आज के जमाने में प्यार तलाशना आसान नहीं है. कोई दोस्ती को प्यार समझ बैठता है, तो कोई आकर्षण को. प्यार में धोखे भी खूब मिलते हैं. ऐसा भी होता है कि हम किसी को प्रपोज करते हैं और पता चलता है कि वह पहले से ही किसी और को चाहता है. ऐसी सारी परिस्थितियों से आपको बचा सकते हैं कुछ एप्प. इन एप्स के जरिये आप अपना प्यार तलाश सकते हैं.
दिल टूटा है? प्यार ढूंढ़ रहे हैं? ऐसे समय में आपका स्मार्टफोन या लैपटॉप आपके काम आ सकता है. पुरानी कहानियों में क्यूपिड या कामदेव के तीर किसी के दिल में दूसरों के लिए आकर्षण जगाते थे. नये दौर में यह काम टेक्नोलॉजी ने संभाल लिया है. आज कई एप्प और वेबसाइट्स हैं जो किसी खास की तलाश में जुटे आशिकों के लिए ही बने हैं.
तकनीक के इस युग में कई नये खिलाड़ी दिल की जमीन पर फायदे का बिजनेस खड़ा कर रहे हैं. इन बिजनेस का जोर लोगों को सच्चा साथी खोजने या ब्रेकअप से उबरने में मदद करना है. ये नये वेंचर्स करीब रहनेवाले सिंगल लोगों को एक-दूसरे से जोड़ने के साथ ही यह भी सुनिश्चित करते हैं कि अवांछित लोग उन्हें परेशान न करें. अगर बात नहीं बनी तो दिल के घाव पर मरहम का भी इंतजाम है.
टिंडर
टिंडर में लोग सोशल नेटवर्किग प्रोफाइल के जरिए लॉग-इन करते हैं. कैलिफॉर्निया के जस्टिन मटीन और सॉन रैड का यह एप्प सिंगल्स को 100 किलोमीटर के दायरे में साथी खोजने में मदद करता है. अगर दो लोग एक-दूसरे के प्रति रु चि दिखाते हैं तो यह एप्प दोनों की मुलाकात करा देता है.
फ्लो
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया में काम कर चुके सिद्धार्थ ने सिंगल्स नेटवर्क फ्लो शुरू किया है. सिद्धार्थ को यह आइडिया पांच साल पहले आया जब वह अपनी होनेवाली पत्नी से पहली बार पनीर टेस्ट करने के लिए एक वर्कशॉप में मिले. उनका मानना है कि लोग एक जैसी रु चियों के कारण ही साथ आते हैं. तीन साल पुरानी उनकी कंपनी वीकेंड इवेंट्स ऑर्गनाइज करती है और सिंगल युवाओं के लिए डिनर अरेंज करती है. पिछले तीन साल में फ्लो के जरिये मिले 40 कपल्स की शादियां हुई हैं.
ब्रेकअप ऑनलाइन डॉट कॉम
ब्रेकअप हेल्पलाइन डॉट कॉम एक ऐसी हेल्पलाइन है जो टूटे दिलवालों के लिए कई सेवाएं मुहैया कराती है. इसमें ऐसे दिलजलों को फूल, गिफ्ट और नोट्स भेजना, फिल्मों के टिकट दिलाना शामिल है. साथ ही इसमें दिन भर बात करने के लिए एक शख्स की भी सर्विस मिलती है. इस स्टार्टअप के पीछे भी निजी एक्सीपीरियंस का अहम रोल है.
ब्रेकअप से गुजर रहे अंकित अनुभव को जब गम बांटने को कोई नहीं मिला तो उन्हें यह सर्विस शुरू करने का आइडिया आया.