़म उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार कश्मीर की जनता का हित रखने वाली सरकार है. </p><figure> <img alt="कश्मीर" src="https://c.files.bbci.co.uk/115A5/production/_107577017_82fe0aa6-a515-4247-aab8-d75c57a02fb2.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में जब भी चुनाव होंगे, निष्पक्ष तरीक़े से होंगे. चुनाव की प्रक्रिया स्वतंत्र तरीक़े से संपन्न कराई जाएगी. उन्होंने दावा किया कि घाटी में लोकतंत्र बहाल रखना उनकी सरकार की प्राथमिकता होगी और इसके लिए जो भी ज़रूरी क़दम होंगे उठाए जाएंगे.</p><p>अमित शाह के कश्मीर दौरे की सबसे ख़ास बात यह रही कि संभवत: यह पहला मौक़ा था कि जब देश का कोई गृहमंत्री जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हो और अलगाववादी नेताओं ने बंद ना बुलाया हो.</p><p><strong>अमित शाह ने लोकसभा में क्या क्या कहा</strong></p><p>- यह कोई पहला मौक़ा नहीं है जब जम्मू कश्मीर में राज्यपाल या राष्ट्रपति शासन लगाया गया है. कई बार स्थिति ऐसी भी हुई है कि राष्ट्रपति शासन के लिए कानून में संशोधन कराना पड़ा. राष्ट्रपति और राज्यपाल शासन में एक साल में बहुत समय के बाद आतंकवाद के विरुद्ध ज़ीरो टॉलरेंस रुख अपनाया गया है.</p><p>- आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए हर संभव क़दम उठाया गया है.</p><figure> <img alt="कश्मीर" src="https://c.files.bbci.co.uk/163C5/production/_107577019_37fc59d9-c948-42af-b84d-63373bd8ed7f.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>- इसी एक साल के भीतर पंचायती चुनाव कराए गए. </p><p>- ऐसा पहली बार हुआ कि राज्य में लोकसभा चुनाव हुए और एक भी व्यक्ति की जान नहीं गई जोकि जम्मू-कश्मीर के लिहाज़ से बहुत बड़ी बात है.</p><p>- पहली बार राज्य के लोग ये महसूस कर रहे हैं कि जम्मू और लद्दाख ये भी जम्मू-कश्मीर राज्य के हिस्से हैं.</p><p>- सीमा पर 15 हज़ार बंकर बनाने का लक्ष्य है क्योंकि सीमा पर तैनात जवानों की सुरक्षा बेशक़ीमती है. </p><p>- वो कह रहे हैं कि हम जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र को रौंद रहे हैं. इस समय से पहले अब तक 132 बार अनुच्छेद 356 लगाया गया है और जिसमें से 93 बार कांग्रेस ने लगाया है और अब ये लोग हमें लोकतंत्र सिखाएंगे.</p><p>- विभाजन की सहमति किसने दी? हम आज भी कहते हैं कि धर्म के आधार पर देश का बंटवारा नहीं होना चाहिए था. ये गलती हुई है. ऐतिहासिक गलती हुई है. वो गलती मगर हमने नहीं की है. गलती आपने की है. (मनीष तिवारी के भाषण का जवाब) आपकी पार्टी ने की है. जम्मू कश्मीर का एक तिहाई हिस्सा हमारे पास नहीं है. किसके कारण नहीं है? … किसने सीज़फ़ायर कर दिया. जवाहर लाल नेहरू जी ने… सीज़फ़ायर के बाद वो हिस्सा पाकिस्तान में है. </p><p>- श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जेल में मौत की जांच क्यों नहीं हुई. </p><p>- कश्मीर के लोगों के विश्वास टूटने की बात कैसे शुरू हुई – चुनाव कराए गए 1957 में, 1962 में, चुनाव कराए गए 1967 में. शंका कैसे उत्पन्न होती है क्योंकि ये सारे चुनाव फ़र्जी कराए गए. … हमारी सरकार नहीं थी. न 57 में थी, न 1962 में थी, न 1967 में थी. ये तीनों चुनाव डेमोक्रेसी के नाम पर मज़ाक थे. वहीं से जम्मू कश्मीर की जनता के मन में शंका का बीज रोपित हुआ है जो आज बड़ा पेड़ बनकर खड़ा है.</p><p>- जमात ए इस्लामी पर आज तक क्यों प्रतिबंध नहीं लगा था. ये नरेंद्र मोदी सरकार है जिसने उन पर प्रतिबंध लगाया.</p><figure> <img alt="हुर्रियत नेता मीरवाइज़ उमर फ़ारूक" src="https://c.files.bbci.co.uk/C785/production/_107577015_603d1093-18ab-4d8f-b935-cd4e7bfe0de3.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>- जो देश विरोधी बात करता था उसे सुरक्षा दी गई. भारत विरोधी बयान दे देने वालों को सुरक्षा दे दी गई. इसका कोई रिव्यू नहीं किया गया. भारत विरोधी सर्टिफिकेट के चलते उन्हें सुरक्षा दी गई.</p><p>- यह सही है कि हर पार्टी ने आतंकवाद से लड़ने का प्रयास किया, लेकिन लड़ने-लड़ने के तरीक़े में अंतर होता है. </p><p>- कश्मीर का आतंक पाकिस्तान से आता है. </p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>
अमित शाह ने लोकसभा में कश्मीर पर क्या कहा
<p>हाल ही में कश्मीर दौरे से लौटे गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को पहली बार लोकसभा को संबोधित किया. </p><p>लोकसभा में विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन को छह महीने तक बढ़ाने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया. </p><p>अमित शाह ने कहा क्योंकि राज्य […]
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