वाशिंगटन : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा है कि उसके ‘लूनर रिकांससेंस आर्बिटर’ (एलआरओ) ने चांद की दिन वाली सतह के इर्द-गिर्द चक्कर लगा रहे जल अणुओं का पता लगाया है. इससे चांद पर पानी की पहुंच के बारे में जानने में मदद मिल सकती है, जो भविष्य के चंद्र मिशनों में मानव द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है.
यह जानकारी जर्नल जियोफिजिकल रिसर्च लैटर्स में प्रकाशित हुई है. गौरतलब है कि बीते एक दशक तक वैज्ञानिकों का मानना था कि चांद शुष्क है और अगर कहीं पानी है, तो वह चांद के हमेशा रात में रहने वाले दूसरे हिस्से में ध्रुवों के निकट बने खड्डों में बर्फ के रूप में हो सकता है.
नासा के एक बयान में कहा गया है कि हाल ही में, वैज्ञानिकों ने चांद की मिट्टी की सतह पर पानी के अणुओं की बेहद कम मौजूदगी का पता लगाया है.