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लोकसभा चुनाव नतीजे: वो चीजें जो हुईं पहली बार, आपके लिए जानना है जरूरी
नयी दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों ने चुनावी विश्लेषकों को हैरत में डाल दिया. इस चुनाव में देश की जनता ने गठबंधन की राजनीति को नकार कर भाजपा को प्रचंड बहुमत दिया. पीएम नरेंद्र मोदी की कप्तानी में भाजपा ने 2014 के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया. गठबंधन की राजनीति को जनता ने पूरी तरह […]
नयी दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों ने चुनावी विश्लेषकों को हैरत में डाल दिया. इस चुनाव में देश की जनता ने गठबंधन की राजनीति को नकार कर भाजपा को प्रचंड बहुमत दिया. पीएम नरेंद्र मोदी की कप्तानी में भाजपा ने 2014 के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया. गठबंधन की राजनीति को जनता ने पूरी तरह से खारिज किया. उत्तर प्रदेश और बिहार में महागठबंधन का दांव नहीं चला. इस बार के चुनावी नतीजों में सामान्य ज्ञान के लिहाज कई चीजें पहली बार हुईं.
इतिहास में पहली बार सबसे ज्यादा चुनीं गईं महिला सांसद
17वीं लोकसभा में सबसे ज्यादा 78 महिलाएं सांसद के तौर पर पहुंची हैं. यह अब तक के संसदीय इतिहास में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के लिहाज से सबसे बड़ा आंकड़ा है. इसके अलावा बीते चुनाव के मुकाबले मुस्लिम सांसदों का प्रतिनिधित्व भी बढ़ा है. 2004 से चुनावी ताल ठोक रहीं स्मृति ईरानी की पहली बार जीत मिली वो भी अमेठी सीट से.
17 राज्यों में कांग्रेस का नहीं खुला खाता
लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त का सामना करने वाली कांग्रेस इस बार कुल 17 राज्यों और केंद्रशासित क्षेत्रों में खाता भी खोल नहीं सकी. यूपी और बिहार जैसे राज्यों में महज एक-एक सीटों से संतोष करना पड़ा. कांग्रेस आंध्र प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, मणिपुर, नगालैंड, मिजोरम, दिल्ली, ओडिशा, सिक्किम, राजस्थान, चंडीगढ़, दागर एवं नगर हवेली, दमन एवं दीव, लक्षद्वीप में एक भी सीट नहीं जीत पायी.
मल्लिकार्जुन खड़गे पहली बार हारे
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पहली बार कोई चुनाव हारे. गुलबर्गा सीट से ताल ठोकने वाले खड़गे को हार का सामना करना पड़ा. उन्हें गुलबर्गा सीट से भाजपा उम्मीदवार उमेश जाधव मात दी. यह पहली बार है जब खड़गे को किसी चुनाव में हार का सामना करना पड़ा हो. खड़गे 95,452 वोटों से हारे.
लालू यादव की पार्टी साबित हुई जीरो
इस चुनाव में सबसे करारा झटका लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद को लगा है. 1997 में पार्टी के गठन के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि राजद बिहार लोकसभा चुनाव में खाता भी नहीं खोल पायी. आरजेडी ने अपने गठन के बाद हुए पहले चुनाव 1999 में सात सीटों पर जीत दर्ज की थी. 2004 में राजद ने 24 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि 2009 में उसे केवल चार सीटें मिलीं. 2014 में भी राजद को केवल चार सीटें मिली थीं लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी का राज्य से सफाया हो गया
भाजपा पहली बार 300 पार
भाजपा ने 2019 के आम चुनाव में पहली बार 300 सीटों का आंकड़ा पार किया. 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 282 सीटें मिली थीं लेकिन इसबार पीएम मोदी की सुनामी में पार्टी ने अपने पिछले रेकॉर्ड को तोड़ दिया. हिंदी पट्टी के क्षेत्रों में भाजपा ने जबरदस्त जीत हासिल की.
नेहरू, इंदिरा के बाद मोदी का कमाल
भाजपा की जबरदस्त जीत के बाद पीएम मोदी लगातार पूर्ण बहुमत के साथ दूसरी बार सरकार बनाएंगे. पीएम मोदी ऐसा करने वाले देश के तीसरे और पहले गैर कांग्रेसी नेता होंगे. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में तीन बार कांग्रेस की बहुमत वाली सरकार बनी थी. इसके बाद इंदिरा गांधी के नेतृत्व में 1967 और 1971 में लगातार दो बार इस तरह की सरकार बनी थी. उसके बाद अब पीएम मोदी यह करिश्मा दोहराने में सफल हुए हैं. कांग्रेस ने 1980 और 1984 में भी लगातार लोकसभा में बहुमत हासिल किया गया था, लेकिन दोनों बार प्रधानमंत्री अलग-अलग थे.
बंगाल में पहली बार भाजपा को मिली बड़ी सफलता
पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों पर सात चरणों में हुए मतदान के परिणाम ने न सिर्फ बीजेपी की बांछे खिलाकर रख दी बल्कि ममता गढ़ में बड़ी सेंध लगा दी है. राज्य में भाजपा को 18 सीटों पर जीत मिली है. कई सीटों पर हार का मामूली अंतर रहा. वोट शेयर के मामले में भी भाजपा ने जबरदस्त इजाफा दर्ज किया और उसे इसबार 40.3% वोट मिले. 2014 में पार्टी 17% वोट शेयर के साथ केवल दो सीटें ही जीत पायी थी.
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