Easy Vastu Tips: घर में सुख-शांति और समृद्धि हर कोई चाहता है, लेकिन अक्सर वास्तु दोष इसकी राह में बड़ी बाधा बन जाते हैं। लोग इन दोषों को ठीक करने के लिए घर में तोड़फोड़ से घबराते हैं। अब चिंता की कोई बात नहीं, क्योंकि विशेषज्ञ बताते हैं कि बिना किसी तोड़फोड़ के भी आप अपने घर के वास्तु दोष आसानी से दूर कर सकते हैं। आज हम आपके लिए ऐसे ही 18 सरल और प्रभावी उपाय लेकर आए हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपने घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मकता का संचार कर सकते हैं और जीवन में खुशहाली ला सकते हैं। ये उपाय तुरंत असर दिखाते हैं और आपके घर को एक बेहतर जगह बनाते हैं।
वास्तु दोष और उसका प्रभाव
वास्तु शास्त्र भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो घर या किसी भी स्थान की ऊर्जा को संतुलित करने के सिद्धांतों पर आधारित है. माना जाता है कि यदि घर का निर्माण वास्तु के नियमों के अनुसार नहीं होता, तो घर में वास्तु दोष उत्पन्न हो सकते हैं. इन दोषों के कारण घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ जाता है, जिससे रहने वाले लोगों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे खराब स्वास्थ्य, करियर में बाधाएं, धन की हानि, व्यापार में असफलता और पारिवारिक कलह. अक्सर लोग सोचते हैं कि वास्तु दोष दूर करने के लिए घर में तोड़फोड़ करना जरूरी है, लेकिन ऐसा नहीं है. वास्तु शास्त्र में ऐसे कई सरल और प्रभावी उपाय बताए गए हैं, जिन्हें बिना किसी तोड़फोड़ के आसानी से आजमाया जा सकता है.
बिना तोड़फोड़ वास्तु दोष दूर करने के सरल उपाय
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में कुछ छोटे बदलाव और उपाय करके नकारात्मक ऊर्जा को दूर किया जा सकता है और सकारात्मकता लाई जा सकती है. इन उपायों से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है.
- मुख्य द्वार पर स्वास्तिक: घर के मुख्य द्वार पर सिंदूर से नौ अंगुल लंबा और नौ अंगुल चौड़ा स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं. इससे नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और वास्तु दोष दूर होता है. हर मंगलवार को यह उपाय करने से मंगल ग्रह से जुड़े दोष भी समाप्त होते हैं.
- पूजा पाठ और कीर्तन: जिस घर में रोजाना पूजा पाठ और कीर्तन भजन होते हैं, वहां मां लक्ष्मी का वास होता है. इससे वास्तु दोष का भी निवारण होता है. यदि रोजाना भजन-कीर्तन का समय न मिले, तो कम से कम गायत्री मंत्र और शांति पाठ रोजाना करें.
- घर की साफ-सफाई: घर की नियमित और अच्छी साफ-सफाई बनाए रखना बहुत जरूरी है. जहां गंदगी होती है, वहां राहु सक्रिय रहता है और जहां दुर्गंध होती है, वहां शुक्र अस्त हो जाता है. साफ-सफाई से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है.
- ईशान कोण को सक्रिय करें: घर का उत्तर-पूर्वी कोना (ईशान कोण) जल तत्व को दर्शाता है और इसे सक्रिय रखना शुभ होता है. इस दिशा को हमेशा साफ-सुथरा रखें. आप यहां उड़ते हुए पक्षियों, उगते सूरज या नदियों की तस्वीर लगा सकते हैं. ईशान कोण में कलश रखना भी शुभ होता है, जिससे कार्यों में बाधा नहीं आती.
- रसोईघर का वास्तु दोष: यदि रसोई वास्तु के अनुसार गलत स्थान पर है, तो अग्नि कोण (पूर्व-दक्षिण के बीच का स्थान) में लाल बल्ब लगा दें और इसे रोजाना सुबह-शाम जलाएं. इससे रसोई का वास्तु दोष दूर होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है.
- विंड चाइम्स: विंड चाइम केवल सजावट का सामान नहीं, बल्कि सही जगह पर रखने पर ये घर में सकारात्मक ऊर्जा ला सकते हैं. वास्तु दोष की समस्या वाले लोग प्रवेश द्वार पर छह या आठ रॉड वाली विंड चाइम लगाएं.
- क्रिस्टल बॉल्स: वास्तु शास्त्र के अनुसार, क्रिस्टल बॉल को घर या कार्यालय के अंदर रखना शुभ माना जाता है. क्वार्ट्ज़ से बने ये क्रिस्टल नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित करते हैं.
- घोड़े की नाल: घर के प्रवेश द्वार पर घोड़े की नाल लगाना बहुत जरूरी माना जाता है, क्योंकि यह धन और सौभाग्य लाता है. यह सकारात्मक ऊर्जा को भी आकर्षित करती है. ध्यान रखें कि इसे उल्टा न लटकाएं.
- दर्पण का सही स्थान: वास्तु दोष से छुटकारा पाने के लिए दर्पण लगाने का सही स्थान ढूंढना महत्वपूर्ण है. यदि सही दिशा में रखा जाए, तो घर सकारात्मकता से भर सकता है. दर्पण को मुख्य द्वार के सामने या बिस्तर के प्रतिबिंब में नहीं दिखना चाहिए.
- नल से पानी का टपकना: घर में नल से पानी टपकना अशुभ माना जाता है. किचन, रसोईघर या दीवार से पानी का टूसना नकारात्मकता को जन्म देकर आर्थिक नुकसान और सेहत संबंधी समस्याएं पैदा करता है. टपकते नल को तुरंत ठीक करवाएं.
- घर में पौधों का महत्व: घर में तुलसी का पौधा, सीता अशोक, आंवला, हरश्रृंगार जैसे कम से कम दो पौधे होने चाहिए. ये अमन और समृद्धि बढ़ाते हैं. कैक्टस का घर में होना अशांति देता है. वायु शुद्ध करने वाले पौधे जैसे एरेका पाम, पीस लिली और स्नेक प्लांट भी घर के लिए अच्छे होते हैं, क्योंकि वे हवा और ऊर्जा को शुद्ध करते हैं.
- फिटकरी का उपयोग: फिटकरी नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित करती है और सकारात्मकता बढ़ाती है. एक छोटे कपड़े में फिटकरी का टुकड़ा बांधकर मुख्य द्वार के ऊपर लटकाने से नकारात्मक शक्तियां घर में प्रवेश नहीं करतीं. हर 15 दिन में फिटकरी को बदल दें. बाथरूम में कांच के कटोरे में फिटकरी का टुकड़ा रखने से नकारात्मक ऊर्जा सोख ली जाती है. फर्श की सफाई में फिटकरी के पानी का उपयोग करने से भी सकारात्मकता आती है.
- नमक का प्रयोग: वास्तु के अनुसार, नमक नकारात्मक ऊर्जा को सोखने की शक्ति रखता है. एक कटोरी में सेंधा नमक या समुद्री नमक लेकर घर के कोनों में रखें और हर 7 दिन में बदलते रहें. यह उपाय मानसिक तनाव, रोग और कलह को कम करता है. सप्ताह में एक बार (गुरुवार को छोड़कर) समुद्री नमक से पोंछा लगाने से घर में शांति रहती है और नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है.
- तिजोरी में धन वृद्धि के उपाय: तिजोरी में हल्दी की कुछ गांठें पीले वस्त्र में बांधकर रखें. साथ में कुछ कौड़ियां, इत्र की शीशी, चंदन की बट्टी, चांदी या तांबे के सिक्के भी रखें. कुछ चावल पीले करके तिजोरी में रखने से भी लाभ होता है.
- घर में कपूर जलाना: प्रतिदिन सुबह और शाम को कपूर जलाएं. घर के किसी स्थान पर वास्तु दोष हो तो वहां कपूर की एक डली बिना जलाए रख दें. कपूर जलाने से देवदोष और पितृदोष का शमन होता है.
- श्री यंत्र या वास्तु पिरामिड: श्री यंत्र और वास्तु पिरामिड को घर में रखने से ऊर्जा संतुलित होती है और वास्तु दोष दूर होते हैं. श्री यंत्र को घर के पूजा स्थल में रखकर नियमित रूप से जल व पुष्प अर्पित करें. यह समृद्धि, सुख और सौभाग्य को आकर्षित करता है.
- मंत्र जाप और श्रवण: ओम, गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र या श्रीराम-हनुमान चालीसा जैसे पवित्र मंत्रों का जाप या श्रवण घर की नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करता है. ये ध्वनियां एक दिव्य कंपन उत्पन्न करती हैं जो घर को पवित्र और शांत बनाती हैं.
- प्रकाश और हवा का संचार: घर के प्रत्येक कमरे में दिन में कुछ क्षणों के लिए ही सही, प्रकाश अवश्य फैलाना चाहिए. रोज सुबह एक घंटे के लिए घर के सभी खिड़की-दरवाजे खोल दें, ताकि ताजी हवा और सूर्य का प्रकाश घर में आ सके और सकारात्मकता बनी रहे.
वास्तु दोषों को समझना और उनका समाधान
वास्तु शास्त्र में घर की हर दिशा और वहां रखी वस्तु का विशेष महत्व होता है. यदि घर का कोई कोना गायब हो या घर अव्यवस्थित हो, तो यह वास्तु दोष का कारण बन सकता है. उदाहरण के लिए, शौचालय और स्नानघर हमेशा पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा में बनाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि ये ऐसे स्थान हैं जहां से शरीर के मल का त्याग होता है. किसी अन्य दिशा में शौचालय होने से वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है.
| स्थान | वास्तु के अनुसार रंग |
|---|---|
| प्रवेश कक्ष | सफेद, हल्का हरा, गुलाबी, नीला |
| लिविंग रूम/बैठक कक्ष | पीला, मटमैला, भूरा, हरा |
| भोजन कक्ष | हरा, नीला, हल्का गुलाबी |
| मुख्य शयन कक्ष | हरा, नीला, गुलाबी, हल्का रंग |
| बच्चों का कमरा | काला, नीला, हरा |
| रसोईघर (किचन) | सफेद |
| पूजा व आध्यात्म से संबंधित कमरा | गुलाबी, काला, हरा, लाल |
इसके अलावा, घर को सुंदर चित्रों, पर्दों, गुलदस्ते, पेंटिंग और पारंपरिक कलाकृतियों से सजाने से भी सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है. मुख्य द्वार की चौखट और दहलीज को मजबूत लकड़ी का बनाकर उसे सुंदर बनाएं. उस पर वंदनवार लगाएं, शुभ, लाभ और ओम का चिन्ह भी लगाएं. दहलीज को पारंपरिक तरीके से बनाकर उसके दोनों ओर स्वास्तिक लगाएं और आसपास सुंदर फूलों वाले गमले लगाएं. घर के बाहर बिजली का खंभा या पेड़ जैसी कोई रुकावट नहीं होनी चाहिए.
वास्तु दोष जीवन में कई तरह की परेशानियां ला सकते हैं, लेकिन ये सरल उपाय बिना तोड़फोड़ के भी प्रभावी हो सकते हैं. हालांकि, यदि इन उपायों से कोई असर न हो, तो किसी वास्तु शास्त्री से संपर्क करना उचित होता है.

