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दक्षिण कोरिया में एक परीक्षा के लिए थम गया पूरा देश

नेशनल कंटेंट सेल-छह लाख स्टूडेंट्स ने दी सीसैट की परीक्षा, शोर न हो इसलिए परीक्षा के दौरान नहीं उड़े विमान दक्षिण कोरिया में शिक्षा को लेकर गजब का अनुशासन और स्टूडेंट्स की मदद की मिसाल गुरुवार को सीसैट एग्जाम में देखने को मिली. जब छह लाख परिक्षार्थियों के लिए पूरा देश थम गया. ट्रैफिक रोक […]

नेशनल कंटेंट सेल
-छह लाख स्टूडेंट्स ने दी सीसैट की परीक्षा, शोर न हो इसलिए परीक्षा के दौरान नहीं उड़े विमान

दक्षिण कोरिया में शिक्षा को लेकर गजब का अनुशासन और स्टूडेंट्स की मदद की मिसाल गुरुवार को सीसैट एग्जाम में देखने को मिली. जब छह लाख परिक्षार्थियों के लिए पूरा देश थम गया. ट्रैफिक रोक दिया गया ताकि स्टूडेंट्स को परेशानी न हो, फ्लाइटें भी रोक दी गयीं ताकि शोर से छात्रों का ध्यान न भटके.

दक्षिण कोरिया के तीन टॉप विश्वविद्यालयों में दाखिले की ये परीक्षा इतनी अहम थी कि एक दिन के लिए यह परीक्षा हर साल पूरे देश की प्राथमिकता बन जाती है. दफ्तरों में एक घंटा देर से काम शुरू होता है. लोग देर से निकलते हैं जिससे परीक्षा में बैठने वाले छात्र समय पर परीक्षा केंद्र पहुंच जाएं. परीक्षा के जिस हिस्से में छात्रों को अंग्रेजी के सवाल सुनकर जवाब लिखना होता है, उस समय उनको शोर से बचाने के लिए हवाई जहाज के उड़ने या उतरने पर पाबंदी रहती है. परीक्षा में बैठने जा रहे सीनियर छात्रों की मदद के लिए जूनियर छात्र सड़क किनारे खड़े रहते हैं.

परीक्षार्थियों के माता-पिता एकत्र होकर प्रार्थना करते हैं ताकि उनके बच्चों ने जो मेहनत की है वह सफल हो जाये. कॉलेज स्कॉलास्टिक एबिलिटी टेस्ट आठ घंटे की कठिन परीक्षा है. यह छात्रों के लिए प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के दरवाजे खोलती है. राजधानी सोल में तीन टॉप विश्वविद्यालय हैं, जिन्हें ‘स्काई’ के नाम से जाना जाता है. स्काई के ये तीन विवि सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी, कोरिया यूनिवर्सिटी और योन्शी यूनिवर्सिटी हैं.

मैंने पिछले तीन साल से कड़ी मेहनत की है, ताकि इन तीन में से किसी एक यूनिवर्सिटी में दाखिला मिल जाए. ‘स्काई’ कॉलेजों में सीटें कम हैं, इसलिए दाखिला आसान नहीं है. इसके लिए छात्रों को कड़ी मेहनत करनी होती है. परीक्षा में अच्छे नंबर लाए बिना कामयाबी नामुमकिन है, इसलिए छात्र कई साल यह परीक्षा देते हैं.
म्युंगजुन किम,छात्र

इन दिनों मुझे पता नहीं रहता कि कामकाजी दिन हैं या वीकेंड की छुट्टियां हैं. सुबह सुबह 7 बजे उठकर 8 बजे तक स्कूल पहुंचता हूं. वहां से रात के 10 बजे घर लौटता था.
मिन्सियो किम,छात्र

बीबीसी हिंदी से साभार

Prabhat Khabar Digital Desk
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