कराचीः पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी अशांत प्रांत बलूचिस्तान में सेना के एक ट्रक को निशाना बना कर किये गये शक्तिशाली विस्फोट में आठ सैनिकों सहित कम से कम 17 लोगों की जान चली गयी और दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गये. उच्च तीव्रता का यह विस्फोट प्रांतीय राजधानी क्वेटा के उच्च सुरक्षा वाले इलाके में पिशिन बस स्टाॅप के समीप एक पार्किंग में हुआ. इंटर सवर्सिेज पब्लिक रिलेशन्स के एक बयान में बताया गया है कि सेना का ट्रक इलाके में गश्त कर रहा था, जिसे निशाना बनाया गया और हमले में आठ सैनिक मारे गये.
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बयान में कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल जावेद कमर बाजवा ने स्वतंत्रता दिवस के आयोजनों को बाधित करने के लिए किये गये इस ‘कायरतापूर्ण’ हमले की निंदा करते हुए कहा है कि यह हमला आतंकवाद से लड़ने के सेना के इरादों को कमजोर नहीं कर पायेगा. बाजवा को यह कहते हुए उद्धृत किया गया है कि हमारा संकल्प किसी चुनौती के आगे कमजोर नहीं पड़ेगा. बयान के अनुसार, घायलों में 10 सैनिक शामिल हैं, जो ट्रक में थे. पाकिस्तानी सेना ने प्रभावित इलाके को नियंत्रण में ले लिया है.
बलूचिस्तान के गृह मंत्री मीर सरफराज बुगती ने कहा कि विस्फोट में सात नागरिकों की जान भी गयी है. उन्होंने कहा कि बम निरोधक दस्ता मौके पर पहुंच गया है और जल्द ही हम बता पायेंगे कि यह आत्मघाती हमला था या बम लगा कर किया गया हमला था. बुगती ने बताया कि करीब 30 घायलों को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल ले जाया गया है और छह से सात लोगों की हालत गंभीर है.
इससे पहले कई टीवी चैनलों ने खबर दी कि करीब 17 शव अस्पताल लाये गये. ये शव बुरी तरह जले हुए थे. विस्फोट इतना भीषण था कि इसकी आवाज दूर दूर तक सुनायी दी. विस्फोट से लगी आग की वजह से कुछ वाहन और आटो रिक्शा भी क्षतिग्रस्त हो गये. क्वेटा में एधी ट्रस्ट के एक अधिकारी ने बताया कि करीब 15 शव लाये गये हैं. उन्होंने कहा कि मृतक संख्या बढ़ सकती है.
अधिकारी ने बताया कि विस्फोट बहुत ही भीषण था, जिसकी वजह से आग लगने के कारण कई कारें और आॅटो रिक्श या तो क्षतिग्रस्त हो गये या जल गये. विस्फोट की जिम्मेदारी तत्काल किसी ने भी नहीं ली है, लेकिन क्वेटा शहर में तालिबान और इस्लामिक स्टेट के उग्रवादियों ने हमले किये हैं. क्वेटा बलूचिस्तान की राजधानी है. अशांत बलूचिस्तान में तेल और गैस के संसाधन हैं लेकिन हाल ही में यहां कई आतंकी हमले भी हुए हैं. ये हमले आतंकवादियों और अलगाववादियों ने किये हैं. प्रतिबंधित गुटीय संगठन भी यहां सक्रिय हैं.