Jharkhand News, Koderma News, कोडरमा न्यूज : कोडरमा जिले में गैरमजरुआ जमीन की एग्रीमेंट के आधार पर हो रही खरीद-बिक्री की मिल रही शिकायत को डीसी रमेश घोलप ने गंभीरता से लिया है. फर्जी तरीके से जमीन की खरीद-बिक्री को लेकर सामने आ रही शिकायत के बाद डीसी ने जीएम लैंड से संबंधित मामलों की जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया है. अपर समाहर्ता अनिल तिर्की की अध्यक्षता में गठित 5 सदस्यीय टीम में अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, जिला अवर निबंधक व अंचल अधिकारी कोडरमा को शामिल किया गया है.
कोडरमा डीसी रमेश घोलप ने जांच टीम को निर्देशित किया है कि वे प्रतिबंधित भूमि यानी गैरमजरुआ जमीन की रजिस्ट्री पर लगी रोक को पूर्णत: अनुपालन कराएं. साथ ही पूर्व के ऐसे मामले में संलिप्त पाये गये लोगों पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई करें. उन्होंने यह भी कहा है कि अवैध रूप से अतिक्रमण किये गये भूमि को चिह्नित कर उनको विमुक्त करने का अभियान भी चलाएं.
डीसी श्री घोलप ने बताया कि विगत 10 वर्षों में निबंधन कार्यालय, कोडरमा द्वारा यदि कतिपय लोगों का गलत इकरारनामा द्वारा पावर ऑफ अटर्नी के आधार पर भूमि का निबंधन किया गया है, तो इसे रद्द करने के लिए विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि भूमि की अवैध ट्रांसफर में संलिप्त सभी लोगों पर कार्रवाई होगी. चाहे वह सरकारी पदाधिकारी या कर्मी ही क्यों न हो.
जानकारी के अनुसार, डीसी ने गत 6 मार्च को नगर पर्षद क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न जगहों का निरीक्षण किया था. इस दौरान अवैध तरीके से भू- माफिया द्वारा भूमि का अतिक्रमण कर खरीद फरोख्त की बातें सामने आयी थी. यही नहीं गुमो, नवादा, झलपो के साथ-साथ इनसे जुड़े अन्य गैरमजरूआ भूमि पर भू- माफिया द्वारा अवैध निर्माण का मामला संज्ञान में आया.
पूछताछ के क्रम में पता चला कि कतिपय लोग फर्जी इकरारनामा बनाकर ऐसे जमीन की खरीद बिक्री कर रहे हैं. इस प्रकार के कृत्य से आमजन दिग्भ्रमित भी हो रहे हैं. ऐसे में मामले की गंभीरता को समझते हुए डीसी ने जांच के लिए कमेटी गठित की है.
डीसी ने बताया कि आये दिन जिले के सरकारी विभागों द्वारा अपना कार्यालय व अन्य सरकारी भवनों के निर्माण के लिए जिला प्रशासन से भूमि चिह्नित कर अधियाचित की जाती रही है. इसके लिए जमीन का न मिलना काफी खेदपूर्ण होता है, जबकि सरकारी या गैर मजरूआ भूमि को भूमाफिया धड़ल्ले से गलत इकरारनामा के आधार पर बेच रहे हैं.
डीसी ने बताया कि भूमि के हस्तांनातरण व खरीद बिक्री के लिए संबंधित क्षेत्रों के राजस्व से जुड़े पदाधिकारी व कर्मी पूर्णरूपेण उत्तरदायी होते हैं. ऐसे में उनके कार्य प्रणाली भी संदेह के घेरे में आती है.
Posted By : Samir Ranjan.

