नयी दिल्ली : मुस्लिम महिलाओं के एक समूह ने बुधवार को कहा कि केंद्र में आने वाली नयी सरकार को भीड़ द्वारा पीट-पीट कर की जाने वाली हत्याओं के खिलाफ कानून बनाना चाहिए.
अप्रैल-मई में होने वाले संसदीय चुनावों के लिए इन महिलाओं ने अपने मांग वाले घोषणापत्र में यह बात शामिल की है. इनमें हिंसक भीड़ के द्वारा मार डाले गए उमर खान की पत्नी खालिदा भी शामिल है.
‘बेबाक कलेक्टिव- ए मूवमेंट अगेंस्ट हेर्टेड’ (Bebaak Collective – a movement against hatred) के बैनर तले एकत्र हुई इन महिलाओं ने राजनीतिक दलों के समक्ष मांग रखी है कि महिलाओं और अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकार बहाल किये जाएं.
राजस्थान के अलवर में सन 2017 में उमर खान की कथित गौरक्षकों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. इस घोषणापत्र में उन्होंने सरकारी और निजी क्षेत्रों में विभिन्नता सूचकांक बनाने की मांग की है ताकि उनमें मुसलमानों की भागीदारी का पता चल सके.
इसके अलावा उन्होंने मुसलमानों को उच्च शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में दस प्रतिशत आरक्षण देने की मांग भी की है. साथ ही एकल महिला को वित्तीय मदद, सांप्रदायिक हिंसा विरोधी कानून बनाने की मांग की गई है. इसमें यह भी कहा गया है कि गायों की बिक्री और उनके वध पर लगी रोक हटायी जाये.