इस्लामाबाद : सोमवार को जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर बॉर्डर एक्शन टीम (बीएटी) का घुसपैठ नाकाम होने के बाद पाकिस्तान ने अब सीनाजोरी दिखाना शुरू कर दिया है. भारतीय सैनिकों द्वारा बीएटी के घुसपैठ को नाकाम करने के बाद पाकिस्तान मंगलवार को भारत के कार्यवाहक उप उच्चायुक्त को यह कहकर तलब किया है कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर कथित तौर पर बगैर किसी उकसावे के भारतीय सैनिकों की ओर से संघर्ष विराम उल्लंघन किया गया है.
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पाकिस्तान के मुताबिक, सोमवार को भारतीय सैनिकों और बीएटी के बीच हुए मुठभेड़ में एक महिला की मौत हो गयी और सात अन्य घायल हो गये. पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि महानिदेशक (दक्षिण एशिया एवं दक्षेस) मोहम्मद फैसल ने भारतीय राजनयिक को तलब किया है और भारतीय बलों द्वारा नियंत्रण रेखा पर 31 दिसंबर को बगैर उकसावे के किये गये संघर्षविराम उल्लंघन की निंदा की.
बयान में कहा गया है कि सोमवार को नियंत्रण रेखा पर शाहकोट सेक्टर में हुई फायरिंग में आसिया बीबी नाम की एक महिला की मौत हो गयी और सात अन्य घायल हो गये. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता फैसल ने कहा कि नियंत्रण रेखा और ‘वर्किंग बाउंड्री’ पर भारतीय बल असैन्य नागरिकों की आबादी वाले इलाकों को लगातार निशाना बना रहे हैं. विदेश कार्यालय ने आरोप लगाया कि 2018 में भारतीय बलों ने एलओसी और वर्किंग बाउंड्री पर 2,350 बार संघर्ष विराम उल्लंघन किया, जिनमें 36 नागरिकों की मौत हुई है, जबकि 142 अन्य घायल हुए हैं.
बयान में आरोप लगाया गया है कि भारत द्वारा वर्ष 2017 से ही बगैर उकसावे के संघर्ष विराम उल्लंघन में अभूतपूर्व तेजी आयी है. साथ ही, उस साल भारतीय बलों ने 1970 बार संघर्ष विराम उल्लंघन किये. बयान में कहा गया है कि असैन्य नागरिक आबादी वाले इलाकों को जानबूझ कर निशाना बनाना निंदनीय और मानव गरिमा, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों तथा मानवीय कानूनों के प्रतिकूल है.
फैसल ने भारत से 2003 के संघर्ष विराम समझौते का सम्मान करने का अनुरोध किया है. उन्होंने भारत से संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह को संरा सुरक्षा परिषद संकल्पों के मुताबिक उसे मिली भूमिका निभाने की इजाजत देने का भी अनुरोध किया है.