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श्रीलंका विस्फोटों में सात आत्मघाती शामिल थे, 24 गिरफ्तार; मृतकों की संख्या 290 पहुंची

कोलंबो : श्रीलंका में रविवार को ईस्टर के मौके पर गिरजाघरों तथा होटलों को निशाना बनाकर किये गये घातक विस्फोटों को एक इस्लामी कट्टरपंथी संगठन से संबद्ध सात आत्मघाती हमलावरों ने अंजाम दिया था जिनमें अब तक 290 लोग की जान जा चुकी है और अन्य 500 लोग घायल हैं. अधिकारियों ने सोमवार को यह […]

कोलंबो : श्रीलंका में रविवार को ईस्टर के मौके पर गिरजाघरों तथा होटलों को निशाना बनाकर किये गये घातक विस्फोटों को एक इस्लामी कट्टरपंथी संगठन से संबद्ध सात आत्मघाती हमलावरों ने अंजाम दिया था जिनमें अब तक 290 लोग की जान जा चुकी है और अन्य 500 लोग घायल हैं. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी.

इस द्वीपीय राष्ट्र में अभी तक के ये सबसे घातक हमले थे. विस्फोट रविवार को स्थानीय समयानुसार सुबह पौने नौ बजे के करीब ईस्टर प्रार्थना सभा के दौरान कोलंबो के सेंट एंथनी गिरजाघर, पश्चिमी तटीय शहर नेगोम्बो के सेंट सेबास्टियन गिरजाघर और बट्टिकालोवा के जियोन गिरजाघर में हुए. वहीं, कोलंबो के पांच सितारा होटलों शांगरी ला, सिनामोन ग्रैंड और किंग्सबरी को भी निशाना बनाया गया. राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की एक बैठक के दौरान सोमवार आधीरात से आपातकाल लगाने का निर्णय लिया गया है. रविवार को हुए हमले के लिए अभी तक किसी समूह ने जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन इस मामले में 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें से अधिकतर एक ही समूह से संबंधित हैं. पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार किये गये 24 में से नौ लोगों को कोलंबो की मजिस्ट्रेट अदालत ने छह मई तक हिरासत में भेज दिया है.

इस बीच, सरकारी प्रवक्ता रजिता सेनारत्ने ने हमलों के पीछे ‘नेशनल तौहीद जमात’ संगठन का हाथ होने की आशंका जाहिर की है. स्वास्थ्य मंत्री सेनारत्ने ने कहा, माना जा रहा है कि धमाकों में शामिल सभी आत्मघाती हमलावर श्रीलंकाई नागरिक थे. सेनारत्ने ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार इस बात की जांच कर रही है कि क्या इस संगठन को अंतरराष्ट्रीय समर्थन भी था. उन्होंने कहा, इनके अंतरराष्ट्रीय संपर्क हो सकते हैं. अखबार संडे टाइम्स के मुताबिक सेनारत्ने ने कहा कि सरकार धमाकों में मारे गये लोगों के परिजनों और घायलों को मुआवजा देगी. हमले में मारे गये लोगों के परिजनों को दस लाख श्रीलंकाई रुपये (5,722 अमेरिकी डॉलर) का मुआवजा दिया जायेगा, जबकि अंतिम संस्कार के लिए एक लाख श्रीलंकाई रुपये (572 अमेरिकी डॉलर) दिये जायेंगे. उन्होंने कहा कि धमाकों में घायल हुए लोगों को एक लाख से तीन लाख श्रीलंकाई रुपयों तक की सहायता दी जायेगी. इस बीच, संडे टाइम्स ने सरकारी विश्लेषक विभाग के हवाले से कहा, शांगरी ला, सिनामोन ग्रैंड, किंग्सबरी होटलों और सेंट एंथनी गिरजाघर, पश्चिमी तटीय शहर नेगोम्बो के सेंट सेबास्टियन गिरजाघर और बट्टिकालोवा के जियोन गिरजाघर में किये गये विस्फोट आत्मघाती हमले थे.

विभाग ने कहा, कुल सात आत्मघाती हमलावरों ने इन धमाकों को अंजाम दिया. पुलिस प्रवक्ता रूवन गुनासेखरा ने कहा कि धमाकों मेंसात भारतीयों समेत करीब 290 लोग की जान चली गयी, जबकि 500 से ज्यादा अन्य घायल हो गये. गुनासेखरा ने बताया कि इस सिलसिले में अभी 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और आगे की जांच के लिए उन्हें आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) की हिरासत में भेज दिया है. उधर, राष्ट्रपति की मीडिया इकाई के बयान के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) ने आधी रात से सशर्त आपातकाल लगाने का निर्णय लिया है. बयान के अनुसार यह उपाय आतंकवाद को निशाना बनाने के लिए उठाया गया है, इससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बाधित नहीं होगी. सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय शोक दिवस की घोषणा की है. इस बीच, सिरिसेना ने हमलों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है. समिति से दो सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट राष्ट्रपति के समक्ष पेश करने को कहा गया है.

स्वास्थ्य मंत्री सेनारत्ने ने कहा कि राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी के प्रमुख ने पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) को 11 अप्रैल से पहले हमले की आशंका से जुड़ी चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा, अंतरराष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों ने चार अप्रैल को इन हमलों को लेकर चेतावनी दी थी. आईजीपी को नौ अप्रैल को सूचित किया गया था. उन्होंने सुरक्षा में इस व्यापक चूक को लेकर पुलिस प्रमुख पुजित जयसुंदरा के इस्तीफे की मांग की है. प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा था कि इस बारे में जांच जरूर की जायेगी कि खुफिया विभाग की सूचनाओं को गंभीरता से क्यों नहीं लिया गया. सरकार में मंत्री और मुख्य मुस्लिम पार्टी श्रीलंका मुस्लिम कांग्रेस के नेता रउफ हकीम ने कहा कि यह अफसोसनाक है कि खुफिया सूचना के बावजूद कोई एहतियाती कदम नहीं उठाये गये. उन्होंने कहा,उन्होंने यह जान लिया है, नाम दिये जा चुके हैं, पहचान हो चुकी थी, लेकिन (उन्होंने) कोई कार्रवाई नहीं की. दो श्रीलंकाई मुस्लिम संगठनों- ऑल सीलोन जमीयतुल उलेमा और नेशनल शूरा काउंसिल ने धमाकों की निंदा की और दोषियों को सजा दिये जाने की मांग की. वहीं कोलंबो के पेट्टा इलाके में सेंट्रल कोलंबो बस स्टेशन में 87 बम डेटोनेटर मिले हैं.

पुलिस के एक बयान में बताया गया कि शुरुआत में 12 बम डेटोनेटर मिले. बाद में छानबीन पर और 75 डेटोनेटर का पता चला. कोलंबो के दक्षिणी उपनगर पानडुरा में उस सुरक्षित पनाहगाह का भी पता चला है जहां आत्मघाती हमलावर करीब तीन महीने तक रहे थे. श्रीलंकाई वायुसेना ने कहा कि उसे रविवार रात कोलंबो अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के प्रस्थान टर्मिनल की तरफ जाने वाली सड़क के किनारे आईईडी विस्फोटक मिला था जिसे निष्क्रिय कर दिया गया. रविवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने धमाकों में तीन भारतीयों लक्ष्मी, नारायण चंद्रशेखर और रमेश की मौत की पुष्टि की थी. भारतीय उच्चायोग ने सोमवार दो और नागरिकों की मौत की पुष्टि की है. इनके नाम केजी हनुमंथारायप्पा और एम रंगप्पा हैं. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने धमाकों में मारे गये लोगों में एक केरलवासी पी एस रासीना (58) की पहचान की है.

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