16.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Sarhul 2022: प्रकृति पर्व सरहुल की निकली शोभायात्रा में उमड़े लोग, मांदर की थाप पर झूमे महिला-पुरुष

Sarhul 2022: प्रकृति पर्व सरहुल लातेहार में हर्षोल्लास से मनाया गया. इस मौके पर निकाले गये शोभायात्रा का शुभारंभ मांदर बजाकर किया गया. वहीं, अतिथियों को मांदर की थाप पर थिरकते देखा गया.

Sarhul 2022: लातेहार जिला में हर्षोल्लास के साथ प्रकृति पर्व सरहुल मनाया गया. इस दौरान मनिका विधायक रामचंद्र सिंह और डीसी अबू इमरान ने मांदर बजाकर लोगों का उत्साह बढ़ाया. वहीं, पारंपरिक वेशभूषा में शोभायात्रा में शामिल हुए लोग मांदर की थाप पर जमकर थिरके.

Undefined
Sarhul 2022: प्रकृति पर्व सरहुल की निकली शोभायात्रा में उमड़े लोग, मांदर की थाप पर झूमे महिला-पुरुष 4

प्रकृति एवं पर्यावरण की रक्षा का संदेश देता सरहुल : मनिका विधायक

सरना समिति की ओर से आदिवासी वासाओड़ा में आयोजित सरहुल पूजा महोत्सव के मौके पर मनिका विधायक रामचंद्र सिंह ने कहा कि सरहुल पर्व हमें प्रकृति एवं पर्यावरण की रक्षा करने का संदेश देता है. प्रकृति के संरक्षण का पर्व है सरहुल. विधायक ने कहा कि प्रकृति का पर्व जल, जंगल एवं जमीन बचाने का त्योहार है. प्रकृति एवं जंगल से ही जीवन बच सकता है.

Undefined
Sarhul 2022: प्रकृति पर्व सरहुल की निकली शोभायात्रा में उमड़े लोग, मांदर की थाप पर झूमे महिला-पुरुष 5

अधिकारियों ने दिये संदेश

वहीं, डीसी अबु इमरान ने सरहुल पर्व पर लोगों को बधाई देते हुए जिला वासियों को प्रकृति की रक्षा करने का संकल्प लेने की अपील की. साथ ही कहा कि सरहुल पर्व हमें प्रकृति को बचाने का संदेश देती है. एसपी अंजनी अंजन ने कहा कि प्रकृति से लगाव व जुड़ाव जरूरी है, तभी हम प्रकृति की रक्षा कर सकते हैं. हमारी पीढ़ियां का लगाव प्रकृति से रहा है, इस कारण आज जल एवं जंगल सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि प्रकृति का संरक्षण सबसे अधिक झारखंड में होता है. जिसका प्रतीक सरहुल पर्व माना जा सकता है.

Also Read: सरहुल की निकली शोभायात्रा, नगाड़े और मांदर की थाप से गूंजा गुमला, पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुए लोग

सरहुल की परंपरा काफी पुरानी

वन प्रमंडल पदाधिकारी रोशन कुमार ने कहा कि सरहुल पर्व हमें जंगल की सुरक्षा करने का संदेश देता है. उन्होंने महुआ चुनने के लिए पेड़ों के नीचे आग नहीं लगाने की अपील की और कहा कि इससे वन एवं जंगल को काफी नुकसान होता है. कहा कि झारखंड में सरहुल की परंपरा काफी पुरानी है. पारंपरिक वाद्य यंत्र एवं वेशभूषा इस बात का प्रतीक है कि जंगल की सुरक्षा आपसे बेहतर कौन कर सकता है.

मांदर बजाकर शोभायात्रा की शुरुआत

इससे पहले सरना समिति के सचिव बिरसा मुंडा ने स्वागत भाषण दिया. अतिथियों का स्वागत पगड़ी बांध कर एवं सरहुल फूल देकर किया गया. अतिथियों ने सरहुल के मौके पर निकाली जाने वाली शोभायात्रा का शुभारंभ मांदर बजा कर किया. इस दौरान अतिथियों को मांदर की थाप पर थिरकते देखा गया. कार्यक्रम का संचालन रंथु उरांव ने किया. इसके बाद शहर में एक विशाल शोभायात्रा निकाली गयी. शोभा यात्रा में लातेहार समेत आसपास के दर्जनों अखाड़ों के महिला एवं पुरुष शामिल थे. शोभायात्रा में शामिल अखाड़ा के सदस्यों ने पारंपरिक नृत्य एवं गीत प्रस्तुत किया. शोभायात्रा में कई प्रतिष्ठान एवं संगठनों द्वारा लोगों के लिए शीतल पेयजल एवं शर्बत की व्यवस्था की गयी थी.

Posted By: Samir Ranjan.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel