कल्पना कीजिये, आप किसी कंपनी में इंटरव्यू के लिए जाते हैं और आपसे पूछा जाता है- आपने अब तक क्या-क्या किया है और कंपनी आपको नौकरी क्यों दे? और ध्यान रहे, इसका जवाब आपको सिर्फ 30 सेकेंड में देना है. ऐसे में आप क्या करेंगे. आपके दिमाग में हलचल मच जायेगी. पहले क्या जवाब दें. क्या पहले मैं नौकरी के बारे में बताऊं? या फिर जो हासिल किया है, उसके बारे में बताऊं? या फिर पढ़ाई के बारे में या फिर ये कि नयी कंपनी में क्या कर सकता हूं?
जैसे ही आप सोचना शुरू करेंगे, 30 सेकेंड खत्म हो जायेंगे. यह नौबत उन स्थितियों में आती है, जब इंटरव्यू लेनेवाले को आपके रिज्यूमे से कुछ समझ में नहीं आ रहा होता है. माना जाता है कि एक कंपनी में शुरुआती समय में आपके रिज्यूमे पर 30 सेकेंड से ज्यादा समय नहीं दिया जाता है. अगर आपका रिज्यूमे अच्छा है, कुछ अलग है, तब तो सामने वाला रुचि लेता है, वरना छोड़कर आगे बढ़ जाता है. अब सवाल ये उठता है कि आप अच्छा रिज्यूमे कैसे बनायें? आइये हम आपको बताते हैं-
अपने काम से जुड़े डेटा इकट्ठा करें
आपने जिस तरह का अनुभव प्राप्त किया है, उसको एक जगह करें. रिज्यूमे बनाने से पहले तय करें, क्या-क्या रिज्यूमे में हाईलाइट करना चाहते हैं. ज्यादातर लोग सिर्फ वही बातें लिखते हैं, जो उन्हें मोटे तौर पर आसानी से याद रहती हैं. लेकिन, सिर्फ इतने से काम नहीं चलने वाला, क्योंकि यह जरूरी नहीं कि जो आपको याद है वह सबसे अच्छा है. अलग-अलग पदों पर रहते हुए, जो अलग-अलग प्रोजेक्ट आपने किये हैं, उनको एकत्रित करें. अगर याद नहीं आता है, तो पुराने सहकर्मियों से बात करें. ज्यादा से ज्यादा डेटा भी जुटाने की कोशिश करें. उस प्रोजेक्ट की सफलता, उसकी सबसे जरूरी बातें और उसमें आपकी अहम भूमिका. तीनों को हाइलाइट करने की आवश्यकता है.
स्किल, कॉन्ट्रिब्यूशन और इंपैक्ट फॉर्मूला
रिज्यूमे में एस, सी, आई का फॉर्मूला जरूर अपनायें. एस यानी स्किल, सी यानी कॉन्ट्रिब्यूशन और आई का मतलब है इंपैक्ट. ध्यान रहे, जो सबसे अच्छे काम रहे हैं, उसी का जिक्र करने की कोशिश करें. हो सके तो सिर्फ चार-पांच सबसे बेहतरीन काम का ही उल्लेख करें. लेकिन आपके मन एक सवाल उठेगा कि आखिर सबसे अच्छे चार-पांच काम का चुनाव कैसे किया जाये. इसके लिए स्किल, कॉन्ट्रिब्यूशन और इंपैक्ट वाले फॉर्मूले का सहारा लें. किसी खास प्रोजेक्ट में आपने काम के दौरान कैसा स्किल प्रदर्शित किया, उसमें आपका कॉन्ट्रिब्यूशन कितना रहा और इस पूरे प्रोजेक्ट को लेकर कंपनी पर कैसा असर रहा. अगर आपके किसी भी काम में स्किल, कॉन्ट्रिब्यूशन और इंपैक्ट वाला फॉर्मूला फिट नहीं बैठता, तो उसको छोड़ दीजिये.
कंपनी की जरूरतों पर ध्यान दें
क्या आप एक ही रिज्यूमे को हर कंपनी में भेजते हैं? अगर ऐसा है तो आपकी नौकरी की संभावना काफी कम हो जाती है. ध्यान रखें कि जिस कंपनी की जैसी मांग है, अपने रिज्यूमे में उसी तरह के जरूरी बदलाव अवश्य करें. अन्यथा नौकरी के लायक होने के बावजूद आपको मौका न मिले. कंपनियों की डिमांड बहुत चुनिंदा होती है, इसलिए रिज्यूमे भेजने से पहले उसके बारे में जानकारी अवश्य प्राप्त करें.
अनावश्यक और लंबे वाक्यों से बचें
रिज्यूमे आपके अबतक के काम का सार है. कोशिश करें कि कम-से-कम में ज्यादा से ज्यादा जानकारियां सामने वाले को मिले. कई बिजनेस स्कूल में यह बताया जाता है कि आप सिर्फ एक पेज के रिज्यूमे के फॉर्मेट को फॉलो करें. यह एक पेज इतना प्रभावशाली होना चाहिए कि आपके बारे में सामने वाले को अहम जानकारियां मिल जायें.
अपने बारे में जानकारी प्वाइंट में लिखें
अपने बारे में हर जानकारी अलग-अलग प्वाइंट में लिखें, ताकि चीजें स्पष्ट तौर पर पढ़ी जा सकें. कभी प्वाइंटर से पहले अजीबोगरीब हिमोजी या निशान न बनायें. आप नहीं जानते कि जिस शख्स के हाथ में आपका रिज्यूमे आया है वो इन बातों को किस रूप में लेता है. अपने बारे में जानकारी देते समय सिर्फ जन्म का डिटेल लिखें. परिवार के बारे में या फिर आप कितनी भाषाएं बोल और लिख लेते हैं, ऐसी जानकारियां न लिखें. अगर कंपनी ने जानना चाहा है तब लिखें, वरना ऐसी बातें बिल्कुल न लिखें.
अपनी उपलब्धियों के बारे में भी बतायें
संक्षेप में आप अपने बारे में जरूर बतायें. खासतौर से व्यक्तिगत उपलब्धियों, सम्मान और अपनी रुचि के बारे में. अगर आप नौकरी के दौरान कई देशों का दौरा कर चुके हैं तो उसका भी जिक्र करें. अगर आपने स्कूल में किसी खास क्षेत्र में क्लास का नेतृत्व किया, तो उसके बारे में भी बतायें. अगर आपकी किताब प्रकाशित हो चुकी है तो उसके बारे में भी जरूर लिखें.