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सौरभ, इशांक समेत झारखंड के इन खिलाडि़यों को IPL-11 में चौके-छक्के लगाने का नहीं मिल रहा मौका, ये मनवा रहे लोहा
II सुनील कुमार II सौरभ, इशांक, अनुकूल और मोनू नहीं बटोर पाये सुर्खियां रांची : पिछले एक दशक से इंडियन प्रीमियर लीग युवाओं के लिए बेहतरीन मंच साबित हुआ है. यह ऐसा मंच है जहां पैसों की बारिश होती ही है, भारतीय युवा क्रिकेटरों का भविष्य तय होता है. पिछले 11 वर्ष के दौरान कई […]
II सुनील कुमार II
सौरभ, इशांक, अनुकूल और मोनू नहीं बटोर पाये सुर्खियां
रांची : पिछले एक दशक से इंडियन प्रीमियर लीग युवाओं के लिए बेहतरीन मंच साबित हुआ है. यह ऐसा मंच है जहां पैसों की बारिश होती ही है, भारतीय युवा क्रिकेटरों का भविष्य तय होता है. पिछले 11 वर्ष के दौरान कई क्रिकेटरों ने इस छोटे प्रारूप के सहारे टीम इंडिया में जगह बनायी और अपनी प्रतिभा को दुनिया के सामने रखा.
यहीं कारण है कि क्रिकेटरों का आइपीएल में खेलना लक्ष्य बन गया है. इस बार भी आइपीएल के 11वें संस्करण में श्रेयस अय्यर, मयंक मार्कंडेय, मावी, दीपक चाहर, पृथ्वी शॉ जैसे युवा लोहा मनवा रहे हैं. इनमें झारखंड के विकेटकीपर बल्लेबाज इशान किशन भी हैं. मुंबई की ओर से इन्होंने जितनी अच्छी विकेटकीपिंग की, शानदार बल्लेबाजी का नमूना भी पेश किया है.
हालांकि इस बार कई ऐसे भी खिलाड़ी हैं, जिन्होंने कई सीजन में बहुत सुर्खियां बटोरी, लेकिन अब इन्हीं खिलाड़ियों को नजरअंदाज किया जा रहा है. इन खिलाड़ियों में झारखंड के भी कई खिलाड़ी हैं. आइपीएल का 11वां संस्करण चरम पर है. इस बार झारखंड के सात खिलाड़ी विभिन्न टीमों में शामिल हैं, लेकिन धौनी, इशान किशन और नदीम को छोड़ दें, तो बाकि खिलाड़ियों को अब तक खेलने का मौका नहीं मिला है. या यों कहा जाये कि ये खिलाड़ी अब धीरे-धीरे गायब होते जा रहे हैं.
आइपीएल में झारखंड की ओर से महेंद्र सिंह धौनी, मोनू कुमार सिंह (दोनों चेन्नई सुपरकिंग्स), शाहबाज नदीम (दिल्ली डेयरडेविल्स), इशांक जग्गी (कोलकाता नाइटराइडर्स), सौरभ तिवारी, इशान किशन व अनुकूल रॉय (तीनों मुंबई इंडियंस) शामिल हैं. वहीं, झारखंड के ही तेज गेंदबाज वरुण एरॉन और राहुल शुक्ला को इस बार कोई खरीदार नहीं मिला है.
एमएस धौनी ही सत्र की शुरुआत से बढ़ा रहे हैं झारखंड का मान, इनके दावेदार की है तलाश
165 मैचों की 149 पारियों में 38.87 की औसत से महेंद्र सिंह धौनी ने अब तक 3770 रन बनाये हैं और सत्र की शुरुआत से सबसे मजबूत खिलाड़ी बने हुए हैं. धौनी ने आइपीएल में कई रिकॉर्ड बनाये हैं. वे 150 मैचों में कप्तानी करनेवाले पहले क्रिकेटर बन गये हैं. चेन्नई सुपर किंग्स को चैंपियन बनानेवाले धौनी की अब तक झारखंड की पहचान बने हुए हैं. हालांकि इशान किशन जिस तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं इनकी जगह ले सकते हैं, लेकिन बहुत मेहनत करनी होगी.
इस वर्ष धौनी-इशान का जलवा
क्रिकेटर टीम मैच खेले रन/विकेट
महेंद्र सिंह धौनी चेन्नई सुपर किंग्स 08 286
मोनू कुमार सिंह चेन्नई सुपरकिंग्स 00 00
शाहबाज नदीम दिल्ली डेयरडेविल्स 04 03 (विकेट)
इशांक जग्गी कोलकाता नाइटराइडर्स 00 00
सौरभ तिवारी मुंबई इंडियंस 00 00
इशान किशन मुंबई इंडियंस 07 151
अनुकूल रॉय मुंबई इंडियंस 00 00
– सौरभ तिवारी, बल्ले में नहीं रही वैसी ताकत
सौरभ तिवारी को महेंद्र सिंह धौनी के बाद झारखंड का दूसरा हीरो कहा जाता था. अपने प्रदर्शन से इन्होंने खासा प्रभावित भी किया, लेकिन बाद में इन्हें भुला दिया है और ये गुमनामी में चले गये. मुंबई इंडियंस जैसी बड़ी टीम में शामिल सौरभ ने अच्छी सुर्खियां भी बटोरी थीं, लेकिन अब टीम में शामिल होने के बावजूद टीम प्रबंधन इन्हें नजरअंदाज कर रहा है.
आइपीएल के 11वें संस्करण के लिए मुंबई इंडियंस ने सौरभ तिवारी को 80 लाख रुपये में खरीदा था. जमशेदपुर में जन्मा यह क्रिकेटर आइपीएल में मुंबई इंडियंस (2008-10, 2017-18), रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (2011-13), दिल्ली डेयरडेविल्स (2014-15) और राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स (2016) के लिए खेल चुका है.
आइपीएल के 2010 संस्करण में मुंबई की ओर से उन्होंने 16 मैच में 419 रन बनाये थे, जो सौरभ का अब तक का सबसे सफल आइपीएल रहा है. आइपीएल के वर्तमान सत्र में मुंबई इंडियंस ने अब तक छह मैच खेल लिये हैं, लेकिन सौरभ तिवारी को एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला है.
– वरुण एरॉन, आइपीएल में जगह नहीं मिली तो अंग्रेजों ने किया साइन
आइपीएल के लिए खिलाड़ियों की नीलामी जनवरी में की गयी थी. इस दौरान भारत के लगभग सभी बड़े क्रिकेटर्स को टीमों के मालिकों ने महंगे दामों में खरीद लिया था, लेकिन कुछ ऐसे क्रिकेटर्स भी थे, जिन्हें कोई खरीदार नहीं मिला था. इनमें वरुण एरॉन का नाम भी शामिल है, जो इस सत्र में अनसोल्ड रह गये. लंबे समय से भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर चल रहे तेज गेंदबाज वरुण एरॉन को आइपीएल में कोई खरीदार नहीं मिला था, लेकिन उन्हें इंग्लैंड की घरेलू काउंटी चैंपियनशिप में लीसेस्टरशर ने साइन कर लिया है. एरॉन आइपीएल के तीसरे संस्करण में केकेआर का हिस्सा थे, लेकिन टीम में बड़े गेंदबाजों के कारण उन्हें मैच खेलने का मौका नहीं मिला. इसके बाद वह अगले कुछ संस्करणों के लिए दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम में चले गये.
– अनुकूल रॉय, अंडर-19 विश्वकप में प्रदर्शन भी नहीं आ रहा काम
अंडर-19 विश्व कप क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करनेवाले अनुकूल रॉय को इस बार मुंबई इंडियंस टीम ने खरीदा है, लेकिन वह कप्तान रोहित शर्मा और टीम मैनेजमेंट के भरोसे को जीत नहीं सके हैं. अनुकूल के पास अभी आइपीएल का कोई अनुभव नहीं है और शायद यहीं कारण है कि अंतिम-11 में जगह नहीं बना पा रहे हैं.
इशांक जग्गी, फ्रेंचाइजी पर नहीं जगा सके हैं विश्वास
इशांक जग्गी को कोलकाता नाइटराइडर्स ने आइपीएल के 11वें सत्र में उनके आधार मूल्य 20 लाख रुपये में खरीदा. 2008 में आइपीएल के पहले संस्करण में जग्गी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के हिस्सा थे. वहीं 2011 और 2012 में जग्गी ने डेक्कन चार्जर्स की ओर से आइपीएल में हिस्सा लिया.
झारखंड का यह स्टाइलिश बल्लेबाज 2017 से कोलकाता नाइटराइडर्स का हिस्सा है, लेकिन आइपीएल के वर्तमान संस्करण में इशांक जग्गी को एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला है. 2017 के घरेलू सत्र (सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी) में जग्गी ने सबसे अधिक 1246 रन बनाये थे, लेकिन आइपीएल में उनका प्रदर्शन औसत से भी खराब रहा है.
आइपीएल के 2011, 2012 और 2017 के सत्र में जग्गी ने कुल सात मैच खेले, जिसमें उनके खाते में सिर्फ 76 रन दर्ज हैं. यही कारण है कि आइपीएल के वर्तमान सत्र में केकेआर का हिस्सा होते हुए भी उन्हें टीम प्रबंधन ने अब तक प्लेइंग इलेवन में मौका नहीं दिया है.
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