वाशिंगटन : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शनिवार रात संयुक्त राष्ट्र महासभा को दूसरी बार संबोधित किया. अपने 22 मिनट के भाषण में स्वराज ने 10 मिनट तक आतंकवाद के बारे में बोलीं और 6 मिनट तक पाकिस्तान को लताड़ लगायी. सुषमा स्वराज ने हिंदी में भाषण देते हुए आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लडाई, जलवायु परिवर्तन और सुरक्षा परिषद में सुधारों जैसे मुद्दे पर जमकर बोलीं.
सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से पाकिस्तान का नाम लेते हुए उसे आतंकवादी देश करार दिया. उन्होंने अपने भाषण में साफ किया कि आज भारत की पहचान विश्व में एक आईटी सुपर पावर के रूप में हो चुकी है और पाकिस्तान की पहचान आतंकवादी देश के रूप में. आइये सुषमा स्वराज के भाषण की 10 बड़ी बातों को जानें.
1. नोटबंदी के जरिए भ्रष्टाचार पर किया हमला. नोटबंदी भ्रष्टाचार से उपजे – कालेधन को चुनौती देने की दिशा में उठाया गया साहसिक फैसला था.
#WATCH: EAM Sushma Swaraj addresses the United Nations General Assembly in New York #UNGA https://t.co/qWNiPVdyHK
— ANI (@ANI) September 23, 2017
2. भारत गरीबी से लड़ रहा है और पाकिस्तान हमसे लड़ रहा है.
3. सुषमा ने पाकिस्तानी नेताओं से कहा कि वे इस पर आत्ममंथन करें कि भारत क्यों वैश्विक आईटी महाशक्ति के तौर पर जाना जाता है और पाकिस्तान की पहचान आतंकवाद के निर्यात के कारखाने की है.
4. बेगुनाहों का खून बहाने वाला पाकिस्तान हमें मानवाधिकार का पाठ पढ़ा रहा है.
5. स्वराज ने कहा कि भारत ने आईआईटी, आईआईएम और एम्स जैसे संस्थान बनाए जबकि पाकिस्तान ने एलईटी, जेईएम, हिज्बुल मुजाहिद्दीन और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी गुट तैयार किए.
6. पाकिस्तान के साथ आपसी मुद्दे पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता बर्दाश्त नहीं.
7. पाकिस्तान आतंकियों पर खर्च करने की जगह अपने देश की तरक्की पर पैसे खर्च करे.
8. पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के भाषण को बताया अद्भुत.
9. आतंकवाद मानव जाति के अस्तित्व पर खतरे जैसा है
आतंकवाद को मानवता के अस्तित्व के लिए खतरा करार देते हुए भारत ने आज कहा कि अगर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आतंकवादियों को प्रतिबंधित सूची में डालने पर सहमत नहीं हो सकती तो फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय आतंकवाद की समस्या का कैसे मुकाबला करेगा. संयुक्त राष्ट्र महासभा के 72वें सत्र को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र जिन समस्याओं का समाधान तलाश रहा है उनमें आतंकवाद सबसे ऊपर है.
उन्होंने कहा, अगर हम अपने शत्रु को परिभाषित नहीं कर सकते तो फिर मिलकर कैसे लड़ सकते हैं? अगर हम अच्छे आतंकवादियों और बुरे आतंकवादियों में फर्क करना जारी रखते हैं तो साथ मिलकर कैसे लड़ेंगे? अगर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने पर सहमति नहीं बना पाती है तो फिर हम मिलकर कैसे लड़ सकते हैं? सुषमा सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य चीन का परोक्ष रुप से हवाला दे रही थीं जिसने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को प्रतिबंधित करने के भारत के प्रयास को बार-बार अवरुद्ध करने का काम किया है.
उन्होंने कहा, मैं इस सभा से आग्रह करना चाहूंगी कि इस बुराई को आत्म-पराजय और निरर्थक अंतर के साथ देखना बंद किया जाए. बुराई तो बुराई होती है. आइए स्वीकार करें कि आतंकवाद मानवता के अस्तित्व के लिए खतरा है. इस निर्मम हिंसा को कोई किसी तरह से उचित नहीं ठहरा सकता.
10. जलवायु परिवर्तन पर विकसित देशों को गरीब देशों की अवश्य मदद करनी चाहिये : सुषमा
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से पैदा हुई चुनौतियों पर चर्चा से ज्यादा कार्रवाई की आवश्यकता है. उन्होंने विकसित देशों के नेताओं से अपील की कि वे गरीब देशों की प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और हरित जलवायु वित्तपोषण के जरिये मदद करें.
संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) की बैठक को संबोधित करते हुए स्वराज ने कहा कि यह महज संयोग नहीं है कि दुनिया ने डराने वाला समुद्री तूफान, भूकंप, बारिश और जोरदार तूफान देखा है. उन्होंने कहा, प्रकृति ने हार्वे के जरिये न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में दुनिया के नेताओं के इकट्ठा होने से पहले ही संसार को चेतावनी भेज दी है. स्वराज ने कहा, हमें इस बात को अवश्य समझना चाहिये कि इसके लिये वार्ता की बजाय गंभीर कार्रवाई की अधिक आवश्यकता है.