30.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Pitru Paksha 2023: कुंडली में कैसे बनता है पितृ दोष, इस दोष से मुक्ति पाने के लिए पितृ पक्ष में करें ये उपाय

Pitru Paksha 2023: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब हमारे पूर्वजों की आत्माएं तृप्त नहीं होती, 84 लाख योनियों में भटकते रहते है तो ये आत्माएं पृथ्वी लोक में रहने वाले अपने वंश के लोगों को कष्ट देती हैं. इसी कष्ट को ज्योतिष शास्त्र में पितृदोष कहा गया है.

Pitru Paksha 2023: ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष को सबसे खतरनाक माना जाता है. अगर किसी जातक के कुंडली में पितृ दोष होता है तो उस जातक के जीवन में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होनी शुरू हो जाती है. ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश शास्त्री के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली में शुभ और अशुभ दोनों तरह के योग बनते हैं. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शुभ योग बनते हैं, तो व्यक्ति को जीवन में सुख-सुविधाएं और धन दौलत की प्राप्ति होती है. वहीं यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रह नक्षत्रों के संयोग से कोई अशुभ दोष का निर्माण होता है, तो ऐसे व्यक्ति को जीवन में काफी संघर्ष करना पड़ता है. इसके साथ ही उनको जीवन में सफलताएं बहुत कम मिलती हैं. शास्त्र में बताए गए दोषों में सबसे ज्यादा प्रभावी दोष कालसर्प दोष और पितृदोष को माना गया है.

कुंडली में कैसे होता है पितृ दोष का निर्माण

बता दें कि हिंदू धर्म में पूर्वजों का बहुत महत्व दिया जाता है. उनकी आत्मा की शांति के लिए व्यक्ति श्राद्ध, पिंडदान करते है. हर महीने की अमावस्या तिथि के अलावा पितृ पक्ष के 15 दिन पितरों को ही समर्पित होता है. इस समय पितरों की आत्मा की शांति के लिए और उनका आशीर्वाद पाने के लिए श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान, दान-पुण्य आदि किया जाता है. वहीं पितरों के नाराज होने पर कुंडली में पितृ दोष का निर्माण हो जाता है. पितृदोष के कारण जीवन में कई तरह की समस्या उत्पन्न हो जाती है. इसके साथ ही मनुष्य कई तरह के कष्टों का सामना करता है. ऐसे में आइए जानते है कि कुंडली में पितृ दोष का निर्माण कैसे होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है?

Also Read: Pitru Paksha 2023: पूर्णिमा के दिन से शुरू होंगे श्राद्ध पक्ष, यहां जानें पितृपक्षीय पिंडदान-तर्पण की तिथियां
क्या होता है पितृदोष

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब हमारे पूर्वजों की आत्माएं तृप्त नहीं होती, 84 लाख योनियों में भटकते रहते है तो ये आत्माएं पृथ्वी लोक में रहने वाले अपने वंश के लोगों को कष्ट देती हैं. इसी कष्ट को ज्योतिष शास्त्र में पितृदोष कहा गया है. मान्यताओं के अनुसार, मृत्यु लोक से हमारे पूर्वजों की आत्माएं अपने परिवार के सदस्यों को देखती रहती हैं. जो लोग अपने पूर्वजों का अनादर उनके बताये गए रास्ता पर नहीं चलते है, या उन्हें कष्ट पहुंचाते है. जिस कारण इससे दुखी दिवंगत आत्माएं उन्हें शाप देती हैं इसी शाप को पितृ दोष माना जाता है.

कैसे बनता है कुंडली में पितृ दोष

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी व्यक्ति की कुंडली के लग्न भाव और पांचवें भाव में सूर्य मंगल और शनि विराजमान होते हैं, तो पितृदोष का निर्माण हो जाता है. इसके अलावा कुंडली के अष्टम भाव में गुरु और राहु एक साथ आकर बैठते हैं, तो भी पितृदोष का निर्माण होता है. जब कुंडली में राहु केंद्र में या त्रिकोण में मौजूद होता है, तो पितृ दोष बनता है. इसके अलावा जब सूर्य, चंद्रमा और लग्नेश का राहु से संबंध होता है, तो जातक की कुंडली में पितृ दोष बनता है. जब कोई व्यक्ति अपने से बड़ों का अनादर करता है, या फिर उसकी हत्या कर देता है, तो ऐसे व्यक्ति को पितृ दोष लगता है और जीवन नरक बन जाता है.

Also Read: पितृ पक्ष में ऐसे करें पितरों का तर्पण, जानिए पिंडदान करने की सही तिथि और श्राद्ध की सम्पूर्ण जानकारी
पितृदोष के लक्षण

जब किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृदोष का निर्माण होता है. तो ऐसे व्यक्ति को अपने जीवन में कई तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे व्यक्ति के विवाह में देरी होती है. विवाह टूट सकती है. तलाक की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. वैवाहिक जीवन में हमेशा तनाव बना रहता है. ऐसी महिलाओं को गर्भधारण में समस्याएं आती हैं. बच्चे की अकाल मृत्यु हो सकती है. जीवन में कर्ज और नौकरी में परेशानियां आती रहती हैं. इसके अलावा ऐसे लोगों के घर में या परिवार में आकस्मिक निधन या दुर्घटना हो सकती है. लंबे समय से किसी बीमारी के चलते परेशान रह सकते हैं. परिवार में विकलांग या अनचाहे बच्चे का जन्म हो सकता है. ऐसे व्यक्ति को बुरी आदतों की लत भी लग सकती है.

पितृ दोष होने पर मिलते हैं ये संकेत

  • – यदि किसी जातक की कुंडली में पितृ दोष हो तो उसे अपनी जीवन में कई तरह के कष्ट झेलने पड़ते हैं. पितृ दोष के कारण शादी में भी बाधा आती है. ऐसे में विवाह में देरी होने लगती है. समय से शादी नहीं हो पाती है.

  • – पितृ दोष के कारण वंश वृद्धि रुक जाती है. ऐसे में संतान प्राप्ति में बाधा आ जाती है. इसके साथ ही संतान के करियर से सम्बंधित भी समस्या उत्पन्न हो जाती है.

  • – अगर किसी जातक के कुंडली में पितृ दोष होता है तो वह कई तरह की बीमारियों से ग्रसित हो जाते है. समय- समय पर उनका सेहत बिगड़ने लगता है, धीरे- धीरे वह मानसिक तनाव में आना शुरू हो जाते है.

पितृ दोष से मुक्ति के लिए करें उपाय

  • – पितृ दोष धन हानि और परिवार की तरक्की में रुकावट का कारण बनता है. कई कोशिशों के बाद भी व्यक्ति को सफलता नहीं मिल पाती है. पितरों के नाराज होने से व्यक्ति कंगाली की ओर चला जाता है. इसके साथ ही परिवार को आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ता है.

  • – पितृ दोष के कारण पारिवारिक कलह बनने लगते है. घर में झगड़े होते हैं. यदि बार-बार बिना कारण के घर में झगड़े हो रहे हों तो यह पितरों की नाराजगी का संकेत माना जा सकता है.

  • – पितृ दोष होने के कारण परिवार के सदस्यों के बीच तनाव की स्थिति बन जाते है. इसके साथ ही कोई न कोई सदस्य हमेशा बीमार रहता है. किसी बड़ी बीमारी से ग्रस्त रहता है, पितृ दोष होने से जातक के रोजगार में बाधा आती है. उन्हें मन मुताबिक नौकरी नहीं मिल पाती है.

Also Read: पितृ पक्ष में तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वज होते हैं प्रसन्न, श्राद्ध में जरूर शामिल करें ये विशेष सामग्री
पितृ दोष से मुक्ति के लिए करें ये आसान उपाय

  • – पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए प्रतिदिन पीपल के पेड़ में जल चढ़ाना चाहिए.

  • – जल में काले तिल को मिलाकर दक्षिण दिशा में अर्घ्य देने से भी पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.

  • – अमावस्या और पितृ पक्ष में श्राद्ध, पिंडदान आदि कर्म करने से भी पितृ दोष से मुक्ति पाया जा सकता है. इसके साथ ही इस उपाय को करने से न केवल पितृ दोष से मुक्ति मिलती है साथ ही इससे पितर भी प्रसन्न होते हैं.

  • – पितृ दोष को दूर करने के लिए पितृ पक्ष में स्वर्ण दान करना भी सबसे लाभकारी माना जाता है.

  • – कुंडली में पितृ दोष से मुक्ति के लिए व्यक्ति को अपने घर में हर अमावस्या पर श्रीमद्भागवत के गजेंद्र मोक्ष अध्याय का पाठ करना चाहिए.

पितृ दोष से मुक्ति के लिए जरूर करें ये काम

  • -प्रत्येक चतुर्दशी, अमावस्या और पूर्णिमा के एक दिन पहले पीपल पर दूध चढ़ाना चाहिए. ऐसा करने से न केवल पितृ दोष से छुटकारा मिलेगी बल्कि कालसर्प दोष से भी मुक्ति मिलेगी.

  • – यदि कुंडली में पितृ दोष बन रहा हो, तो जातक को अपने घर की दक्षिण दिशा की दीवार पर अपने स्वर्गीय परिजन का फोटो लगाकर उस पर हार चढ़ाना और रोज उनकी पूजा करके, उनसे आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए. इससे नाराज पितर प्रसन्न हो जाते है.

  • -पितृ दोष के उपाय के लिए व्यक्ति को काले कुत्ते को उड़द के आटे से बने रोटी हर शनिवार को खिलाने से शनि, राहु, केतु तीनों ग्रहों का नकारात्मक प्रभाव कम होता है और साथ ही मनुष्य पितृ दोष से मुक्ति पा लेता है.

  • -पितृ दोष को कम करने या मुक्ति पाने के लिए सर्वपितृ अमावस्या पर पितरों को खुश करने के लिए उनके चित्र पर पुष्प अर्पित करना चाहिए .

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें