चिंगदाओ (चीन) : भारत से चीन में गैर-बासमती चावल के आयात के करार के साथ राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बातचीत में दोनों देशों के बीच व्यापार को 2020 तक 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने के प्रयत्न करने का सुझाव दिया.
प्रधानमंत्री मोदी शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में यहां आये हुए हैं. रविवार को यहां राष्ट्रपति जिनपिंग के साथ उनकी अलग से बैठक हुई. मोदी ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति के साथ उनकी यह बातचीत दोनों देशों की मित्रता को और बल प्रदान करेगी. मोदी-जिनपिंग के बीच अप्रैल में वुहान में पहली अनौपचारिक शिखर बैठक के बाद यह पहली मुलाकात थी. विदेश सचिव विजय गोखले ने दोनों नेताओं की बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राष्ट्रपति जिनपिंग ने प्रधानमंत्री मोदी को सुझाव दिया है कि दोनों देशों को अपने पारस्परिक व्यापार को 2020 तक 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने का नया लक्ष्य तय करना चाहिए. पहले दोनों देशों ने 2015 तक ही व्यापार को 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा था, जो अभी हासिल नहीं हुआ है.
चीन के सीमा शुल्क प्रशासन के मार्च के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल दोनों देशों के बीच आपस में 84.44 अरब डॉलर का व्यापार हुआ. गोखले ने कहा कि भारत ने चीन के सरकारी बैंक ‘बैंक ऑफ चाइना’ को मुंबई में शाखा खोलने की अनुमति दे दी है. जिनपिंग ने दोनों देशों के बीच वित्तीय क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का सुझाव दिया था इसके जवाब में मोदी ने कहा कि भारत बैंक ऑफ चाइना को मुंबई में शाखा खोलने की अनुमति देने को तैयार है. उन्होंने कहा कि मोदी और जिनपिंग ने आपसी बातचीत में व्यापार और निवेश के मुद्दों पर भी कुछ चर्चा की और उसी संदर्भ में चिनफिंग ने मोदी से कहा कि उनका देश चाहता है कि भारत कुछ और अधिक कृषि उत्पादों का निर्यात करे. इसमें गैर-बासमती चावल और चीनी भी शामिल है.
दोनों देशों ने शनिवार को गैर-बासमती चावल के आयात के संदर्भ में स्वच्छता संबंधी प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किये. चीन 2006 के स्वच्छता मानकों के तहत अभी केवल भारत से बासमती चावल आयात करता है. अब इस प्रोटोकॉल में गैर-बासमती चावल भी शामिल कर लिया गया है. चीन ने आश्वासन दिया कि वह भारत की दवा कंपनियों को उच्च गुणवत्तावाली औषिधियों के लिए भी बाजार उपलब्ध करा सकता है.