इस्लामाबाद : पाकिस्तानी संगठनों द्वारा भारत में बड़ी संख्या में आतंकी हमलों के बाद दोनों देशों के रिश्तों में आयी ठंडक के बीच भारतीय विशेषज्ञों का एक समूह द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर चर्चा करने और ट्रैक 2 की कूटनीति प्रक्रिया को बहाल करने के लिए पाकिस्तान आया था.
यहां कूटनीतिक सूत्रों ने बताया कि मूल ट्रैक 2 पहल ‘नीमराणा संवाद’ को इस दौरे के साथ नयी शुरुआत मिली. भारतीय पक्ष की अगुवाई पूर्व विदेश सचिव विवेक काटजू ने की जिसमें उनके साथ प्रख्यात शिक्षाविद् जेएस राजपूत और अन्य विशेषज्ञ शामिल रहे, वहीं पाकिस्तानी पक्ष का नेतृत्व पूर्व विदेश सचिव इनामुल हक ने किया. सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच इस्लामाबाद में 28 से 30 अप्रैल के बीच संवाद हुआ. एक सूत्र के मुताबिक, ‘दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर चर्चा की और इस बात पर सहमत हो गये कि दोनों देशों के बीच सभी मुद्दे बातचीत के जरिये सुलझाये जाने चाहिए.’ पाकिस्तान की ओर से शामिल विशेषज्ञों में स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के गर्वनर इशरत हुसैन थे जिनका नाम जुलाई में संभावित आम चुनाव के दौरान पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर मीडिया में चल रहा है.
ट्रैक 2 की वार्ता को पूरी तरह गुप्त रखा गया और आयोजकों ने इस बारे में आधिकारिक रूप से कुछ भी साझा नहीं किया. 1990 के दशक की शुरुआत में नीमराणा संवाद की शुरुआत हुई थी. साल 2016 में पाकिस्तान के संगठनों द्वारा किये गये आतंकी हमलों और पाकिस्तान के कब्जेवाले कश्मीर में भारत के लक्षित हमलों के बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में तनाव पैदा हो गया था. दोनों पक्ष अक्सर एक दूसरे पर नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन का आरोप लगाते हैं. हाल ही में भारत ने कहा था कि वह शंघाई सहयोग संगठन की रूपरेखा के तहत रूस में कई देशों के आतंकवाद निरोधक अभ्यास में पाकिस्तान के साथ भाग लेगा.