काठमांडू : नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने शनिवार को कहा कि उनका देश सभी पड़ोसी देशों के साथ ऐसे दोस्ताना आैर सहयोगात्मक रिश्ते कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध है, जो समानता आैर परस्पर सम्मान की भावना पर आधारित हो. एशिया प्रशांत शिखर सम्मेलन नेपाल 2018 के शुरुआती सत्र को संबोधित करते हुए पीएम ओली ने कहा कि नेपाल सामाजिक एवं आर्थिक विकास के तीव्र पथ पर आगे बढ़ने को प्रयासरत है, जिसमें समाज के सभी वर्गो एवं सभी क्षेत्र के लोगों का विकास शामिल है. उन्होंने कहा कि हम शांतिप्रिय और समृद्ध नेपाल के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में बढ़ रहे हैं.
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पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंधों की वकालत करते हुए नेपाल के पीएम आेली ने कहा कि सभी पड़ोसी देशों के साथ दोस्ताना आैर सहयोगात्मक रिश्ते कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध है, जो समानता एवं आपसी सम्मान की भावना पर आधारित हो. शांति आैर सद्भाव के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि किसी प्रकार के संघर्ष को आपसी सम्मान एवं सद्भाव, मेल-मिलाप, समानता और बातचीत के जरिये सुलझाया जा सकता है. यहां तक की सशस्त्र संघर्ष का भी समाधान इसी भावना से निकल सकता है और नेपाल इसका उदाहरण है.
नेपाल के प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया में आज जैव प्रौद्योगिकी, परिवहन, संचार, सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष विज्ञान जैसे क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति हासिल की जा रही है. अंतरराष्ट्रीय कारोबार, सांस्कृतिक आदान प्रदान तेजी से बढ़ रहे हैं. इन बदलावों के परिणामस्वरूप जीवन की गुणवत्ता बेहतर हुई है, लेकिन इन उपलब्धियों के बादजूद हमारे सामने कर्इ चुनौतियां खड़ी हैं. उन्होंने कहा कि गरीबी आैर अशिक्षा आज भी सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है. तमाम प्रयासों के बावजूद आज भी लाखों लोग गरीबी आैर अशिक्षा से प्रभावित हैं. ओली ने कहा कि जलवायु परिवर्तन एवं मानव निर्मित आपदाओं के कारण पृथ्वी के समक्ष बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है. जलवायु परिवर्तन ने हमारे अस्तित्व के सामने चुनौती पेश की है. पहाड़ी क्षेत्रों के लिए यह बड़ा खतरा बन गया है.
नेपाल के प्रधानमंत्री ने कहा कि पिघलते हिमनद के कारण संकट और बढ़ गया है. पहाड़ों पर जल के प्राकृतिक प्रवाह स्रोत खत्म होते जा रहे हैं और इसका एकमात्र कारण मनुष्य का गैर-जिम्मेदाराना हरकत है. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और ओजोन परत के क्षरण के कारण वैश्विक तापमान में वृद्धि की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. इन स्थितियों में पृथ्वी के सामने इन संकटों से मुकाबला करने के लिए जलवायु न्याय (क्लाइमेट जस्टिस) के भाव से विश्व समुदाय को आगे बढ़ना होगा. ओली ने कहा कि इस वैश्विकरण के दौर दुनिया में एक-दूसरे पर निर्भरता बढ़ने से हमारी जिम्मेदारियां भी बढ़ी है, क्योंकि वैश्विकरण की वजह से असंतुलन भी बढ़ा है. ऐसे में वैश्विक समाज को समानता, न्याय, साझी समृद्धि और आपसी सम्मान के भाव के साथ गठजोड़ एवं सहयोग को आगे बढ़ाने की जरूरत है.
यूनिवर्सल पीस फेडेरेशन की ओर से आयोजित इस शिखर सम्मेलन के दौरान शांति, विकास, सुशासन आैर सांसदों की भूमिका के अलावा आस्था आधारित संगठनों एवं नागरिक संगठनों की भूमिका और मीडिया की भूमिका जैसे विषय शामिल हैं. यूनिर्वसल पीस फेडेरेशन की आेर से जारी बयान में कहा गया है कि सम्मेलन के दौरान जलवायु परिर्वतन पर विशेष घोषणापत्र को अंगीकार किया जायेगा. इस सम्मेलन से नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल, यूनिर्वसल पीस फेडेरेशन के प्रमुख डॉ थामस जी वाॅल्स, फिलिपीन के हाउस आॅफ रिप्रेजेंटेटिव के पूर्व स्वीकार जोस डी वेनेलिया, भारत से राज्यसभा सदस्य भुवनेश्वर कालिता जुड़े हुए हैं. सम्मेलन में भाजपा उपाध्यक्ष श्याम जाजू, पार्टी के नेता विजय जौली, आम आदमी पार्टी के विधायक नितिन त्यागी, नरेश यादव, दक्षिण दिल्ली नगर निगम के महापौर समेत कई अन्य नेता एवं धर्म गुरु हिस्सा ले रहे हैं.