इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ ने उस अदालत में पेश होने के लिए राष्ट्रपति स्तर की सुरक्षा की सोमवार को मांग की जो उनके खिलाफ देशद्रोह मामले की सुनवाई कर रही है. मुशर्रफ ने कहा कि उनकी जान को खतरा है.
पाकिस्तान की पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) की पूर्ववर्ती सरकार ने नवम्बर 2007 में संविधान इतर आपातकाल लगाने को लेकर मुशर्रफ पर द्रेशद्रोह का मामला दर्ज कराया था. 74 वर्षीय पूर्व सेना प्रमुख वर्तमान में दुबई में रह रहे हैं. लाहौर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद यावर अली की अध्यक्षतावाली विशेष अदालत ने गृह सचिव को 27 अगस्त को तलब किया है. पीठ इस पर भी गौर करेगी कि क्या मुशर्रफ के बयान दर्ज कराये बिना भी सुनवाई जारी रह सकती है. ‘डान’ समाचारपत्र के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति के वकील अख्तर शाह ने पीठ से कहा उनके मुवक्किल देशद्रोह मामले में अदालत के समक्ष पेश होना चाहते हैं, लेकिन यह भरोसा चाहते हैं कि उन्हें राष्ट्रपति स्तर की सुरक्षा मुहैया करायी जाये.
अदालत ने कहा कि आरोपी को सुरक्षा मुहैया कराना संघीय सरकार की जिम्मेदारी है और मामले की सुनवाई 27 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी. शाह ने सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अली के नेतृत्ववाली दो सदस्यीय पीठ को बताया कि ‘यदि रक्षा मंत्रालय राष्ट्रपति स्तरीय सुरक्षा मुहैया कराये, तो उनके मुवक्किल वापस लौटेंगे और अदालत के समक्ष पेश होंगे.’ उन्होंने कहा, ‘मुशर्रफ का जीवन खतरे में है.’ उन्होंने कहा, ‘उनके जीवन पर दो हमले हो सकते हैं : एक बार इस्लामाबाद अदालत में और दूसरा क्वेटा में अकबर बुगती मामले की सुनवाई के दौरान.’ बुगती एक बलूच नेता थे जो 2006 में सेना के एक अभियान में मारे गये थे.