19.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा – राफेल करार ‘सरकार से सरकार” के बीच हुआ था, तब सत्तासीन नहीं था

संयुक्त राष्ट्र : फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि राफेल करार ‘सरकार से सरकार’ के बीच तय हुआ था और भारत एवं फ्रांस के बीच 36 लड़ाकू विमानों को लेकर जब अरबों डॉलर का यह करार हुआ, उस वक्त वह सत्ता में नहीं थे. संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के इतर एक […]

संयुक्त राष्ट्र : फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि राफेल करार ‘सरकार से सरकार’ के बीच तय हुआ था और भारत एवं फ्रांस के बीच 36 लड़ाकू विमानों को लेकर जब अरबों डॉलर का यह करार हुआ, उस वक्त वह सत्ता में नहीं थे.

संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के इतर एक प्रेस कांफ्रेंस में मैक्रों से पूछा गया था कि क्या भारत सरकार ने किसी वक्त फ्रांस सरकार या फ्रांस की दिग्गज एयरोस्पेस कंपनी दसाल्ट से कहा था कि उन्हें राफेल करार के लिए भारतीय साझेदार के तौर पर रिलायंस को चुनना है. भारत ने करीब 58,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए पिछले साल सितंबर में फ्रांस के साथ अंतर-सरकारी समझौते पर दस्तखत किये थे. इससे करीब डेढ़ साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पेरिस यात्रा के दौरान इस प्रस्ताव की घोषणा की थी. इन विमानों की आपूर्ति सितंबर 2019 से शुरू होनेवाली है.

पिछले साल मई में फ्रांस के राष्ट्रपति बने मैक्रों ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया, मैं बहुत साफ-साफ कहूंगा. यह सरकार से सरकार के बीच हुई बातचीत थी और मैं सिर्फ उस बात की तरफ इशारा करना चाहूंगा जो पिछले दिनों प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी ने बहुत स्पष्ट तौर पर कही. मैक्रों ने राफेल करार पर विवाद पैदा होने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा, मुझे और कोई टिप्पणी नहीं करनी. मैं उस वक्त पद पर नहीं था और मैं जानता हूं कि हमारे नियम बहुत स्पष्ट हैं. फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि यह सरकार से सरकार के बीच हुई बातचीत थी और यह अनुबंध एक व्यापक ढांचे का हिस्सा है जो भारत एवं फ्रांस के बीच सैन्य एवं रक्षा गठबंधन है.

उन्होंने कहा, यह मेरे लिए बेहद अहम है, क्योंकि यह सिर्फ औद्योगिक संबंध नहीं, बल्कि एक रणनीतिक गठबंधन है. मैं बस उस तरफ ध्यान दिलाना चाहूंगा जो पीएम मोदी ने इस मुद्दे पर कहा है. राफेल करार के मुद्दे पर भारत में बड़ा विवाद पैदा हो चुका है. यह विवाद फ्रांस की मीडिया में आयी उस खबर के बाद पैदा हुआ जिसमें पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा कि राफेल करार में भारतीय कंपनी का चयन नयी दिल्ली के इशारे पर किया गया था. ओलांद ने ‘मीडियापार्ट’ नाम की एक फ्रांसीसी खबरिया वेबसाइट से कहा था कि भारत सरकार ने 58,000 करोड़ रुपये के राफेल करार में फ्रांसीसी कंपनी दसाल्ट के भारतीय साझेदार के तौर पर उद्योगपति अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस के नाम का प्रस्ताव दिया था और इसमें फ्रांस के पास कोई विकल्प नहीं था.

भारत में विपक्षी पार्टियों ने ओलांद के इस बयान के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को घेरा और उस पर करार में भारी अनियमितता करने का आरोप लगाया. कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने एयरोस्पेस क्षेत्र में कोई पूर्व अनुभव नहीं होने के बाद भी रिलायंस डिफेंस को साझेदार चुनकर अंबानी की कंपनी को फायदा पहुंचाया. कांग्रेस ने राफेल विमान की दरों सहित करार के कई पहलुओं पर सवाल उठाये हैं. उसने मोदी सरकार पर साठगांठवाले पूंजीवाद को बढ़ावा देने, सरकारी कोषागार को नुकसान पहुंचाने और राष्ट्रहित एवं राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने के आरोप लगाये हैं.

डिया रिपोर्ट में ओलांद के हवाले से कहा गया था, भारत सरकार ने इस सेवा समूह का प्रस्ताव किया था और दसाल्ट ने (अनिल) अंबानी समूह के साथ बातचीत की. हमारे पास कोई विकल्प नहीं था, हमने वह वार्ताकार लिया जो हमें दिया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 अप्रैल 2015 को पेरिस में तत्कालीन फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद से बातचीत के बाद 36 राफेल विमानों की खरीद का ऐलान किया था. करार पर अंतिम मुहर 23 सितंबर 2016 को लगी थी. फ्रांस सरकार ने कहा है कि वह भारतीय औद्योगिक साझेदारों के चयन में किसी तरह से शामिल नहीं थी. अपने बयान में दसाल्ट एविएशन ने कहा कि 36 राफेल विमानों की आपूर्ति का अनुबंध सरकार से सरकार के बीच हुआ समझौता था.

कंपनी ने कहा, इसमें एक अलग अनुबंध का प्रावधान है जिसमें दसाल्ट एविएशन ने खरीद के कुल मूल्य की 50 फीसदी राशि भारत में मुआवजा निवेश (ऑफसेट) पर खर्च करने की प्रतिबद्धता जाहिर की थी. कंपनी ने यह भी कहा कि रिलायंस के साथ उसकी साझेदारी से फरवरी 2017 में दसाल्ट रिलायंस एयरोस्पेस लिमिटेड (ड्राल) संयुक्त उपक्रम का गठन हुआ था.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel