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‘क्या सबरीमाला की वजह से केरल में बाढ़ आई?’

<p>केरल राज्य 100 साल में आई सबसे बड़ी बाढ़ से जूझ रहा है और ट्विटर पर कुछ लोग इस बाढ़ को सबरीमाला मंदिर के भगवान अयप्पन की नाराज़गी बता रहे हैं. </p><p>लेकिन इन लोगों में से एक शख्स हैं- हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) में अंशकालिक निदेशक बने एस गुरुमूर्ति. </p><p>एस गुरुमूर्ति […]

<p>केरल राज्य 100 साल में आई सबसे बड़ी बाढ़ से जूझ रहा है और ट्विटर पर कुछ लोग इस बाढ़ को सबरीमाला मंदिर के भगवान अयप्पन की नाराज़गी बता रहे हैं. </p><p>लेकिन इन लोगों में से एक शख्स हैं- हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) में अंशकालिक निदेशक बने एस गुरुमूर्ति. </p><p>एस गुरुमूर्ति अपने ट्वीट से इशारा कर रहे हैं कि ये बाढ़ अगर सबरीमाला के भगवान की नाराज़गी की वजह से है तो सुप्रीम कोर्ट को अपने फ़ैसले पर सोचना चाहिए. </p><p>उन्होंने एक ट्विटर यूज़र के ट्वीट पर अपनी बात रखी है. उन्होंने लिखा, &quot;सुप्रीम कोर्ट के जजों को देखना चाहिए कि केस और जो सबरीमाला में हुआ, उसके बीच कोई संबंध है या नहीं. अगर कोई संबंध होने का लाखों में एक चांस भी है तो लोगों को अयप्पन के ख़िलाफ़ फ़ैसला पसंद नहीं आएगा.&quot;</p><p><a href="https://twitter.com/sgurumurthy/status/1030494470377156608">https://twitter.com/sgurumurthy/status/1030494470377156608</a></p><p>जब कुछ लोगों ने उनके ट्वीट पर इस बात की आलोचना की तो उन्होंने फिर से अपनी बात को दोहराया. </p><p>&quot;भारत के बुद्धिजीवियों के पाखंड को देखकर हैरान हूं जो लोगों के विश्वास को कचरा समझते हैं. 99 फ़ीसदी भारतीय भगवान में विश्वास करते हैं. 100 फीसदी ज्योतिष में विश्वास रखते हैं जिसमें लिबरल, सेक्युलर, बुद्धिजीवी भी शामिल हैं. नास्तिक करुणानिधि के लिए उनके अनुयायियों ने प्रार्थना की. मैं भी उनमें से हूं जो भगवान को मानता है, ज्योतिष को नहीं.&quot;</p><p><strong>कौन हैं एस </strong><strong>गुरुमूर्ति</strong></p><p>गुरुमूर्ति स्वदेशी जागरण मंच के सह-संयोजक हैं. उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का विचारक भी माना जाता है. </p><p>प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क़रीबी कहे जाने वाले एस गुरुमूर्ति को 8 अगस्त को भारत के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) में अंशकालिक निदेशक बनाया गया.</p><p>जब नवंबर 2016 में पीएम मोदी ने नोटबंदी का फ़ैसला किया था तो इसके पीछे गुरुमूर्ति का ही दिमाग़ बताया गया था.</p><p>निदेशक बनाए जाने के बाद गुरुमूर्ति ने ट्विटर पर लिखा था, ”मुझे पहली बार यह पद मिला है. मैंने कभी निजी क्षेत्र या पीएसयू में निदेशक के पद को स्वीकार नहीं किया. मैंने कभी पीएसयू या निजी कंपनी में कोई ऑडिट भी नहीं किया. मैं स्वतंत्र होकर बोलना चाहता था. लेकिन जब दबाव बढ़ा कि मुझे लोगों के हित में काम करना चाहिए तो मैंने इसे स्वीकार किया.”</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-45231497">केरल में बाढ़ से भारी तबाही: 324 की मौत, तीन लाख लोग बेघर</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-45190213">केरल से ग्राउंड रिपोर्ट: ‘यक़ीन नहीं हो रहा कि मैंने माता-पिता को खो दिया है'</a></li> </ul><h1>जो सबरीमाला को बाढ़ से जोड़ रहे हैं</h1><p>हरि प्रभाकरन नाम के ट्विटर यूज़र ने सबरीमाला की फ़ोटो के साथ लिखा है, &quot;कोई क़ानून भगवान से बड़ा नहीं. अगर आप सभी को घुसने दोगे तो वो सबको आने से मना कर देगा.&quot; इस ट्वीट को 3400 लोगों ने लाइक किया है और 1700 लोगों ने रीट्वीट किया. </p><p><a href="https://twitter.com/HariIndic/status/1030274643624583168">https://twitter.com/HariIndic/status/1030274643624583168</a></p><p>इसके अलावा उन्होंने ये भी लिखा कि ‘अगर आप अपना जन्म या मरना नहीं बदल सकते तो मंदिर में सदियों से चली आ रही प्रथा क्यों बदल रहे हो. सबरीमाला हमारा विश्वास है.'</p><p>इसी ट्वीट पर एस गुरुमूर्ति ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी. </p><p>एक यूज़र सतीश कुमार ने लिखा है कि इसे दूसरी तरह भी देखा जा सकता है. अगर आप महिलाओं को मना करोगे तो वो सभी को मना कर देगा. </p><p><a href="https://twitter.com/saysatheesh/status/1030452159509196805">https://twitter.com/saysatheesh/status/1030452159509196805</a></p><p>गोपालकृष्णन नाम के यूज़र ने लिखा है कि केरल के लोगों को विश्वास है कि भगवान अयप्पन नाराज़ हैं. सुप्रीम कोर्ट को उस मामले में दख्ल नहीं देना चाहिए जो लोगों के विश्वास और प्रथाओं के बारे में हो.&quot;</p><p><a href="https://twitter.com/Gopalak99592762/status/1030689559787462656">https://twitter.com/Gopalak99592762/status/1030689559787462656</a></p><h1>लोगों ने ऐसे दिए जवाब</h1><p>गुरुमूर्ति के ट्वीट पर लोगों ने काफ़ी आलोचना की. </p><p>एक यूज़र मनिकंदन ने लिखा, &quot;इसे किसी धार्मिक मुद्दे से मत जोड़िए. ये अच्छा नहीं लगा. आपसे इसकी उम्मीद नहीं थी. फंसे हुए लोगों की मदद करने की ज़रूरत है. अगर आप मदद कर सकते हैं तो करिए.&quot;</p><p><a href="https://twitter.com/chitlapakkamngr/status/1030640859467800576">https://twitter.com/chitlapakkamngr/status/1030640859467800576</a></p><p>कमलाकर दुर्गे नाम के यूज़र ने लिखा है, &quot;एस गुरुमूर्ति जैसा व्यक्ति आरबीआई में कैसे काम करेगा? अगर कुछ ग़लत होगा तो ये कह देंगे कि भगवान की यही इच्छा थी.&quot;</p><p><a href="https://twitter.com/k_durge/status/1030700823930494976">https://twitter.com/k_durge/status/1030700823930494976</a></p><p>टीवी पत्रकार लता वेंकटेश ने लिखा, &quot;भयानक है कि गुरुमूर्ति जैसे लोग केरल बाढ़ को सबरीमाला में औरतों की एंट्री से जोड़ रहे हैं. सरकारी ओहदों पर बैठे लोगों को इस तरह की बातें करने की इजाज़त नहीं होनी चाहिए जो भारत के संविधान के ख़िलाफ़ हों.&quot;</p><p><a href="https://twitter.com/latha_venkatesh/status/1030741141887614977">https://twitter.com/latha_venkatesh/status/1030741141887614977</a></p><p>एक यूज़र गोपी शंकर ने लिखा है, &quot;मैंने नहीं सोचा था कि मुझे कभी ऐसा दिन भी देखना पड़ेगा कि ऐसा अतार्किक आदमी आरबीआई बोर्ड में बैठेगा. अगर भगवान को सज़ा ही देनी होती तो बाढ़ दिल्ली में आती जहां सुप्रीम कोर्ट है. केरल में क्यों?&quot;</p><h1>क्या है सबरीमाला मंदिर पर विवाद</h1><p>इसी महीने सुप्रीम कोर्ट ने केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई शुरू की थी.</p><p>केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष की महिलाओं के जाने पर प्रतिबंध है जो सदियों पुरानी परंपरा रही है. रोक इसलिए क्योंकि 10 से 50 साल की महिलाओं को मासिक धर्म होता है. </p><p>कोर्ट ने अपनी टिप्पणियों में कई बार कहा कि पुरुषों की तरह महिलाओं को भी मंदिर में जाने का अधिकार है. </p><p>इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फ़ैसला अभी सुरक्षित रखा है. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-44895924">केरल की महिलाओं ने ऐसे जीता ‘बैठने का अधिकार'</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-45193323">नज़रियाः दक्षिण भारत पर इतने मेहरबान क्यों दिखे मोदी?</a></li> </ul><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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