वाशिंगटन : अमेरिका की एक अदालत ने सीएनएन के वरिष्ठ पत्रकार जिम एकोस्टा की मान्यता रद्द किये जाने के मामले में ट्रंप प्रशासन को झटका देते हुए व्हाइट हाउस को आदेश दिया कि वह पत्रकार की व्हाइट हाउस तक पहुंच को बहाल करे.यह जानकारी सीएनएन ने दी. इस मामले को लेकर सीएनएन ने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया था.
जिम एकोस्टा व्हाइट हाउस में सीएनएन के मुख्य संवाददाता हैं. बीते हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के साथ बहस के बाद उनका ‘प्रेस हार्ड पास’ वापस ले लिया गया था. सीएनएन ने आरोप लगाया था कि यह एकोस्टा के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है. मुकदमा मंगलवार को वाशिंगटन में दायर किया गया था और इसमें राष्ट्रपति ट्रंप और उनके दूसरे सहयोगियों को प्रतिवादी बनाया गया था. इन अधिकारियों में चीफ ऑफ स्टाफ जॉन केली और व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स शामिल थीं. सारा सैंडर्स ने एकोस्टा का पास रद्द करने का कारण अस्वीकार्य आचरण बताया था. उन्होंने कहा थ कि जिम एकोस्टा सीएनएन के करीब 50 हार्ड पास धारकों में से एक हैं. ऐसा पहली बार नहीं है जब उन्होंने दूसरे पत्रकारों को सवाल पूछने से अनुचित ढंग से रोका है.
उन्होंने कहा, अगर कोई रिपोर्टर इस तरह व्यवहार करता है तो व्हाइट हाउस व्यवस्थित और निष्पक्ष प्रेस कांफ्रेंस नहीं कर सकता. ये एक पेशेवर के लिए सही नहीं है. इस घटना के बाद सारा सैंडर्स ने ट्वीट कर एकोस्टा पर अपना काम कर रही एक महिला को जबरन हाथ से रोकने की कोशिश का आरोप भी लगाया था. सारा ने ये बात उस महिला के लिए कहीं जो व्हाइट हाउस में इंटर्न हैं और प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जिम एकोस्टा से माइक लेने की कोशिश कर रही थीं. हालांकि, एकोस्टा ने व्हाइट हाउस के आरोपों को गलत बताया और कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया था.
बाद में सारा सैंडर्स ने उस वीडियो का एक जूम किया हुआ क्लिप भी शेयर किया. इस वीडियो को लेकर विशेषज्ञों का कहना था कि स्पीड से छेड़छाड़ की गयी है. इसके बाद व्हाइट हाउस संवादाता एसोसिएशन ने ट्रंप प्रशासन से ये फैसला वापस लेने की अपील की थी.