न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च शहर की दो मस्जिदों में 49 लोगों के ‘लाइव मर्डर’ से दुनियाभर के लोग सहम गये हैं. मुख्य हत्यारा ऑस्ट्रेलिया का रहने वाला 28 साल का ब्रेंटन टैरंट है. अपनी करतूत दुनिया को दिखाने के लिए टैरंट ने पूरे 17 मिनट तक मस्जिद में किये गये गोलीबारी का फेसबुक लाइव भी किया. युद्ध के किसी फिल्मी सीन की तरह वह मस्जिद में अंधाधुंध गोलियां बरसाता है और जहां-तहां लाशें बिछ जाती हैं.
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दो साल से कर रहा था हमले की तैयारी फाइनल लोकेशन तीन महीने पहले चुना
न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च शहर की दो मस्जिदों में 49 लोगों के ‘लाइव मर्डर’ से दुनियाभर के लोग सहम गये हैं. मुख्य हत्यारा ऑस्ट्रेलिया का रहने वाला 28 साल का ब्रेंटन टैरंट है. अपनी करतूत दुनिया को दिखाने के लिए टैरंट ने पूरे 17 मिनट तक मस्जिद में किये गये गोलीबारी का फेसबुक लाइव भी किया. […]
दिल दहला देने वाला यह मंजर जिसने भी देखा, उसे समझ में नहीं आया कि आखिर कोई इंसान इतना बेरहम कैसे हो सकता है? अब उसके बारे में कई जानकारियां सामने आ रही हैं, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिर किस वजह से एक साधारण सा दिखने वाला युवक इंसानों की मौत का प्यासा हो गया.
हमलावर ने इस आतंकी हमले के पहले एक सनसनीखेज मैनिफेस्टो लिखा था, जिसमें उसने हजारों यूरोपीय नागरिकों की आतंकी हमलों में गयी जान का बदला लेने के साथ श्वेत वर्चस्व को कायम करने के लिए अप्रवासियों को बाहर निकालने की बात की है. अपने मैनिफेस्टो में टैरंट ने कहा कि उसने दो साल पहले ही हमले की साजिश रची थी, लेकिन फाइनल लोकेशन तीन महीने पहले चुना.
उसने लिखा है कि उसने पहले एक दूसरी मस्जिद को टारगेट करने की योजना बनायी थी, लेकिन बाद में अल नूर और दूसरी मस्जिद को चुना क्योंकि वहां ज्यादा घुसपैठिये थे. टैरंट ने महीने भर पहले ही ट्विटर पर अकाउंट बनाया था. कुछ दिन पहले पोस्ट किये गये संदेश में मुस्लिमों व अल्पसंख्यकों पर होने वाले हमले का जश्न मनाने की बात कही गयी थी.
बुधवार को ट्विटर हैंडल @brentontarrant से उसने एक फोटो ट्वीट की, जिसमें दिखी राइफल का इस्तेमाल मस्जिद में हुए हमले में किया. राइफल के एक तरफ 14 लिखा था. इस पर एक संदेश लिथा, जिसमें इतिहास में दर्ज ऐसे लोगों के नाम थे, जिन्होंने जाति व धर्म के नाम पर लोगों को मारा था. हमलावरों के लिए संदेश था कि यही तुम्हारा वचन है.
हमले से पहले लिखा 73 पेज का मेनिफेस्टो
हमले से पहले अपने नापाक इरादे का जिक्र करते हुए टैरंट ने 73 पेज का एक सनसनीखेज मेनिफेस्टो ‘दे ग्रेट रिप्लेसमेंट’ यानी ‘महान बदलाव’ लिखा था. इसमें उसने यूरोपीय नागरिकों की जान जाने का बदला लेने की बात कही है. उसने अप्रवासियों को बाहर निकालकर व्हाइट सुप्रीमेसी कायम करने की बात कही है.
पाकिस्तान भी गया था टैरंट
टैरंट ने बिटकॉइन ट्रेडिंग से काफी पैसे बनाये. 2011 में वह दुनिया की सैर पर निकल गया. उसने नॉर्थ कोरिया, पाकिस्तान और यूरोप समेत दुनिया के कई देशों की यात्राएं की.
टैरंट को जानने वाली एक महिला ने बताया कि वह अच्छा आदमी दिखता था. ऐसा लगता है कि यात्राओं के दौरान ही ऐसा कुछ हुआ जिससे वह कट्टरपंथी बन गया और इस दौरान उसके अनुभवों ने उसे मौत का सौदागर बना दिया.
एयर न्यूजीलैंड की सभी फ्लाइट रद्द
न्यूजीलैंड की मस्जिद पर हमले के बाद एयर न्यूजीलैंड ने शुक्रवार रात क्राइस्टचर्च से बाहर सभी टर्बोप्रॉप उड़ानों को रद्द कर दिया. शनिवार सुबह न्यूजीलैंड स्थिति की समीक्षा करेगा. घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जेट सेवाओं का संचालन जारी है. सुरक्षा बढ़ा दी गयी है.
ट्रंप का फैन है टैरंट, गोरे रंग को देता है तवज्जो
हमलावर टैरंट ट्रंप का फैन है. वह ट्रंप को गोरों की नयी पहचान और साझा उद्देश्य के लिए प्रतीक भी मानता है. उसने गोरे लोगों की संख्या बढ़ाने की बात कही है. उसका कहना है कि हमारी फर्टिलिटी रेट कम है, जबकि बाहर से आये प्रवासियों की फर्टिलिटी अधिक है.
एक दिन वे गोरों से उनकी जमीन छीन लेंगे. हमला करने से पहले उसने लिखा था कि अटैक करने वालों को दिखाना है कि हमारी भूमि कभी उनकी नहीं होगी. जब तक एक भी गोरा व्यक्ति रहेगा, वे कभी जीत नहीं पायेंगे.
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