पाकिस्तान रेंजर्स के डायरेक्टर जनरल रिज़वान अख़्तर ने सोमवार सुबह दावा किया कि कराची के जिन्ना अतंरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जारी चरमपंथी अभियान पूरा हो चुका है. हालांकि उसके फ़ौरन बाद मौक़े पर फिर फ़ायरिंग होने की ख़बरें आने लगीं.
समाचार एजेंसी एएफ़पी का अर्धसैनिक बल के प्रवक्ता सिब्ते रिज़वी के हवाले से कहा है कि हवाई अड्डे पर अभियान समाप्त हो गया है.
पाकिस्तान तहरीके तालिबान ने हमले की ज़िम्मेदारी कबूल कर ली है.
इस बीच दावा किया गया है कि हमले में जो हथियार इस्तेमाल किए गए थे वो भारत में बने थे.
हालांकि रिज़वान अख़्तर ने दावा किया है कि हमला करने वाले विदेशी लग रहे थे और उज़्बेकिस्तान के लग रहे थे और उनका डीएनए करवा कर इसकी पुष्टि की जाएगी.
अभियान पूरा होने के बाद कराची में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में अख़्तर ने कहा कि हमने हवाई अड्डे की जांच-पड़ताल का काम पूरा कर लिया है, अब वहाँ से दोपहर 12 बजे से हवाई यातायात शुरू किया जा सकता है.
उन्होंने बताया कि हमलावरों की संख्या 10 थी. इनमें से सात सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए जबकि तीन ने ख़ुद को विस्फोट कर उड़ा लिया.
पांच घंटे चली मुठभेड़
बीबीसी संवाददाता रियाज़ सुहैल का कहना है कि मारे जाने वाले 19 लोग सुरक्षाकर्मी और उड्डयन विभाग के जुड़े लोग थे जबकि 10 चरमपंथी भी हमले में मारे गए.
23 लोग घायल बताए गए हैं जिनमें से दो की हालत गंभीर है.
अबतक कुल 29 लोग हमले के शिकार हो चुके हैं.
डीजी ने बताया कि हमलावर पांच-पांच की टोलियों में रात ग्यारह बजकर पांच मिनट पर दो जगह से हवाई अड्डे में दाखिल हुए थे और रात साढ़े ग्यारह बजे उनके खिलाफ़ कार्रवाई शुरू हुई और सुबह क़रीब साढ़े चार बजे तक चली.
उन्होंने कहा कि हमलावर देखने में दूसरे देशों के निवासी लगते हैं, वो उज़्बेकिस्तान के लग रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमलावरों का डीएनए टेस्ट कराकर उनकी विस्तृत जानकारी जुटाई जाएगी.
वहीं बीबीसी संवाददाता के मुताबिक़ कराची के जिन्ना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर चरमपंथी हमले की ख़बर प्रशासन और टीवी चैनलों को हमले के क़रीब एक घंटे बाद मिली.
उन्होंने बताया कि कराची हवाई अड्डे का जो पुराना टर्मिनल है, जिसे हाजियों के आने-जाने और कार्गो के लिए इस्तेमाल किया जाता है. चरमपंथी वहीं से एक वैन के जरिए दाखिल हुए थे. अंदर जाते समय उन्होंने गोलियां भी चलाईं.
चरमपंथियों के इस हमले में हवाई अड्डे की सुरक्षा में तैनात तीन सुरक्षाकर्मियों, पाकिस्तान एयरलाइंस के एक कुली और नागरिक उड्डयन विभाग के एक कर्मचारी की मौत हो गई. चरमपंथियों का हवाई अड्डे की सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों ने मुकाबला किया.
सेना की कार्रवाई
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक़, सुरक्षाकर्मी जब एक तरफ चरमपंथियों का मुक़ाबला कर रहे थे तो इसका फ़ायदा उठाकर चरमपंथियों का एक दूसरा गुट हवाई अड्डे में दाखिल हो गया. इसके बाद पाकिस्तानी सेना के विशेष कमांडो (एसएसपी) को बुलाया गया और चरमपंथियों और कमांडो के बीच मुठभेड़ शुरू हुई.
हमले के दौरान चरमपंथियों ने रॉकेट का भी इस्तेमाल किया. इससे हवाई अड्डा के दो कार्गो टर्मिनल को नुक़सान पहुंचा है.
सेना की पूरी कार्रवाई क़रीब साढ़े पांच घंटे तक चली. सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री ने सुबह साढ़े चार बजे के क़रीब घोषणा की कि ऑपरेशन पूरा हो गया है.
यहां हमले के सिलसिले में जो सूचनाएं मिल रही हैं, उनमें कहा गया है कि घटनास्थल से जो हथियार बरामद हुए हैं, वो भारत में बने हैं.
यही सवाल जब सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री से किया गया तो उनके साथ मौज़ूद सिंध प्रांत के सूचना मंत्री ने दावा किया कि हां, इस तरह के हथियार मिले हैं. हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि जो हथियार मिले हैं वो भारत निर्मित हैं कि नहीं.
तालिबान
तहरीके तालिबान के प्रवक्ता शहीदुल्लाह शाहिद ने कहा है, ”कराची हवाई अड्डे पर हमने हमले किए और यह पाकिस्तानी सरकार को संदेश है कि गांवों में हमले कर बेकसूर लोगों की हत्या का जवाब देने के लिए हम ज़िदा हैं.”
प्रवक्ता ने कहा, ”गैरएलानिया जंग के खिलाफ जवाबी कार्रवाई का हम हक रखते हैं. यह हकीमुल्ला मेहसूद की हत्या का बदला है.”
हाल ही में पाकिस्तान तालिबान से एक गुट अलग हो गया था.
यह हमला ऐसे समय हुआ है जब तहरीके तालिबान से पाकिस्तानी सरकार शांति वार्ता चला रही है.
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